आगरा: मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी उफान पर है. गुरुवार रात से अचानक चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने लगा. कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गई है. जिला प्रशासन ने चंबल के बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं. चंबल नदी में स्टीमर सेवा बंद कर दी गई है, जिससे एमपी और राजस्थान आने जाने वालों को परेशानी हो रही है.
नदी पहुंची खतरे के निशान के नजदीक
- चंबल नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 129 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 132 मीटर है.
- चंबल नदी पिनाहट घाट पर महज खतरे के निशान से 3 मीटर दूर बह रही है.
- नदी के जलस्तर के बढ़ने का सिलसिला जारी है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट पर जारी कर दिया है.
- एडीएम आपदा प्रबंधन रमेश चंद्र ने टीमें बनाकर तटवर्ती गांवों का सर्वे कराया है.
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प्रशासन ने दिए निर्देश
- बाढ नियंत्रण चौकियां तैनात की गई हैं, जिन गांव में नदी के पानी के भरने की आशंका है, उनकी पल-पल नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
- बाह और पिनाहट क्षेत्र के गांव चंबल की तलहटी में बसे गौहरा, भटपुरा, रानीपुरा, कछियारा, उमरेठापूरा, बीचकापुरा, रेहा, गुढ़ा, शिवलालकापुरा, जेबरा, डोंगरा गांव चंबल नदी के चपेट में आ गए हैं.
- ग्रामीण प्रशांत कुमार का कहना है कि चंबल नदी में स्थित शिव मंदिर पानी में समा गया है.
- ग्रामीण विवेक सिंह ने बताया कि पानी का बहाव तेज होने और चंबल का जलस्तर बढ़ने से स्ट्रीमर नहीं चलाया जा रहा है.
वन विभाग के अनुसार राजस्थान स्थित कोटा बैराज से तीन बार में बुधवार को 77800 हजार क्यूसेक, गुरुवार सुबह 24000 क्यूसेक, गुरुवार को ही दोपहर करीब 60,600 क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया, जो शनिवार तक पिनाहट घाट पहुंच रहा है. इसे देखते हुऐ शासन-प्रशासन नदी पर नजर बनाए हुए हैं.
चंबल के बढ़ते जलस्तर को लेकर एमपी और राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क में हैं. सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं.
रमेश चंद्र, एडीएम एफआर