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'मौत वाली मॉक ड्रिल' वीडियो पर कौन बोल रहा सच, पढ़िए खास रिपोर्ट - viral video of paras hospital

एक वीडियो वायरल होते ही आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया. वायरल वीडियो में एक मॉक ड्रिल का हवाला था और 22 जिंदगियों का सवाल था. शासन से लेकर प्रशासन तक सभी सक्रिय हो गये. सवाल था कि आखिर मौत का आंकड़ा कितना था. पढ़िए रिपोर्ट...

आगरा पारस हॉस्पिटल
आगरा पारस हॉस्पिटल
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Published : Jun 8, 2021, 7:12 PM IST

आगरा : शहर के हाइवे पर स्थित है पारस हॉस्पिटल. इसके संचालक हैं डॉ. अरिंजय जैन. और अरिंजय जैन का एक वीडियो इन दिनों बहुत वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन एक मॉक ड्रिल की बात कह रहे हैं.

इस बातचीत को भी हम आपको सुनाएंगे लेकिन उससे पहले कुछ और बातें भी जान लेते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पारस हॉस्पिटल को भी कोविड अस्पताल बनाया गया था. अब आप यह भी जान लीजिए कि यह पारस हॉस्पिटल वही है जिसे पिछले साल अप्रैल महीने में सील कर दिया गया था. आरोप था कि पारस हॉस्पिटल कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन चुका है और पारस हॉस्पिटल पड़ोस के दस जिलों में भी कोरोना संक्रमण का वाहक बना. इस अस्पताल में भर्ती मरीजों और तीमारदारों ने कई बार अव्यवस्थाओं का ऑडियो और वीडियो जारी कर इसकी पोल खोली थी. लगातार पारस हॉस्पिटल की शिकायतें आगरा के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार तक पहुंच रही थीं. इसके बाद ही यहां से मरीजों को शिफ्ट करने का शासन ने आदेश दिया था. तब भी जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह थे और आज भी जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह ही हैं. तब डीएम के हवाले से कहा गया था कि संचालक को नोटिस भेजा जा रहा है. बावजूद इन सबके साल 2021 में पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया गया और यहां कोविड मरीजों का इलाज किया जाने लगा. अब पिछले मामले में क्या कार्रवाई हुई यह तो प्रभु ही जानें...लेकिन, इस साल कोरोना की दूसरी लहर में किस तरह से यहां इलाज हो रहा था, इसकी पोल खोलने के लिए यह वायरल वीडियो काफी है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता. लेकिन, यदि यह वीडियो सच है और मौत के आंकड़े सच हैं तो यह किसी नरसंहार से कम नहीं कहा जा सकता.

वायरल वीडियो

क्या है मॉक ड्रिल वाले वीडियो का सच ?

सोमवार यानि की 7 जून को एक वीडियो खूब वायरल होने लगा. वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन अस्पताल में भर्ती कोविड 19 मरीजों को लगायी गयी ऑक्सीजन की सप्लाई हटाने का मॉक ड्रिल करने की बात कह रहे हैं. जब पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से हांफ रहा था, कोरोना मरीज दम तोड़ रहे थे तब डॉक्टर साहब मॉक ड्रिल कर रहे थे. डॉक्टर साहब कह रहे थे, एक ट्रायल मार दो...एक मॉक ड्रिल करके देख लोग...समझ जाएंगे कौन सा मरेगा, कौन सा नहीं मरेगा...हमने सुबह सात बजे मॉक ड्रिल करायी, छंट गए 22 मरीज...74 बचे...इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना-अपना सिलेंडर (ऑक्सीजन) लाओ...सबसे बड़ा प्रयोग यही रहा...

