आगरा: जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने 20 मई तक सभी ऑनलाइन कक्षाओं को स्थगित कर दिया है. यह फैसला सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के बाद लिया गया है. यह आदेश कक्षा 1 से 8 तक के लिए लागू किया गया है. जिसका एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) ने विरोध किया है.
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शिक्षा विभाग को बताया शिक्षा विरोधी
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से बच्चों के स्कूल फिर से बंद कर दिए गए हैं. जिसकी वजह से बोर्ड की परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है. स्कूली छात्रों की पढ़ाई को यथावत रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेस की मदद ली जा रही है. जिससे शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच पठन-पाठन की परंपरा बरकरार है, लेकिन अब शासन ने कक्षा 1 से लेकर 8 तक के विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई पर 20 मई तक के लिए रोक लगा दी है. आगरा बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने सभी परिषदीय मान्यता प्राप्त, साहयता प्राप्त, कस्तूरबा तथा अन्य सभी बोर्ड विद्यालयों के लिए यह आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि यह फैसला सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के निर्णय के बाद लिया गया है. इसकी मुख्य वजह कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप है. इन आदेशों का जिले में सख्ती से पालन भी कराया जाएगा. इस आदेश के बाद एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) शासन के विरोध में आ गया है. उन्होंने शिक्षा विभाग को शिक्षा विरोधी बताया है.
ऑनलाइन कक्षाओं पर पाबंदी गलत
एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) के अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता ने यह आदेश छात्र विरोधी बताया है. उन्होंने इसका कड़ा विरोध भी किया है. उनका कहना है कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच ऑनलाइन कक्षाएं ही एक मात्र सहारा है. जिससे बच्चों को शिक्षा प्राप्त हो रही है. शिक्षक बच्चों को घर से ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं. बच्चो का फर्स्ट टर्म का सिलेबस भी पूरा होना है. वहीं फर्स्ट टर्म के टेस्ट के अनुसार बच्चों की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार करनी है. ऐसे में शासन की ऑनलाइन पढ़ाई 20 मई तक स्थगित करने का फैसला बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित होगा. जिसका हमारी संस्था (अप्सा) खुल कर विरोध कर रही है.