हर घर में रसोई का बहुत महत्व होता है. क्योंकि पूरे परिवार का स्वास्थ्य रसोई पर निर्भर करता है. अगर किचन साफ न हो तो बैक्टीरिया फैलने का खतरा रहता है. इससे अंतरालीय फेफड़े की बीमारी से संक्रमित होने की संभावना रहती है. बहुत से लोग सोचते हैं कि रोजाना किचन की सफाई करने से कीटाणुओं, वायरस या बैक्टीरिया से छुटकारा मिल सकता है. लेकिन किचन को साफ करने के लिए आप क्या इस्तेमाल करते हैं, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है. कई लोग किचन को साफ करने के लिए स्पंज या स्क्रब का इस्तेमाल करते हैं. किचन के स्लैब, गैस स्टोव या रोजमर्रा के बर्तनों को स्क्रब से साफ किया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बर्तन साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्पंज या स्क्रब बहुत खतरनाक होता है..? जर्मनी में फर्टवांगेन विश्वविद्यालय में 2017 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, रसोई के स्क्रब और स्पंज में टॉयलेट सीट की तुलना में अधिक बैक्टीरिया होते हैं. इसीलिए विशेषज्ञों का कहना है कि स्पंज या स्क्रब का इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि अगर इसका रखरखाव ठीक से न किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरा है. स्पंज से किस प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं और यह कितना खतरानक हो सकता है इस खबर के माध्यम से पढ़िए....
ऐसे इस्तेमाल करना हो सकता है बेहद खतरनाक
अधिकांश घर दिन में कम से कम 2 से 3 बार स्पंज या स्क्रब का उपयोग करते हैं. इसलिए स्पंज हमेशा गीला रहता है. सूखा नहीं रहता, जिसकी वजह से नमी के कारण उसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. इसके अलावा, भोजन के छोटे-छोटे कण स्पंज या स्क्रब के अंदरूनी हिस्सों में फंस जाते है, जिसके परिणामस्वरूप, बैक्टीरिया और अधिक पनपते हैं. इससे बीमारियां होने का खतरा बना रहता है. इसलिए इस खतरे से बचने के लिए स्पंज का सूखा रहना जरूरी होता है
जानलेवा बीमारियों का खतरा..
यदि स्पंज का ठीक से रखरखाव न किया जाए तो बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रति घन मीटर स्पंज में 54 अरब बैक्टीरिया होते हैं. साथ ही.. इस्तेमाल किए गए स्पंज को ठीक से साफ करना चाहिए. नहीं तो बैक्टीरिया और अधिक फैलेंगे. इसके साथ ही किडनी फेल होने का भी खतरा रहता है. इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निमोनिया, ब्लड पॉइजनिंग और मेनिनजाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियां होने का भी खतरा रहता है. स्पंज में कई खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं. अध्ययनों से क्लेबसिएला, साल्मोनेला, ई-कोली, एंटरोबैक्टर, कैम्पिलोबैक्टर जैसे घातक बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता चला है.
महीने में दो बार स्पंज या स्क्रब कब बदलें
किचन में लंबे समय तक स्क्रब या स्पंज का इस्तेमाल न करें.लंबे समय तक उपयोग से बैक्टीरिया का विकास हो सकता है. उल्टी, दस्त या पेट की समस्या भी संभव है. इसलिए किचन स्क्रब को हर दो या तीन हफ्ते में बदलना चाहिए. हालांकि, आपके द्वारा स्पंज का उपयोग करने की अवधि पर भी विचार किया जाना चाहिए.
स्पंज को बैक्टीरिया से कैसे बचाएं?
बैक्टीरिया से बचाव के लिए किचन स्पंज को रोजाना साफ करना चाहिए. साथ ही उन्हें रसोई में नमी वाले क्षेत्रों से दूर रखें. सुनिश्चित करें कि उनमें नमी न हो. इन्हें साफ करने के बाद धूप में सुखा लें. Journal of Applied Microbiology में प्रकाशित 2022 के एक अध्ययन के अनुसार, स्पंज को सुखाने से उस में मौजूद बैक्टीरिया की संख्या कम हो सकती है. इसलिए स्पंज को ज्यादातर सूखा रखने का प्रयास करें.
स्पंज को कैसे साफ करें
अगर आप स्पंज या स्क्रब का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो उसे भी ठीक से साफ करना चाहिए. सफाई के लिए.. स्पंज को ब्लीच या डिटर्जेंट वाले पानी में कुछ देर के लिए भिगो दें. इसके बाद पानी को अच्छे से निचोड़ लें.. इसे धूप में सुखा लें. याद रखें कि स्पंज हमेशा साबुन के पानी से गीला नहीं होना चाहिए. साथ ही आपको खाना पकाने के बर्तनों की सफाई करते समय भी कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. जैसे कि हाथों में दस्ताने पहनें, या फिर बर्तन साफ करने के बाद अपने हाथ हैड वॉश से साफ करें.
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5093261/
(डिस्कलेमर :--यह केवल सामाजिक जानकारी है. हमने कुछ अध्ययनों और प्रासंगिक विशेषज्ञों के अनुसार ये डिटेल शेयर किए हैं. परिणाम व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है.)