आगरा: स्पेशल जज उमाकांत जिंदल ने शुक्रवार को आगरा रेंज आईजी ए सतीश गणेश को आदेश दिया है, कि फतेहपुर सीकरी से बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर को 10 दिन में गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश करें. 27 साल पुराने मामले में सांसद सहित चार आरोपी फरार चल रहे हैं. दरअसल इन चारों के नाम पहले ही गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे, लेकिन मामले में एसएसपी सांंसद को अभी तक कोर्ट में हाजिर नहीं करा सकें. इस पर कोर्ट ने इस बार आईजी को आदेश दिए हैं. वहीं इस मामले में पहले ही बीजेपी विधायक योगेंद्र उपाध्याय सहित अन्य आरोपी कोर्ट में सरेंडर कर जमानत पर हैं.
यह था मामला
तत्कालीन कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं पर टिप्पणी की थी. इसके विरोध में 3 जनवरी 1993 को भाजपाई ने कैंट स्टेशन पर ट्रेन रोककर तोड़फोड़ की थी. वहीं शताब्दी एक्सप्रेस में तत्कालीन मंत्री माधवराव सिंधिया भी अपने परिवार के साथ थे. इसी के चलते एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
जानलेवा हमला और बलवा में गैरजमानती वारंट
बता दें कि, फतेहपुर सीकरी के बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर, ब्रज प्रांत के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, मुकेश गुप्ता और त्रिलोकीनाथ अग्रवाल के फिर से गैर जमानती वारंट जारी हुए हैं. क्योंकि, यह चारों ही फरार चल रहे हैं. साथ ही इन पर साल 1993 में जानलेवा हमले, बलवा और तोड़फोड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसमें पहले कोर्ट ने एसएसपी को आदेश दिए थे, कि गैर जमानती वारंट तामील कराए जाएं, लेकिन न तो आरोपी खुद कोर्ट में हाजिर हुए और न ही पुलिस ने वारंट तामील कराए. कोर्ट ने इसके चलते अब आईजी को आदेश दिया है कि एसएचओ को सख्त निर्देश दें कि आरोपियों को 27 जनवरी से पहले हर हाल में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें.