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आगरा में रावण झपकाएगा पलक-करेगा अट्टहास, राम की लीला में 'अली' की पांच पीढ़ियां कर रही ये अहम काम - AGRA NEWS

आगरा किला के सामने रामलीला मैदान में 120 फीट रावण पुतला होगा दहन, 7 कारीगरों ने मिलकर डेढ महीने में तैयार किया पुतला

आगरा के रामलीला मैदान में रावण और कुंभकरण का पुतला.
आगरा के रामलीला मैदान में रावण और कुंभकरण का पुतला. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 12, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Oct 12, 2024, 6:04 PM IST

आगरा: आगरा की ऐतिहासिक रामलीला हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है. आगरा की 'राम' की लीला में 'अली' का अहम योगदान रहता है. जी हां, हम बात रहे हैं 75 वर्षीय जाफर अली और उनके परिवार की. जो कान्हा की नगरी यानी मथुरा से ताजनगरी आते हैं. इनकी पांच पीढ़ियां रामलीला में रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण समेत के पुतले बनाते आ रही हैं.

दशहरा पर आज रात शुक्रवार को आगरा किला के सामने रामलीला मैदान पर 120 फीट का रावण अट्टहास करेगा. पुतला पलकें भी झपकाएगा. गुस्से से आंखों से अंगारे बरसाएगा. जैसे ही बटन दबेगा, वैसे ही रावण का विशालकाय पुतला धू धूकर जलेगा. दशहरा पर रामलीला मैदान में करीब एक घंटे तक इलेक्ट्रिक आतिशबाजी भी दर्शकों को देखने के लिए मिलेगी.

आगरा में मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किया रावण का पुतला. (Video Credit; ETV Bharat)
आगरा की रामलीला उत्तर भारत में मशहूर है. जिसका आगरा किला के सामने रामलीला मैदान पर इस बार भी भव्य मंच हुआ है. भव्य राम बारात निकलती है तो जनकपुरी भी सजती है. रामलीला के चलते रामलीला मैदान में रावण के कुनबे के विशालकाय पुतलों का दहन होता है. रावण के पुतले लगाने का काम मथुरा के कोसी से जाफर अली अपने परिवार के सदस्यों के साथ आते हैं. जो करीब डेढ माह से रामलीला मैदान पर पुतले बनाने के काम लगे हैं.
रावण का पुतला.
रावण का पुतला. (Photo Credit; ETV Bharat)
राम की सेवा में लगा है पूरा परिवार कारीगर जाफर अली ने बताया कि हमारी पांचवीं पीढ़ी राम की सेवा कर रही है. ये हमारा पुश्तैनी काम है. रामलीला के लिए रावण के कुनबे के पुतले बनाने से हमारे परिवार का पेट भरता है. करीब डेढ माह से यहां पर परिवार के सात सदस्यों के साथ आया हूं. रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाने में 21 हजार से अधिक बांस, सवा कुंतल रद्दी और 55 किलोग्राम सुतली समेत अन्य सामान लगा है. परिवार के लोग मथुरा, दिल्ली, सूरत, मुंबई तक पुतले बनाने जाते हैं. इस बार रामलीला मैदान पर 120 फुट ऊंचा रावण का पुतला बनाया है. रावण के पुतला में विशेष आतिशबाजी लगाई जाएगी.
रावण पुतले का सिर और मुकुट.
रावण पुतले का सिर और मुकुट. (Photo Credit; ETV Bharat)
अलग-अलग साइज के बनाए पुतलेकारीगर जाफर अली बताते हैं कि सबसे पहले हमारे परदादा आमिर बख्श ने पुतले बनाने का काम शुरू किया था. दादा के बाद ताऊ अली बख्श ने काम संभाला. तीसरी पीढ़ी में पहलवान फिर चौथी पीढ़ी मैं हूं. जो पुतला बनाने में मदद करते ही सीख गया. 5वीं पीढ़ी में मेरा भतीजा आमिर और मेरे बच्चे भी हैं, जो पुतला बनाते हैं. रावण और उसके कुनबे के पुतले पांच अलग अलग हिस्सों में तैयार होते हैं. इस बार कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला 90-90 फीट के बनाए गए हैं. हमने ताड़का का पुतला 20 फीट का बनाया था. इससे ही परिवार की रोटी का इंतजाम होता है.रात में रामलीला का मंचन देखते हैं और दिन में बनाते पुतलेजाफर अली का कहना है कि ये पुश्तैनी काम है. हम यहां पर पुतले बनाने आते हैं. हम रात में रामलीला मंचन देखते हैं. दिन में काम करते हैं. रामलीला की डिमांड के मुताबिक पुतले और अन्य आइटम बनाकर देते हैं. भले ही मैं मुस्लिम हूं. मगर, मुझे रामलीला मुंह जुबानी हो गई है. रामलीला में कोनसी लीला होगी. मुझे ये सब याद है. कमेटी के बताने से पहले ही मैं उस लीला में उपयोग होने वाले पुतले और अन्य आइटम बनाकर देता हूं. कहें तो कोई भी मजहब हमें आपस में बैर रखना नहीं सिखाता. ये राम और धर्म का काम कारीगर आमिर अली ने बताया कि मैं अपने चाचा जाफर अली के साथ करीब 40 साल से चाचा के साथ पुतले बनाने आ रहा हूं. मैंने बचपन में अपने दादा, पिता और चाचा की मदद से ये काम सीखा है. हमारे लिए हिंदू और मुस्लिम धर्म दोनों एक जैसे हैं. जैसे हमारे लिए अल्लाह हैं, वैसे ही हमारे लिए राम हैं. ये धर्म का काम है. राम का काम है. ये काम करके हमारे परिवार का पालन होता है. अब तो पुतले बनाना भी हमारे लिए धर्म का काम और राम का काम है. इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी भी होगीदशहरा पर रामलीला मैदान में रावण के पुतले का दहन से पहले घूम-घूम कर श्रीराम और रावण की सेना में युद्ध होगा. इसके बाद जब प्रश्रु श्रीराम जब रावण का वध करेंगे. इसके बाद रावण के विशालकाय पुतले का दहन किया जाएगा. रावण का पुतला पलक झपकाएगा. उसकी गर्दन घूमेगी और अट्टाहास भी करेगा. जब जब रिमोट का बटन दबेगा तो रावण का विशालकाय पुतला धू धूकर जलने लगेगा. एक-एक करके सिर और अन्य अंग जमीन पर गिरेंगे. इसके साथ ही दशहरा पर इलेक्ट्रिक आतिशबाजी और आतिशबाजी प्रतियोगिता भी होगी.