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राहुल गांधी का ट्वीट

वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

बातें तो और भी हैं. कितना सुनेंगे आप. अच्छा सुन ही लो...इसके बाद हॉस्पिटल में भर्ती सभी मरीजों के परिजनों को पत्र लिखकर कहा गया कि अपने मरीजों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम खुद कर लो. यह वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया. हंगामा मचा तो डीएम साहब भी सतर्क हो गए...उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को जो 22 मौतें बतायी जा रही हैं, ऐसी कोई भी मौत उस दिन नहीं हुई है. वायरल वीडियो मामले की जांच करायी जा रही है.

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प्रियंका गांधी का ट्वीट

राहुल और प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट

लेकिन, मामला यहीं थमता नजर नहीं आया. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. यूपी कांग्रेस के महासचिव अमित सिंह ने न्यू आगरा थाने में पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ तहरीर दी.

हॉस्पिटल सील करने का आदेश

मामला लगातार तूल पकड़ने लगा. मंगलवार को पारस हॉस्पिटल को सील करने का आदेश दे दिया गया. डीएम साहब फिर सामने आए. उन्होंने पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मृत्यु की बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि चूंकि वायरल वीडियो में मोदीनगर प्लांट में ऑक्सीजन खत्म होने की बात कही गयी थी. डीएम साहब ने कहा कि यह गलत है और इस बयान के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी. इस मामले में महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा रहा है.

जानकारी देते डीएम

स्वास्थ्य मंत्री ने कही यह बात

आगरा के पारस अस्पताल में हुई लापरवाही और ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि आगरा का मामला सरकार के संज्ञान में अभी जल्दी ही आया है. जैसे ही हमें इसकी सूचना मिली आगरा में एक टीम गठित कर दी गई है. जिला अधिकारी, सीएमओ मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर रहे हैं. पारस अस्पताल को सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस दिन की घटना है, उससे संबंधित सभी दस्तावेज, ऑक्सीजन सप्लाई से संबंधित कागजात, मरीजों की संख्या उनके नाम पता लेकर विस्तृत जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह

इसे भी पढ़ें - मौत वाली मॉकड्रिल : राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके सरकार को घेरा

अब इस वायरल वीडियो की हकीकत तो जांच के बाद ही पता चलेगी. यदि वीडियो में 22 लोगों के मौत की बात कही गयी है तो यह बेहद ही गंभीर मामला है. उम्मीद है कि मामले की जांच अपने अंजाम तक पहुंचेगी और दूध का दूध और पानी का पानी होगा.

इसे भी पढ़ें - मौत वाली मॉकड्रिल: 5 मिनट तक नहीं दी 96 मरीजों को ऑक्सीजन, सामने आया वीडियो

आगरा : शहर के हाइवे पर स्थित है पारस हॉस्पिटल. इसके संचालक हैं डॉ. अरिंजय जैन. और अरिंजय जैन का एक वीडियो इन दिनों बहुत वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन एक मॉक ड्रिल की बात कह रहे हैं.

इस बातचीत को भी हम आपको सुनाएंगे लेकिन उससे पहले कुछ और बातें भी जान लेते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पारस हॉस्पिटल को भी कोविड अस्पताल बनाया गया था. अब आप यह भी जान लीजिए कि यह पारस हॉस्पिटल वही है जिसे पिछले साल अप्रैल महीने में सील कर दिया गया था. आरोप था कि पारस हॉस्पिटल कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन चुका है और पारस हॉस्पिटल पड़ोस के दस जिलों में भी कोरोना संक्रमण का वाहक बना. इस अस्पताल में भर्ती मरीजों और तीमारदारों ने कई बार अव्यवस्थाओं का ऑडियो और वीडियो जारी कर इसकी पोल खोली थी. लगातार पारस हॉस्पिटल की शिकायतें आगरा के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार तक पहुंच रही थीं. इसके बाद ही यहां से मरीजों को शिफ्ट करने का शासन ने आदेश दिया था. तब भी जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह थे और आज भी जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह ही हैं. तब डीएम के हवाले से कहा गया था कि संचालक को नोटिस भेजा जा रहा है. बावजूद इन सबके साल 2021 में पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया गया और यहां कोविड मरीजों का इलाज किया जाने लगा. अब पिछले मामले में क्या कार्रवाई हुई यह तो प्रभु ही जानें...लेकिन, इस साल कोरोना की दूसरी लहर में किस तरह से यहां इलाज हो रहा था, इसकी पोल खोलने के लिए यह वायरल वीडियो काफी है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता. लेकिन, यदि यह वीडियो सच है और मौत के आंकड़े सच हैं तो यह किसी नरसंहार से कम नहीं कहा जा सकता.

