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ब्लैक फंगस: महिला की आंख निकालकर डॉक्टरों ने बचाई जान - आगरा समाचार

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में शनिवार को ब्लैक फंगस से ग्रसित महिला मरीज का ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में महिला की जान बचाने के लिए उसकी एक ऑख निकालनी पड़ी.

ब्लैक फंगस
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Published : May 23, 2021, 12:17 AM IST

आगरा: जनपद में कोविड की दूसरी लहर के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अभी तक जिले में ब्लैक फंगस के कुल 17 मामले आ चुके हैं. इन मरीजों में से गुरुवार को एक मरीज का ऑपरेशन किया गया था, वहीं शनिवार को ग्वालियर के रहने वाले एक ब्लैक फंगस की मरीज महिला का ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में महिला की जान बचाने के लिए उसकी एक आंख निकालनी पड़ी.

आंख निकालकर मरीज की बचाई जान
नोडल अधिकारी डॉक्टर आरके वर्मा ने इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में शनिवार एक महिला का ऑपरेशन कर उसकी आंख बाहर निकाली गई. ब्लैक फंगस आंखों में अंदर जा चुका था. यदि महिला का ऑपरेशन नहीं होता तो ब्लैक फंगस धीरे-धीरे आंखो के जरिए मस्तिष्क में घुसकर दिमाग को खोखला कर देता. उसके बाद मरीज की मौत हो जाती.

17 कोविड मरीजों का चल रहा है एसएन मेडिकल में इलाज
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले एक महिला में ब्लैक फंगस का मामला पाया गया था. वर्तमान में भर्ती अधिकांश मरीज बाहर से आए हुए हैं. 17 मरीज में से तीन मरीजों की आंख में ब्लैक फंगस है.

कोविड के इलाज का है साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस
एसएन मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष गौतम का कहना है कि कोविड के उपचार के समय जो दवाइयां प्रयोग में लायी जाती हैं, उसके साइड इफेक्ट के चलते ये समस्या आ रही है. कोरोना के मरीजों के ठीक होने के बाद मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- सीएम योगी का कल बांदा का संभावित दौरा, तैयारियों में जुटे अधिकारी


वार्डों में बेड की संख्या जाएगी बढ़ाई
आगरा में ब्लैक फंगस के अभी तक इक्का-दुक्का मामले ही आ रहे थे, आंख, नाक, कान, नसों के ब्लैक फंगस वाले मरीजों के लिए अलग-अलग पांच से छह बेड का वार्ड तैयार किया गया था, लेकिन मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी.

आगरा: जनपद में कोविड की दूसरी लहर के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अभी तक जिले में ब्लैक फंगस के कुल 17 मामले आ चुके हैं. इन मरीजों में से गुरुवार को एक मरीज का ऑपरेशन किया गया था, वहीं शनिवार को ग्वालियर के रहने वाले एक ब्लैक फंगस की मरीज महिला का ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में महिला की जान बचाने के लिए उसकी एक आंख निकालनी पड़ी.

आंख निकालकर मरीज की बचाई जान
नोडल अधिकारी डॉक्टर आरके वर्मा ने इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में शनिवार एक महिला का ऑपरेशन कर उसकी आंख बाहर निकाली गई. ब्लैक फंगस आंखों में अंदर जा चुका था. यदि महिला का ऑपरेशन नहीं होता तो ब्लैक फंगस धीरे-धीरे आंखो के जरिए मस्तिष्क में घुसकर दिमाग को खोखला कर देता. उसके बाद मरीज की मौत हो जाती.

17 कोविड मरीजों का चल रहा है एसएन मेडिकल में इलाज
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले एक महिला में ब्लैक फंगस का मामला पाया गया था. वर्तमान में भर्ती अधिकांश मरीज बाहर से आए हुए हैं. 17 मरीज में से तीन मरीजों की आंख में ब्लैक फंगस है.

कोविड के इलाज का है साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस
एसएन मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष गौतम का कहना है कि कोविड के उपचार के समय जो दवाइयां प्रयोग में लायी जाती हैं, उसके साइड इफेक्ट के चलते ये समस्या आ रही है. कोरोना के मरीजों के ठीक होने के बाद मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

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वार्डों में बेड की संख्या जाएगी बढ़ाई
आगरा में ब्लैक फंगस के अभी तक इक्का-दुक्का मामले ही आ रहे थे, आंख, नाक, कान, नसों के ब्लैक फंगस वाले मरीजों के लिए अलग-अलग पांच से छह बेड का वार्ड तैयार किया गया था, लेकिन मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी.

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