इसे भी पढ़ें-रावण दहन में AI तकनीक; प्रभु श्रीराम की फोटो देखते ही अपने आप जल उठेगा दशानन का पुतला

आगरा: आगरा की ऐतिहासिक रामलीला हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है. आगरा की 'राम' की लीला में 'अली' का अहम योगदान रहता है. जी हां, हम बात रहे हैं 75 वर्षीय जाफर अली और उनके परिवार की. जो कान्हा की नगरी यानी मथुरा से ताजनगरी आते हैं. इनकी पांच पीढ़ियां रामलीला में रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण समेत के पुतले बनाते आ रही हैं.

दशहरा पर आज रात शुक्रवार को आगरा किला के सामने रामलीला मैदान पर 120 फीट का रावण अट्टहास करेगा. पुतला पलकें भी झपकाएगा. गुस्से से आंखों से अंगारे बरसाएगा. जैसे ही बटन दबेगा, वैसे ही रावण का विशालकाय पुतला धू धूकर जलेगा. दशहरा पर रामलीला मैदान में करीब एक घंटे तक इलेक्ट्रिक आतिशबाजी भी दर्शकों को देखने के लिए मिलेगी.

आगरा में मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किया रावण का पुतला. (Video Credit; ETV Bharat)
आगरा की रामलीला उत्तर भारत में मशहूर है. जिसका आगरा किला के सामने रामलीला मैदान पर इस बार भी भव्य मंच हुआ है. भव्य राम बारात निकलती है तो जनकपुरी भी सजती है. रामलीला के चलते रामलीला मैदान में रावण के कुनबे के विशालकाय पुतलों का दहन होता है. रावण के पुतले लगाने का काम मथुरा के कोसी से जाफर अली अपने परिवार के सदस्यों के साथ आते हैं. जो करीब डेढ माह से रामलीला मैदान पर पुतले बनाने के काम लगे हैं.
रावण का पुतला.
रावण का पुतला. (Photo Credit; ETV Bharat)
राम की सेवा में लगा है पूरा परिवार कारीगर जाफर अली ने बताया कि हमारी पांचवीं पीढ़ी राम की सेवा कर रही है. ये हमारा पुश्तैनी काम है. रामलीला के लिए रावण के कुनबे के पुतले बनाने से हमारे परिवार का पेट भरता है. करीब डेढ माह से यहां पर परिवार के सात सदस्यों के साथ आया हूं. रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाने में 21 हजार से अधिक बांस, सवा कुंतल रद्दी और 55 किलोग्राम सुतली समेत अन्य सामान लगा है. परिवार के लोग मथुरा, दिल्ली, सूरत, मुंबई तक पुतले बनाने जाते हैं. इस बार रामलीला मैदान पर 120 फुट ऊंचा रावण का पुतला बनाया है. रावण के पुतला में विशेष आतिशबाजी लगाई जाएगी.
रावण पुतले का सिर और मुकुट.
रावण पुतले का सिर और मुकुट. (Photo Credit; ETV Bharat)
अलग-अलग साइज के बनाए पुतलेकारीगर जाफर अली बताते हैं कि सबसे पहले हमारे परदादा आमिर बख्श ने पुतले बनाने का काम शुरू किया था. दादा के बाद ताऊ अली बख्श ने काम संभाला. तीसरी पीढ़ी में पहलवान फिर चौथी पीढ़ी मैं हूं. जो पुतला बनाने में मदद करते ही सीख गया. 5वीं पीढ़ी में मेरा भतीजा आमिर और मेरे बच्चे भी हैं, जो पुतला बनाते हैं. रावण और उसके कुनबे के पुतले पांच अलग अलग हिस्सों में तैयार होते हैं. इस बार कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला 90-90 फीट के बनाए गए हैं. हमने ताड़का का पुतला 20 फीट का बनाया था. इससे ही परिवार की रोटी का इंतजाम होता है.रात में रामलीला का मंचन देखते हैं और दिन में बनाते पुतलेजाफर अली का कहना है कि ये पुश्तैनी काम है. हम यहां पर पुतले बनाने आते हैं. हम रात में रामलीला मंचन देखते हैं. दिन में काम करते हैं. रामलीला की डिमांड के मुताबिक पुतले और अन्य आइटम बनाकर देते हैं. भले ही मैं मुस्लिम हूं. मगर, मुझे रामलीला मुंह जुबानी हो गई है. रामलीला में कोनसी लीला होगी. मुझे ये सब याद है. कमेटी के बताने से पहले ही मैं उस लीला में उपयोग होने वाले पुतले और अन्य आइटम बनाकर देता हूं. कहें तो कोई भी मजहब हमें आपस में बैर रखना नहीं सिखाता. ये राम और धर्म का काम कारीगर आमिर अली ने बताया कि मैं अपने चाचा जाफर अली के साथ करीब 40 साल से चाचा के साथ पुतले बनाने आ रहा हूं. मैंने बचपन में अपने दादा, पिता और चाचा की मदद से ये काम सीखा है. हमारे लिए हिंदू और मुस्लिम धर्म दोनों एक जैसे हैं. जैसे हमारे लिए अल्लाह हैं, वैसे ही हमारे लिए राम हैं. ये धर्म का काम है. राम का काम है. ये काम करके हमारे परिवार का पालन होता है. अब तो पुतले बनाना भी हमारे लिए धर्म का काम और राम का काम है. इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी भी होगीदशहरा पर रामलीला मैदान में रावण के पुतले का दहन से पहले घूम-घूम कर श्रीराम और रावण की सेना में युद्ध होगा. इसके बाद जब प्रश्रु श्रीराम जब रावण का वध करेंगे. इसके बाद रावण के विशालकाय पुतले का दहन किया जाएगा. रावण का पुतला पलक झपकाएगा. उसकी गर्दन घूमेगी और अट्टाहास भी करेगा. जब जब रिमोट का बटन दबेगा तो रावण का विशालकाय पुतला धू धूकर जलने लगेगा. एक-एक करके सिर और अन्य अंग जमीन पर गिरेंगे. इसके साथ ही दशहरा पर इलेक्ट्रिक आतिशबाजी और आतिशबाजी प्रतियोगिता भी होगी.

इसे भी पढ़ें-रावण दहन में AI तकनीक; प्रभु श्रीराम की फोटो देखते ही अपने आप जल उठेगा दशानन का पुतला

Last Updated : Oct 12, 2024, 6:04 PM IST
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