आगरा : सीएम योगी ने मंगलवार देर शाम लखनऊ से वर्चुअली आगरा में बन रहे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का शिलान्यास किया. दरअसल, कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर 280 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट का भूमि पूजन किया गया. प्लांट के तैयार होने के बाद ताजनगरी में हर दिन करीब 750 मीट्रिक टन कूड़े से 15 मेगावाट बिजली बनेगी. इससे शहर से निकलने वाले कूड़ा का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होगा और पर्यावरण भी प्रभावित नहीं होगा.
बता दें कि, अक्टूबर-2017 में चेकोस्लोवाकिया (चेक रिपब्लिक) की कंपनी स्पार्क ब्रेसन ने ताजनगरी में कूड़ा से बिजली बनाने को कुबेरपुर स्थित लैंडफिल साइट पर प्रोजेक्ट लगाने की पेशकश की थी. तब कंपनी ने 175 करोड़ की लागत से प्लांट लगाने की योजना नगर निगम के साझा की थी. इसमें नगर निगम का एक भी रुपए खर्च नहीं होगा. कंपनी कूड़े से बिजली बनाकर के उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन को बेचेगी. अब इस प्लांट में हर दिन आगरा का 750 मीट्रिक टन कूड़ा से 15 मेगावाट बिजली बनेगी. प्लांट की लागत अब 175 करोड़ रुपए से बढ़कर 280 करोड़ पर हो गई है.
मिली सभी एनओसी, 24 माह में बनकर होगा प्लांट तैयार
आगरा नगर निगम के नगरायुक्त निखिल टी. फुंडे का कहना है कि, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए जाने के लिए 17 विभागों की एनओसी मिल गई है. कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने के प्लांट का मंगलवार दोपहर को भूमि पूजन किया गया था. शाम को सीएम योगी वर्चुअली इसका शिलान्यास किया है. लगभग दो वर्ष में यह प्लांट लग जाएगा. यह प्लांट एक छोटा बिजलीघर की तरह होगा. यहां पर हर दिन शहर के कूड़े से 15 मेगावाट बिजली बनेगी. स्थित शहर के बाहर लगने वाले कूड़े के ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से मुक्ति मिलेगी. पर्यावरण पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.
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फरवरी-2021 में मिली थी सुप्रीम कोर्ट से अनुमति
नगर आयुक्त निखिल टी. फुंडे ने बताया कि, आगरा नगर निगम के कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट की सुप्रीम कोर्ट से अनुमति 18 फरवरी 2021 को मिली थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने कूड़े का निपटारा करना, पर्यावरण के लिए जरूरी बताया था. इस मामले में सॉलिसिटर तुषार मेहता ने पैरवी की थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि, नेशनल एनवायरमेंट एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टीम ने कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट पर कोई आपत्ति नहीं दी है. नीरी के सुझाव के मुताबिक ही काम होगा.
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