आगरा: जिले में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इन धूल कणों से ताजमहल को खतरा बना है. शहर में जहां सुबह-शाम धुंध रहती है. वहीं दिनभर शहर की सड़कों, गली और मोहल्लों में धूल उड़ती रहती है. प्रदूषण का स्तर बढ़ने से वायुमंडल में धूलकणों के साथ ही जहरीली गैसों का स्तर बढ़ रहा है. इससे लोगों की सांस फूलने लगी है. शनिवार को देश के प्रदूषित शहरों में आगरा 20वें स्थान रहा, जबकि प्रदेश के प्रदूषित शहरों में आगरा आठवें स्थान पर रहा. लेकिन शनिवार को आगरा का एक्यूआई शुक्रवार के मुकाबले 14 अंक कम रहा.
जिला अस्पताल आगरा के सीएमएस डॉ. बीएस यादव का कहना है कि शहर में बढ़ रहे पॉल्यूशन से सबसे ज्यादा बुजुर्ग और अस्थमा के मरीजों को परेशानी होती है.ओपीडी में ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे लोगों को प्रदूषित स्थानों पर नहीं जाना चाहिए. ज्यादा जरूरी हो तभी घर से निकलें. कोविड-19 के भी खूब संक्रमित मिल रहे हैं. ऐसे में किसी को यदि सांस लेने में दिक्कत और बुखार भी आ रहा है. उसके संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है. इसलिए ऐसे लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है.
- 0 से 50 एक्यूआई होने पर अच्छी हवा.
- 51 से 100 एक्यूआई होने पर संतोषजनक हवा.
- 101 से 200 एक्यूआई होने पर मध्यम हवा.
- 201 से 300 एक्यूआई होने पर खराब हवा.
- 301 से 400 एक्यूआई होने पर बेहद खराब हवा.
- 401 से 500 एक्यूआई होने पर खतरनाक हवा.
स्मार्ट सिटी सहित तमाम प्रोजेक्ट ताजमहल से महज एक किलोमीटर की दूरी पर चल रहे हैं. क्षेत्र में दर्जनों जगह सड़कें और गलियां खुदी पड़ी हैं. मिट्टी के धूल कणों का असर ताजमहल पर पड़ रहा है. लापरवाही से ताजनगरी में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में है. शहर में प्रदूषण का मीटर बढ़ने से हवा में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य खतरनाक गैसों का स्तर बढ़ रहा है.