आगरा: जिले के बाह की बेटी सुप्रिया ने लॉस वेगास में यूएसए कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर जिले ही नहीं, देश का नाम भी रोशन किया है. सुप्रिया जाटव एलीट डिवीजन में सोना जीतने वाली देश की पहली कराटेबाज बन गई हैं. अब 2020 के ओलंपिक में दमखम दिखाने के लिए सुप्रिया भोपाल में अपनी तैयारी करने में लगी हैं. वह भोपाल (मध्य प्रदेश) में मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद की अकादमी में तैयारी कर रही हैं.
सुप्रिया जाटव ने लॉस वेगास में आयोजित स्पर्धा के सीनियर एलीट 61 किलोग्राम भार वर्ग की व्यक्तिगत कुमीते फाइट के फाइनल राउंड में यूएस की खिलाड़ी को 5-1 से परास्त करके स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम लास वेगास में रोशन किया. यह पदक जीतकर आगरा की बेटी सुप्रिया भारत की पहली एलीट डिवीजन में महिला खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने एलीट डिवीजन के फाइनल में जगह बनाई और स्वर्ण पदक जीता.
स्पर्धा में इससे पहले सुप्रिया ने ब्राजील की खिलाड़ी को 7-3 से, मैक्सिको की खिलाड़ी को 7-6 से, कोलंबिया की खिलाड़ी को दो-दो के अंकों के आधार पर परास्त किया था. सुप्रिया ने कुमीते की टीम फाइट में रजत पदक जीता है.
सुप्रिया की मां की खुशी का नहीं कोई ठिकाना
बेटी की इस उपलब्धि पर रिटायर्ड हवलदार पिता अमर सिंह और मां मीना की खुशी का ठिकाना ही नहीं है. उनका कहना है कि इससे पहले सुप्रिया दो बार कॉमनवेल्थ गेम में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. नेपाल में बेस्ट कराटेबाज का खिताब भी उन्हें मिला था. लगातार 14 साल से नेशनल कराटे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत रही हैं. गांव पुरा चुन्नीलाल में सुप्रिया की इस उपलब्धि पर ताऊ राम सिंह और ताई द्रोपती की आंखें भर आईं. बेनी राम सिंह ने बताया कि प्यार से सुप्रिया उन्हें पिताजी कहती हैं. सुप्रिया ने उनके परिवार का नाम दुनिया में रोशन किया है. उसने भारत का नाम दुनिया में रोशन किया है. हमें सुप्रिया पर नाज है.
सुप्रिया के परिवार में खुशी का माहौल
सुप्रिया के पिता अमर सिंह रिटायर्ड हवलदार हैं. उनके माता-पिता उनके साथ भोपाल में ही रहते हैं. गांव में सिर्फ सुप्रिया के ताऊ बेनी राम सिंह रहते हैं. उनके गोल्ड मेडल से बाह के गांव पुरा चुन्नीलाल में खुशी का माहौल है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि बेटी ने उनके परिवार का ही नहीं देश का भी नाम विदेश में ऊंचा किया है. वह बहुत खुश हैं.