आगरा: देहरादून से आगरा आई सीबीआई टीम ने दो दिन तक डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में छानबीन की. इसके बादशुक्रवार देर शाम देहरादून रवाना हो गई.टीम ने विश्वविद्यालय के चार्ट रूम के साथ ही तमाम अन्य विभागों में छानबीन की.विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग के कई कर्मचारी और अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई.
मामला डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीए के फर्जी दस्तावेजों से चार अभ्यर्थियों के उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पाने का है.जिसकी जांच सीबीआई कर रही हैं.डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाण पत्रों की छानबीन करने सीबीआई गुरुवार को आगरा आई.
सीबीआई टीम ने सभी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की जांच की तो फर्जीवाड़ा खुलासा हुआ, क्योंकि सभी अभ्यर्थियों की माध्यमिक शिक्षा के प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं.इन्हीं प्रमाण पत्रों के आधार पर अभ्यर्थियों ने नौकरी पाई थी. विश्वविद्यालय के सूत्रों की मानें तो दस्तावेज की जांच कराने के लिए आई टीम ने दस्तावेज कर्मचारियों को दिए तो कर्मचारियों ने उन्हें देखते ही पहचान लियाकि यह फर्जी हैं. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय पूर्व में प्रमाण-पत्र को सत्यापित भी कर चुका है.
सत्यापन के दौरान तत्कालीन कुलसचिव के भी उस पर हस्ताक्षर हैं.पहले ही उसी सत्र के दस्तावेजों से सरकारी नौकरी पाने के मामले की जांच एसआईटी कर रही है.ऐसे में अब सीबीआई की जांच से विश्वविद्यालय में एक बार फिर हड़कंप मच गया है.
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव केएन सिंह का कहना है कि देहरादून से सेंट्रल जांच एजेंसी की टीम आई थी.टीम को उनकी डिमांड पर तमाम दस्तावेज दिखाए.टीम ने दस्तावेजों का मिलान किया, जिसमें गड़बड़ है.