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उफान पर चंबल नदी, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

उत्तर प्रदेश के आगरा में चंबल नदी उफान पर है. नदी के जलस्तर के बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ नियंत्रण के लिए चौकियां बनाई गई हैं और स्टीमर सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं.

आगरा में उफान पर चंबल नदी.
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Published : Aug 17, 2019, 9:40 PM IST

आगरा: मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी उफान पर है. गुरुवार रात से अचानक चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने लगा. कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गई है. जिला प्रशासन ने चंबल के बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं. चंबल नदी में स्टीमर सेवा बंद कर दी गई है, जिससे एमपी और राजस्थान आने जाने वालों को परेशानी हो रही है.

आगरा में उफान पर चंबल नदी.


नदी पहुंची खतरे के निशान के नजदीक

  • चंबल नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 129 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 132 मीटर है.
  • चंबल नदी पिनाहट घाट पर महज खतरे के निशान से 3 मीटर दूर बह रही है.
  • नदी के जलस्तर के बढ़ने का सिलसिला जारी है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट पर जारी कर दिया है.
  • एडीएम आपदा प्रबंधन रमेश चंद्र ने टीमें बनाकर तटवर्ती गांवों का सर्वे कराया है.

पढ़ें- वाराणसी: हर नाव पर जरूरी हुई लाइफ जैकेट और डस्टबिन

प्रशासन ने दिए निर्देश

  • बाढ नियंत्रण चौकियां तैनात की गई हैं, जिन गांव में नदी के पानी के भरने की आशंका है, उनकी पल-पल नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
  • बाह और पिनाहट क्षेत्र के गांव चंबल की तलहटी में बसे गौहरा, भटपुरा, रानीपुरा, कछियारा, उमरेठापूरा, बीचकापुरा, रेहा, गुढ़ा, शिवलालकापुरा, जेबरा, डोंगरा गांव चंबल नदी के चपेट में आ गए हैं.
  • ग्रामीण प्रशांत कुमार का कहना है कि चंबल नदी में स्थित शिव मंदिर पानी में समा गया है.
  • ग्रामीण विवेक सिंह ने बताया कि पानी का बहाव तेज होने और चंबल का जलस्तर बढ़ने से स्ट्रीमर नहीं चलाया जा रहा है.

वन विभाग के अनुसार राजस्थान स्थित कोटा बैराज से तीन बार में बुधवार को 77800 हजार क्यूसेक, गुरुवार सुबह 24000 क्यूसेक, गुरुवार को ही दोपहर करीब 60,600 क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया, जो शनिवार तक पिनाहट घाट पहुंच रहा है. इसे देखते हुऐ शासन-प्रशासन नदी पर नजर बनाए हुए हैं.


चंबल के बढ़ते जलस्तर को लेकर एमपी और राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क में हैं. सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं.
रमेश चंद्र, एडीएम एफआर

आगरा: मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी उफान पर है. गुरुवार रात से अचानक चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने लगा. कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गई है. जिला प्रशासन ने चंबल के बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं. चंबल नदी में स्टीमर सेवा बंद कर दी गई है, जिससे एमपी और राजस्थान आने जाने वालों को परेशानी हो रही है.

आगरा में उफान पर चंबल नदी.


नदी पहुंची खतरे के निशान के नजदीक

  • चंबल नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 129 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 132 मीटर है.
  • चंबल नदी पिनाहट घाट पर महज खतरे के निशान से 3 मीटर दूर बह रही है.
  • नदी के जलस्तर के बढ़ने का सिलसिला जारी है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट पर जारी कर दिया है.
  • एडीएम आपदा प्रबंधन रमेश चंद्र ने टीमें बनाकर तटवर्ती गांवों का सर्वे कराया है.

पढ़ें- वाराणसी: हर नाव पर जरूरी हुई लाइफ जैकेट और डस्टबिन

प्रशासन ने दिए निर्देश

  • बाढ नियंत्रण चौकियां तैनात की गई हैं, जिन गांव में नदी के पानी के भरने की आशंका है, उनकी पल-पल नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
  • बाह और पिनाहट क्षेत्र के गांव चंबल की तलहटी में बसे गौहरा, भटपुरा, रानीपुरा, कछियारा, उमरेठापूरा, बीचकापुरा, रेहा, गुढ़ा, शिवलालकापुरा, जेबरा, डोंगरा गांव चंबल नदी के चपेट में आ गए हैं.
  • ग्रामीण प्रशांत कुमार का कहना है कि चंबल नदी में स्थित शिव मंदिर पानी में समा गया है.
  • ग्रामीण विवेक सिंह ने बताया कि पानी का बहाव तेज होने और चंबल का जलस्तर बढ़ने से स्ट्रीमर नहीं चलाया जा रहा है.

