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वर्ल्ड म्यूजियम डे: मुगलकालीन तीर- तलवार को देखकर बच्चे हुए खुश - tajmahal in agra

ताजनगरी आगरा में वर्ल्ड म्यूजियम डे पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें छात्र-छात्राओं को देश के पुराने इतिहास के बारे में बताया गया. साथ ही छात्र-छात्राओं ने म्यूजियम में मुगलकालीन तीर-तलवार को देखकर खुशी जाहिर की.

बच्चों ने मनाया वर्ल्ड म्यूजियम डे.
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Published : May 18, 2019, 8:33 PM IST

आगरा : वर्ल्ड म्यूजियम डे पर शनिवार को ताजमहल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें स्कूली बच्चे शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों ने बच्चों को म्यूजियम और अपने पुराने इतिहास के बारे में बताया और विरासत को बर्बाद होने से बचाने में यूथ किस तरह आगे आ सकते हैं, इस बारे में भी जानकारी दी.

बच्चों ने मनाया वर्ल्ड म्यूजियम डे.

बच्चों को ताज म्यूजियम घुमाया गया और उन्हें मुगल काल के इतिहास के तलवार, तीर, खानपान और ताजमहल बनाने सहित अन्य तमाम वस्तुओं और चीजों की जानकारी दी गई.

वर्ल्ड म्यूजियम डे पर दिखा उत्साह
⦁ छात्रा अर्सिता सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में हमारा ज्ञान वर्धन हुआ और हमें पता चला कि मुगल काल और अन्य काल में लोग किस तरह से रहते थे.
⦁ शिक्षक सोनम गुप्ता ने कहा कि कार्यक्रम में बच्चों को तमाम जानकारियां मिलीं और बच्चे म्यूजियम देख कर बहुत खुश हुए.
⦁ कार्यक्रम में शामिल हुए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गजेंद्र सिंह ने बताया कि इतिहास विकास की वजह बनता है. इसलिए बच्चों को इतिहास और विरासत के बारे में बताया गया. उन्होंने बताया कि जो विजिटर्स ताजमहल देखने आते हैं उनमें से 90 प्रतिशत लोग ताज महल देख करके चले जाते हैं, लेकिन म्यूजियम नहीं देखते हैं.

'बच्चों को यह बताया गया कि किस तरह से अपनी विरासत को हम अच्छी तरह से रख सकते हैं. अपनी विरासत को खराब नहीं करना. उस पर खरोच न करें और दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें'.
-दिवाकर सिंह, उप अधीक्षक पुरातत्वविद अभियंता, एएसआई

'हर म्यूजियम में प्राचीन समय के लोगों के पहनावे, रहने और खाने के स्टाइल सहित अन्य तमाम ऐसी वस्तुएं है, जो उस समय उपयोग की जाती थीं. उन सब को म्यूजियम में रखा जाता है. ताज महल के ताज म्यूजियम में भी तमाम मुगल काल की ऐसी वस्तुएं, तीर, तलवार सहित अन्य तमाम सामान रखे गए हैं'.
-आरके सिंह, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद और म्यूजियम प्रभारी, एएसआई

आगरा : वर्ल्ड म्यूजियम डे पर शनिवार को ताजमहल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें स्कूली बच्चे शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों ने बच्चों को म्यूजियम और अपने पुराने इतिहास के बारे में बताया और विरासत को बर्बाद होने से बचाने में यूथ किस तरह आगे आ सकते हैं, इस बारे में भी जानकारी दी.

बच्चों ने मनाया वर्ल्ड म्यूजियम डे.

बच्चों को ताज म्यूजियम घुमाया गया और उन्हें मुगल काल के इतिहास के तलवार, तीर, खानपान और ताजमहल बनाने सहित अन्य तमाम वस्तुओं और चीजों की जानकारी दी गई.

वर्ल्ड म्यूजियम डे पर दिखा उत्साह
⦁ छात्रा अर्सिता सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में हमारा ज्ञान वर्धन हुआ और हमें पता चला कि मुगल काल और अन्य काल में लोग किस तरह से रहते थे.
⦁ शिक्षक सोनम गुप्ता ने कहा कि कार्यक्रम में बच्चों को तमाम जानकारियां मिलीं और बच्चे म्यूजियम देख कर बहुत खुश हुए.
⦁ कार्यक्रम में शामिल हुए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गजेंद्र सिंह ने बताया कि इतिहास विकास की वजह बनता है. इसलिए बच्चों को इतिहास और विरासत के बारे में बताया गया. उन्होंने बताया कि जो विजिटर्स ताजमहल देखने आते हैं उनमें से 90 प्रतिशत लोग ताज महल देख करके चले जाते हैं, लेकिन म्यूजियम नहीं देखते हैं.

