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'अग्निवीर' बनने को बेताब आगरा के युवा, बोले- टैंक को देख मिलती है ऊर्जा, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात - अग्निपथ योजना 2022

आगरा में होने वाली 'सेना रैली भर्ती' के लिए शहर हो या देहात युवा वर्ग खूब दौड़ लगा रहे हैं. जहां ताजनगरी में युवा 'अग्निवीर' बनने को बेताब हैं. बदन पर वर्दी की चाहत और दिल-दिमाग में देश सेवा का जुनून लेकर प्रतिदिन युवा वर्ग पसीना बहा रहा है. युवाओं के इस जोश को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने तैयारी कर रहे कुछ युवाओं से बातचीत की.

अग्निवीर.
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Published : Jul 30, 2022, 12:26 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 12:37 PM IST

आगरा: ताजनगरी में युवा वर्ग 'अग्निवीर' बनने को बेताब हैं. बदन पर वर्दी की चाहत और दिल-दिमाग में देश सेवा का जुनून लेकर हर दिन युवा वर्ग सुबह-शाम खूब पसीना बहा रहे हैं. भले ही केंद्र सरकार की ओर से सेना भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं. मगर, आज भी सेना की वर्दी पहनने की हसरत कम नहीं हुई है.

आगरा में होने वाली 'सेना रैली भर्ती' के लिए शहर और देहात में युवा खूब दौड़ लगा रहे हैं. यही वजह है कि आगरा कैंट क्षेत्र, सिकंदरा, शाहगंज, ताजगंज, फतेहाबाद रोड, खंदौली समेत तमाम जगहों पर युवा सुबह और शाम दौड़ लगाते दिख जाएंगे. अपने मुकाम को हासिल करने के लिए युवा प्रतिदिन घंटों वर्कआउट कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में युवाओं का कहना है कि बस उन्हें सेना में भर्ती होना है. बदन पर खाकी वर्दी की चाहत है. फिर चाहे देश सेवा 4 साल की हो या 25 साल की. हमें तो सिर्फ देश सेवा करनी है. युवाओं का कहना है कि सेना के टैंक के पास वर्कआउट करने से ऊर्जा मिलती और जोश 2 गुना हो जाता है.

जानकारी देते युवा और संवाददाता.

'टैंक पर बैठकर मारने हैं देश के गद्दार'
युवा अशद अली बताते हैं कि, सेना में भर्ती होने की मेहनत से तैयारी कर रहे हैं. टैंक के पास इसलिए तैयारी करते हैं कि अंदर से जोश दोगुना हो जाए. यहां पर वर्कआउट करने से जोश बढ़ता है और टैंक को देखकर उर्जा मिलती है.

युवा शिब्बू सिंह बतातें हैं कि मैंने पहले भी सेना की भर्ती देखी हैं. साल 2018 की भर्ती में फिजिकल पूरा नहीं कर पाया. इसके बाद 2021 की सेना रैली भर्ती में शामिल हुआ. जहां पर मैंने फिजिकल पूरा किया. लिखित परीक्षा की तैयारी की. मगर, वो भर्ती प्रक्रिया ही कैंसिल हो गई. अब दोबारा से पूरी मेहनत और लगन से सेना की रैली भर्ती की तैयारी कर रहा हूं.

शिब्बू सिंह बताते हैं कि, सेना भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. अब सेना में 'अग्निवीर' की भर्ती हो रही है. जिसके तहत 4 साल की नौकरी के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर की सेवा का विस्तार होगा. मगर, हमारी पूरी मेहनत अभी से 25 प्रतिशत में आने की है. जिसके लिए हम मेहतन कर रहे हैं. मुझे बस सेना की नौकरी करनी है. युवा अभिषेक शर्मा का कहना है कि हम 4 नहीं, 25 साल की देश सेवा की सोचकर तैयारी कर रहे हैं. इसी मेहनत से 25 प्रतिशत में शामिल होकर देश सेवा करेंगे.

फौजी बनना मेरा ड्रीम
युवा संदीप यादव का कहना है कि, सभी का अलग करियर बनाने का ड्रीम होता है. कोई इंजीनियर बनने तो कोई अन्य काम करने का सपना देखता है. मेरा तो सेना में भर्ती होना और फौजी बनने का ड्रीम है. इसके लिए ही मैं हर दिन वर्कआउट कर रहा हूं.

'सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात'
गौरतलब है कि 'अग्निपथ योजना' को लेकर जून के महीने में देशभर में विरोध चल रहा था. यह विरोध देखकर उम्मीद की जा रही थी कि युवा इस भर्ती में खास रुचि नहीं लेंगे, लेकिन इस भर्ती को लेकर युवा वर्ग की भीड़ देखकर लोगों के सारे भ्रम टूट गए हैं. जहां ज्यादातर युवाओं का कहना है कि एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात है.

इसे भी पढ़ें- अग्निवीर अभ्यर्थी बोले- एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात

आगरा: ताजनगरी में युवा वर्ग 'अग्निवीर' बनने को बेताब हैं. बदन पर वर्दी की चाहत और दिल-दिमाग में देश सेवा का जुनून लेकर हर दिन युवा वर्ग सुबह-शाम खूब पसीना बहा रहे हैं. भले ही केंद्र सरकार की ओर से सेना भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं. मगर, आज भी सेना की वर्दी पहनने की हसरत कम नहीं हुई है.

आगरा में होने वाली 'सेना रैली भर्ती' के लिए शहर और देहात में युवा खूब दौड़ लगा रहे हैं. यही वजह है कि आगरा कैंट क्षेत्र, सिकंदरा, शाहगंज, ताजगंज, फतेहाबाद रोड, खंदौली समेत तमाम जगहों पर युवा सुबह और शाम दौड़ लगाते दिख जाएंगे. अपने मुकाम को हासिल करने के लिए युवा प्रतिदिन घंटों वर्कआउट कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में युवाओं का कहना है कि बस उन्हें सेना में भर्ती होना है. बदन पर खाकी वर्दी की चाहत है. फिर चाहे देश सेवा 4 साल की हो या 25 साल की. हमें तो सिर्फ देश सेवा करनी है. युवाओं का कहना है कि सेना के टैंक के पास वर्कआउट करने से ऊर्जा मिलती और जोश 2 गुना हो जाता है.

जानकारी देते युवा और संवाददाता.

'टैंक पर बैठकर मारने हैं देश के गद्दार'
युवा अशद अली बताते हैं कि, सेना में भर्ती होने की मेहनत से तैयारी कर रहे हैं. टैंक के पास इसलिए तैयारी करते हैं कि अंदर से जोश दोगुना हो जाए. यहां पर वर्कआउट करने से जोश बढ़ता है और टैंक को देखकर उर्जा मिलती है.

युवा शिब्बू सिंह बतातें हैं कि मैंने पहले भी सेना की भर्ती देखी हैं. साल 2018 की भर्ती में फिजिकल पूरा नहीं कर पाया. इसके बाद 2021 की सेना रैली भर्ती में शामिल हुआ. जहां पर मैंने फिजिकल पूरा किया. लिखित परीक्षा की तैयारी की. मगर, वो भर्ती प्रक्रिया ही कैंसिल हो गई. अब दोबारा से पूरी मेहनत और लगन से सेना की रैली भर्ती की तैयारी कर रहा हूं.

शिब्बू सिंह बताते हैं कि, सेना भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. अब सेना में 'अग्निवीर' की भर्ती हो रही है. जिसके तहत 4 साल की नौकरी के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर की सेवा का विस्तार होगा. मगर, हमारी पूरी मेहनत अभी से 25 प्रतिशत में आने की है. जिसके लिए हम मेहतन कर रहे हैं. मुझे बस सेना की नौकरी करनी है. युवा अभिषेक शर्मा का कहना है कि हम 4 नहीं, 25 साल की देश सेवा की सोचकर तैयारी कर रहे हैं. इसी मेहनत से 25 प्रतिशत में शामिल होकर देश सेवा करेंगे.

फौजी बनना मेरा ड्रीम
युवा संदीप यादव का कहना है कि, सभी का अलग करियर बनाने का ड्रीम होता है. कोई इंजीनियर बनने तो कोई अन्य काम करने का सपना देखता है. मेरा तो सेना में भर्ती होना और फौजी बनने का ड्रीम है. इसके लिए ही मैं हर दिन वर्कआउट कर रहा हूं.

'सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात'
गौरतलब है कि 'अग्निपथ योजना' को लेकर जून के महीने में देशभर में विरोध चल रहा था. यह विरोध देखकर उम्मीद की जा रही थी कि युवा इस भर्ती में खास रुचि नहीं लेंगे, लेकिन इस भर्ती को लेकर युवा वर्ग की भीड़ देखकर लोगों के सारे भ्रम टूट गए हैं. जहां ज्यादातर युवाओं का कहना है कि एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात है.

इसे भी पढ़ें- अग्निवीर अभ्यर्थी बोले- एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात

Last Updated : Jul 30, 2022, 12:37 PM IST
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