वन विभाग के अनुसार राजस्थान स्थित कोटा बैराज से तीन बार में बुधवार को 77800 हजार क्यूसेक, गुरुवार सुबह 24000 क्यूसेक, गुरुवार को ही दोपहर करीब 60,600 क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया, जो शनिवार तक पिनाहट घाट पहुंच रहा है. इसे देखते हुऐ शासन-प्रशासन नदी पर नजर बनाए हुए हैं.


चंबल के बढ़ते जलस्तर को लेकर एमपी और राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क में हैं. सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं.
रमेश चंद्र, एडीएम एफआर

Intro:आगरा
मध्यप्रदेश व राजस्थान में लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी उफान पर है. गुरुवार रात से चंबल अचानक चंबल का जल स्तर बढ़ने लगा. कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोडे जाने के बाद चंबल नदी के खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गई है. जिला प्रशासन ने चंबल के बढ़ते जल स्तर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं. चंबल में स्टीमर सेवा बंद कर दी गई है. जिससे एमपी और राजस्थान आने जाने वालों को परेशानी हो रही है.


Body:चंबल नदी का जल स्तर शनिवार सुबह 129 मीटर तक पहुंच गया है. जबकि खतरे का निशान 132 मीटर पर है. चंबल नदी पिनाहट घाट पर महज खतरे के निशान से 3 मीटर दूर बह रही है, नदी के जलस्तर के बढने का सिलसिला जारी है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट पर जारी किया है. एडीएम आपदा प्रबंधन रमेश चंद्र ने टीमें बनाकर तटवर्ती गांवो का सर्वे कराया है. बाढ नियंत्रण चोकियां तैनात की गई है जिन गांव मे नदी के पानी के भरने की आशंका है, उनकी पल-पल नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
उपजिलाधिकारी बाह महेश प्रकाश गुप्ता ने चंबल के पानी के बहाव को देखते हुए चंबल के बीहड़ में चारवाहों को अपने पशुओं को चंबल के बीहड़ में नहीं ले जाने के निर्देश दिए गए, तो वहीं प्रशासन चंबल के पानी पर निगाहें बनाए रखा है. कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है तो कई गांव तहसील मुख्यालय से संपर्क हमसे दूर हैं,जहां प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं. बाह और पिनाहट क्षेत्र के गांव चंबल की तलहटी में बसे गौहरा, भटपुरा, रानीपुरा, कछियारा, उमरेठापूरा ,बीचकापुरा, रेहा, गुढ़ा, शिवलालकापुरा, जेबरा, डोंगरा गांव चंबल नदी के पानी की चपेट में आ गए हैं.
ग्रामीण प्रशांत कुमार का कहना है कि, चंबल नदी में स्थित शिव मंदिर पानी में समा गया है. पहले उस मंदिर में पूजा होती थी.
ग्रामीण विवेक सिंह ने बताया कि, उसे अंबा जाना था, इसलिए चंबल घाट पर आया था. 2 घंटे से ज्यादा समय हो गया है. यहां और भी लोग बैठे हुए हैं. लेकिन पानी का बहाव तेज होने और चंबल का जलस्तर बढ़ने से स्ट्रीमर नहीं चलाया जा रहा है.
ग्रामीण विष्णु वर्मा का कहना है कि, चंबल नदी में भारी उफान है. इसके चलते जो आसपास के खेतों में भी पानी भर गया है. लगातार चंबल नदी का जलस्तर बढ़ रहा है.

एडीएम एफआर रमेश चंद्र ने बताया कि चंबल के बढ़ते जल स्तर को लेकर एमपी और राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क में हैं. सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं.

Conclusion:वन विभाग के अनुसार राजस्थान स्थित कोटा बैराज से तीन बार में बुधवार को 77800 हजार क्यूसेक, गुरुवार सुबह 24000 क्यूसेक, गुरुवार को ही दोपहर करीब 60,600 क्यूसेक पानी चंबल मे गुरुवार को छोडा गया. जो शनिवार तक पिनाहट घाट पहुंच रहा है. जिसे देखते हुऐ शासन प्रशासन नदी पर नजर बनाए हुए है.

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पहली बाइट प्रशांत कुमार , ग्रामीण ।
दूसरी बाइट विवेक सिंह, ग्रामीण ।
तीसरी बाइट विष्णु वर्मा, ग्रामीण ।
चौथी बाइट रमेश चंद्र, एडीएम एफआर आगरा।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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