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दंगे के बाद पहली बार दिन में निकली बाबासाहेब की शोभायात्रा - 1957 से निकलने वाली शोभायात्रा दिन में निकाली गई

ताजनगरी आगरा में पहली बार डॉ. भीमराव आंबेडकर की 130वीं जयंती पर 1957 से निकलने वाली शोभायात्रा दिन में निकाली गई. कोविड-19 के कारण हजारों की संख्या में शोभा यात्रा में सम्मिलित होने वाले लोगों की जगह सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए.

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दंगे के बाद पहली बार दिन में निकली बाबा साहेब की शोभायात्रा.
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Published : Apr 15, 2021, 5:54 AM IST

आगरा : ताजनगरी आगरा में सन 1957 से बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर जी की जयंती पर शोभायात्रा हर साल हर्षोल्लास के साथ रात में निकाली जाती है, लेकिन कोविड-19 की वजह से पहली बार शोभायात्रा दिन में निकाली गई. इसका शुभारंभ समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री डॉक्टर जीएस धर्मेश द्वारा किया गया.

जानकारी देते राज्यमंत्री.
1978 के बाद पहली बार दिन में निकली शोभायात्रा
बताया जाता है कि सन 1957 से यात्रा का शुभारंभ किया गया था. यात्रा कांजीपाड़ा से होकर निकलती थी, लेकिन दिन में यात्रा निकालने पर आगरा में एक बार दंगे हुए थे, जिसके बाद आज तक शोभायात्रा दिन में नहीं निकाली गई थी.
झांकियों में नहीं दिखी पुरानी जैसी रौनक
कोविड-19 की वजह से इस बार झांकी में रौनक देखने को नहीं मिली. पहले जब भी झांकी निकलती थी, कम से कम 190 झांकियां सम्मिलित होती थीं, लेकिन इस बार झांकियों की संख्या कम रही. वहीं लोगों की संख्या झांकियों में नाममात्र के बराबर रही.


ये भी पढ़ें: ताजनगरी में कोरोना बेकाबू, 242 नये संक्रमित मिले, एक की मौत

पहली बार भगवे रंग में निकली शोभायात्रा
काजीपाड़ा से हाथी पर बाबासाहेब की मूर्ति को बैठाकर शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया. मूर्ति से लेकर बैंड बाजे वाले भी भगवा रंग में दिखे. शोभायात्रा को परंपरागत मार्ग चक्की पाठ, शिवजी मार्केट, बिजली घर चौराहा, जोहरी बाजार, रावतपारा, मदीना होटल, जामा मस्जिद, पिपल मंडी, काला महल, गुदरी मंदसौर खां, शिव का बाजार, चौक कोतवाली, हींग की मंडी, सदर भट्टी, एमजी रोड, जिलाधिकारी निवास से ईदगाह आदि जगहों पर घुमाया गया.

आगरा : ताजनगरी आगरा में सन 1957 से बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर जी की जयंती पर शोभायात्रा हर साल हर्षोल्लास के साथ रात में निकाली जाती है, लेकिन कोविड-19 की वजह से पहली बार शोभायात्रा दिन में निकाली गई. इसका शुभारंभ समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री डॉक्टर जीएस धर्मेश द्वारा किया गया.

जानकारी देते राज्यमंत्री.
1978 के बाद पहली बार दिन में निकली शोभायात्रा
बताया जाता है कि सन 1957 से यात्रा का शुभारंभ किया गया था. यात्रा कांजीपाड़ा से होकर निकलती थी, लेकिन दिन में यात्रा निकालने पर आगरा में एक बार दंगे हुए थे, जिसके बाद आज तक शोभायात्रा दिन में नहीं निकाली गई थी.
झांकियों में नहीं दिखी पुरानी जैसी रौनक
कोविड-19 की वजह से इस बार झांकी में रौनक देखने को नहीं मिली. पहले जब भी झांकी निकलती थी, कम से कम 190 झांकियां सम्मिलित होती थीं, लेकिन इस बार झांकियों की संख्या कम रही. वहीं लोगों की संख्या झांकियों में नाममात्र के बराबर रही.


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पहली बार भगवे रंग में निकली शोभायात्रा
काजीपाड़ा से हाथी पर बाबासाहेब की मूर्ति को बैठाकर शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया. मूर्ति से लेकर बैंड बाजे वाले भी भगवा रंग में दिखे. शोभायात्रा को परंपरागत मार्ग चक्की पाठ, शिवजी मार्केट, बिजली घर चौराहा, जोहरी बाजार, रावतपारा, मदीना होटल, जामा मस्जिद, पिपल मंडी, काला महल, गुदरी मंदसौर खां, शिव का बाजार, चौक कोतवाली, हींग की मंडी, सदर भट्टी, एमजी रोड, जिलाधिकारी निवास से ईदगाह आदि जगहों पर घुमाया गया.

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