'बच्चों को यह बताया गया कि किस तरह से अपनी विरासत को हम अच्छी तरह से रख सकते हैं. अपनी विरासत को खराब नहीं करना. उस पर खरोच न करें और दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें'.
-दिवाकर सिंह, उप अधीक्षक पुरातत्वविद अभियंता, एएसआई

'हर म्यूजियम में प्राचीन समय के लोगों के पहनावे, रहने और खाने के स्टाइल सहित अन्य तमाम ऐसी वस्तुएं है, जो उस समय उपयोग की जाती थीं. उन सब को म्यूजियम में रखा जाता है. ताज महल के ताज म्यूजियम में भी तमाम मुगल काल की ऐसी वस्तुएं, तीर, तलवार सहित अन्य तमाम सामान रखे गए हैं'.
-आरके सिंह, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद और म्यूजियम प्रभारी, एएसआई

Intro:आगरा.
वर्ल्ड म्यूजियम डे पर शनिवार को ताजमहल में आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चे शामिल हुए. अतिथियों ने बच्चों को म्यूजियम के बारे में बताया, कि किस तरह से म्यूजियम में पुरानी विरासत और उपयोगी वस्तुओं और साजो सामान को सहेज कर रखा जाता है. विरासत को बर्बाद होने से बचाने में यूथ किस तरह आगे आ सकते हैं और वह कैसे लोगों को म्यूजियम के बारे में और पुरानी विरासत के बारे में अपने पड़ोसी और अन्य को जागरूक कर सकते हैं. इसके बाद बच्चों को ताज म्यूजियम घुमाया गया और उन्हें मुगल काल के इतिहास के तलवार, तीर, खानपान और ताजमहल बनाने सहित अन्य तमाम वस्तुओं और चीजों की जानकारी दी गई.


Body: यूनेस्को के निर्देश पर वर्ल्ड म्यूजियम डे 18 मई को मनाया जाता है. शनिवार को ताजमहल में भारतीय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की ओर से स्कूली बच्चों के लिए ताजमहल सि्थत ताज म्यूजियम में एक कार्यक्रम रखा गया. जिसमें कई स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया. कार्यक्रम में बच्चों को मुख्य अतिथियों ने म्यूजियम और अपने पुराने इतिहास और विरासत की जानकारी दी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गजेंद्र सिंह, सहायक अधीक्षक पुरातत्वविद आरके सिंह, सीए ताजमहल अंकित नामदेव सहित अन्य एएसआई कर्मचारी मौजूद रहे.

छात्रा अर्सिता सिंह ने बताया कि म्यूजियम के बारे में हमें बहुत अच्छी बातें बताई गई. हमारा ज्ञान वर्धन हुआ. हमें पता पड़ा कि किस तरह से मुगल काल और अन्य काल में लोग रहते थे. क्या उनका खान पान था. किस तरह से पहनावा था. इन सब की जानकारी हुई.
शिक्षक सोनम गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में बच्चों को तमाम जानकारियां मिलीं. जिससे वे बहुत खुश हैं. उन्हें बहुत अच्छा लगा और उन्होंने अच्छी तरह से म्यूजियम भी देखा. तो उनकी खुशी बहुत बढ़ गई.
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गजेंद्र सिंह ने बताया कि इतिहास विकास की वजह बनता है. इसलिए बच्चों को इतिहास और विरासत के बारे में बताया गया. उन्हें समझाया गया. ताजमहल को लेकर तमाम यूनिक जानकारी ताज म्यूजियम में हैं. ताजमहल देखने जो विजिटर्स आते हैं. उनमें से 90 प्रतिशत लोग ताज महल देख करके चले जाते हैं, लेकिन म्यूजियम नहीं देखते हैं. विजिटर्स ताजमहल आकर पहले म्यूजियम देखें और उसके बाद ताजमहल देखें तो उन्हें बहुत ही जानकारी मिलेगी और तमाम बातों को अच्छी तरह से समझ सकेंगे.
एएसआई के उप अधीक्षक पुरातत्वविद अभियंता दिवाकर सिंह ने बताया कि बच्चों को यह बताया गया कि किस तरह से अपनी विरासत को हम अच्छी तरह से रख सकते हैं. अपनी विरासत को खराब नहीं करना. उस पर खरोच न करें. खुद तो यह सब करें, दूसरे लोगों को भी इस बारे में जागरूक करें. यह बच्चों को समझाया गया है.
एएसआई के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद और म्यूजियम प्रभारी आरके सिंह ने बताया कि हर म्यूजियम में उस प्राचीन समय और काल के लोगों के पहनावे का स्टाइल, रहने का स्टाइल, खाने का स्टाइल सहित अन्य तमाम ऐसी वस्तु है, जो पूरा जो उस समय उपयोग की जाती थीं. उन सब को म्यूजियम में रखा जाता है. ताज महल के ताज म्यूजियम में तमाम मुगल काल की ऐसी वस्तुएं, तीर, तलवार सहित अन्य तमाम सामान और समान रखे गए हैं, जो मुगल काल में उपयोग किए गए थे.


Conclusion:पहली बाइट छात्रा अर्सिता सिंह, दूसरी बाइट शिक्षक सोनम गुप्ता, तीसरी बाइट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गजेंद्र सिंह , चौथी बाइट एएसआई के उप अधीक्षक पुरातत्वविद अभियंता दिवाकर सिंह और पांचवीं बाइट एएसआई के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद और म्यूजियम प्रभारी आरके सिंह की.
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