आगरा: जिले में 34 सवारियों के साथ हाईजैक की गई बस को पुलिस ने इटावा से बरामद कर लिया है. बस हाईजैक होने के बाद करीब 15 घंटे तक मामले को लेकर प्रदेश में हड़कंप मचा रहा. बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे हाईजैक बस इटावा के बलरइ थाना क्षेत्र के लखेरे कुआं के पास ढाबे पर खड़ी मिली. बस को मंगलवार रात 10.30 बजे आगरा के न्यू दक्षिणी बाइपास से हाईजैक कर लिया गया था. वहीं पुलिस को एक आरोपी का सीसीटीवी कैमरे से फोटो मिला है, जिसके बाद पुलिस की कई टीमें आरोपियों की तलाश में लगी हुई हैं.
मंगलवार रात बस हुई थी हाईजैक
बता दें कि डबरा (ग्वालियर, एमपी) निवासी चालक रमेश स्लीपर बस में 34 सवारियों को लेकर मंगलवार शाम गुरुग्राम से चला था. सवारियां मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अमानगंज जानी थीं. मंगलवार रात 10.30 बजे दक्षिणी बाइपास पर रायभा टोल प्लाजा के पास जैसे ही बस पहुंची, तभी वहां पर दो कार सवार 8-9 युवक पहुंचे, जिन्होंने टोल प्लाजा पर खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रुकवा लिया. चालक रमेश से बस से उतरने को कहा तो उसने बस आगे बढ़ा दी. इस पर कार सवारों ने पीछा कर मलपुरा क्षेत्र के न्यू दक्षिणी बाइपास पर बस को ओवरटेक कर रोक लिया. चालक और परिचालक को जबरन बस से नीचे उतारकर अपनी गाड़ी में बिठा लिया और बस में चार साथी बैठ गए और खुद ही बस को चलाने लगे.
चालक रमेश ने कहा
चालक रमेश ने पुलिस को बताया कि कार सवार बस को लेकर ग्वालियर रोड होते हुए सैंया से फतेहाबाद होकर लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे. यहां एक्सप्रेस-वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया. परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए. फिर परिचालक के साथ उसे दिल्ली-कानपुर हाइवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए.
थाने पर की शिकायत
बुधवार तड़के चार बजे चालक रमेश और परिचालक मलपुरा थाने पहुंचे. दोनों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. वहीं सूचना पर पुलिस ने बस को लेकर टोल प्लाजा से संपर्क किया. पुलिस की एक टीम ने चालक और परिचालक से पूछताछ की. सूचना पर एसएसपी बबलू कुमार भी थाना मलपुरा पहुंच गए.
एसएसपी ने दी जानकारी
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से एक आरोपी का फोटो मिल गया है, जिसे बस मालिक को भी भेजा है. बस मालिक के बेटे ने बताया था कि घर पर कुछ लोग तगादा करने आए थे. इसके साथ ही पुलिस ने एक सवारी को भी खोज निकाला है, जो उस बस में सवार था. सवारी ने बताया है कि सभी सवारियों को उतार कर दूसरी बस में शिफ्ट कर उन्हें अपने-अपने गंतव्य के लिए भेजा गया है.