आगरा: जिले में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का मामला एक बार फिर सामने आया है. यहां चार लोगों ने अलग-अलग पीएम मोदी और सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर अधिकारियों की शिकायत की है. भ्रष्टाचार के इस मामले के सामने आने के बाद आगरा निगम और भारत सरकार द्वारा शहरों को चमकाने के लिए बनाई गई योजना के तहत गठित स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारी सवालों के घेरे में हैं. मुख्यमंत्री और सीएम योगी को लिखी गई चिट्ठी में गंभीर आरोप मंडलायुक्त अनिल कुमार, नगर आयुक्त अरुण प्रकाश समेत कई अधिकारियों पर लगाए गए हैं. चिट्ठी में इन लोगों ने आरोप लगाए हैं कि आगरा नगर निगम में स्मार्ट सिटी के कार्यों में ठेकेदारों से करोड़ों की कमीशन की कमाई का खेल चल रहा है. यहां पर 4.5 प्रतिशत से ज्यादा का कमीशन वसूला गया है.
चिठ्ठी बम से मच गया हड़कंप
जिस चिठ्ठी बम ने नगर निगम के भ्रष्टाचार की पोल खोली है. उसमें साफ लिखा है कि नगर निगम के कुछ अधिकारी ठेकेदारों से 5 प्रतिशत से लेकर 27 प्रतिशत तक का कमीशन वसूल रहे हैं. वहीं, स्मार्ट सिटी के कार्यों में 4.5 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है. इस चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि आगरा कमिश्नर अनिल कुमार को 1 प्रतिशत, नगर आयुक्त अरुण प्रकाश को 2 प्रतिशत, अपर नगर आयुक्त केबी सिंह को 0.7 प्रतिशत, नोडल अधिकारी आरके सिंह को 0.7 प्रतिशत और नगर आयुक्त के निजी सचिव को 0.1 प्रतिशत का कमीशन जाता है. चिट्ठी में शिकायतकर्ता ने सभी अधिकारियों को आगरा से हटाने और उन पर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है. इतना ही नहीं इस चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया गया है कि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके सिंह को स्मार्ट सिटी का नोडल अधिकारी इसलिए बनाया गया है, ताकि वे ठेकेदारों से वसूली करके अधिकारियों तक कमीशन की रकम पहुंचा सकें.