वायरल वीडियो

क्या है मॉक ड्रिल वाले वीडियो का सच ?

सोमवार यानि की 7 जून को एक वीडियो खूब वायरल होने लगा. वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन अस्पताल में भर्ती कोविड 19 मरीजों को लगायी गयी ऑक्सीजन की सप्लाई हटाने का मॉक ड्रिल करने की बात कह रहे हैं. जब पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से हांफ रहा था, कोरोना मरीज दम तोड़ रहे थे तब डॉक्टर साहब मॉक ड्रिल कर रहे थे. डॉक्टर साहब कह रहे थे, एक ट्रायल मार दो...एक मॉक ड्रिल करके देख लोग...समझ जाएंगे कौन सा मरेगा, कौन सा नहीं मरेगा...हमने सुबह सात बजे मॉक ड्रिल करायी, छंट गए 22 मरीज...74 बचे...इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना-अपना सिलेंडर (ऑक्सीजन) लाओ...सबसे बड़ा प्रयोग यही रहा...

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राहुल गांधी का ट्वीट

वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

बातें तो और भी हैं. कितना सुनेंगे आप. अच्छा सुन ही लो...इसके बाद हॉस्पिटल में भर्ती सभी मरीजों के परिजनों को पत्र लिखकर कहा गया कि अपने मरीजों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम खुद कर लो. यह वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया. हंगामा मचा तो डीएम साहब भी सतर्क हो गए...उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को जो 22 मौतें बतायी जा रही हैं, ऐसी कोई भी मौत उस दिन नहीं हुई है. वायरल वीडियो मामले की जांच करायी जा रही है.

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प्रियंका गांधी का ट्वीट

राहुल और प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट

लेकिन, मामला यहीं थमता नजर नहीं आया. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. यूपी कांग्रेस के महासचिव अमित सिंह ने न्यू आगरा थाने में पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ तहरीर दी.

हॉस्पिटल सील करने का आदेश

मामला लगातार तूल पकड़ने लगा. मंगलवार को पारस हॉस्पिटल को सील करने का आदेश दे दिया गया. डीएम साहब फिर सामने आए. उन्होंने पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मृत्यु की बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि चूंकि वायरल वीडियो में मोदीनगर प्लांट में ऑक्सीजन खत्म होने की बात कही गयी थी. डीएम साहब ने कहा कि यह गलत है और इस बयान के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी. इस मामले में महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा रहा है.

जानकारी देते डीएम

स्वास्थ्य मंत्री ने कही यह बात

आगरा के पारस अस्पताल में हुई लापरवाही और ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि आगरा का मामला सरकार के संज्ञान में अभी जल्दी ही आया है. जैसे ही हमें इसकी सूचना मिली आगरा में एक टीम गठित कर दी गई है. जिला अधिकारी, सीएमओ मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर रहे हैं. पारस अस्पताल को सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस दिन की घटना है, उससे संबंधित सभी दस्तावेज, ऑक्सीजन सप्लाई से संबंधित कागजात, मरीजों की संख्या उनके नाम पता लेकर विस्तृत जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह

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अब इस वायरल वीडियो की हकीकत तो जांच के बाद ही पता चलेगी. यदि वीडियो में 22 लोगों के मौत की बात कही गयी है तो यह बेहद ही गंभीर मामला है. उम्मीद है कि मामले की जांच अपने अंजाम तक पहुंचेगी और दूध का दूध और पानी का पानी होगा.

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