आगरा: आवास विकास परिषद के संपत्ति अधिकारी और लिपिक का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. 20 साल पहले ही एक भूखंड दो बार बेचने का खुलासा हुआ है. पीड़ित की शिकायत पर शाहगंज पुलिस ने आवास विकास परिषद के संपत्ति अधिकारी, लिपिक समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें कूट रचित दस्तावेजों से भूखंड का दूसरा बैनामा करने का आरोप है. सीओ लोहामंडी अर्चना सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है. विवेचना के बाद साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि आवास विकास कालोनी सेक्टर-6 निवासी नीरज शर्मा ने शाहगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. नीरज शर्मा का आरोप है कि पिता आरबी शर्मा ने सिकंदरा योजना में आवास विकास परिषद से 22 दिसंबर साल 1999 में एक भूखंड खरीदा था. 25 फरवरी साल 2000 में उस भूखंड का कब्जा प्रमाण पत्र भी जारी किया गया, जो उनके पास है. मगर आवास विकास परिषद के तत्कालीन संपत्ति अधिकारी डीपी सिंह, लिपिक लाखन सिंह समेत चरण सिंह, आशा शर्मा, गीतम सिंह, बृजेंद्र मित्तल, देवेंद्र शर्मा और सीताराम शर्मा ने मिलकर उनके भूखंड का कूट रचित दस्तावेजों से के जरिए 28 दिसंबर साल 2002 को दूसरी बार बैनामा कर दिया.
एसएसपी से शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर-
पीड़ित नीरज शर्मा का आरोप है कि आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने 20 साल पहले ही उसके पिता आरबी शर्मा की जगह दूसरे व्यक्ति को आरबी शर्मा बनाया फिर पिता के फर्जी फर्जी हस्ताक्षर करके कूट रचित विक्रय कागजात तैयार किए. जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने छानबीन की. पता चला कि भूखंड निरस्त नहीं हुआ है. सीताराम शर्मा और उनके पुत्र देवेंद्र ने संपत्ति अधिकारी डीपी सिंह, आशा सिंह और अन्य ने भूखंड को हड़पने के लिए कूट रचित दस्तावेजों से दोबारा बैनामा किया है.
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इस बैनामा में सीताराम शर्मा को आरबी शर्मा बनाया गया है. सीताराम शर्मा ने गवाह आशा सिंह को भूखंड का बैनामा किया है. बैनामे पर सीताराम शर्मा की फोटो लगी है. इसमें चरण सिंह, गीतम सिंह, बृजेंद्र मित्तल के साथ ही आवास विकास परिषद के लिपिक लाखन सिंह और अन्य बाबू गवाह बनाए गए हैं. पीड़ित नीरज शर्मा ने इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद एसएसपी से शिकायत की, जसके बाद एफआईआर दर्ज की गई. लोहामंडी सीओ अर्चना सिंह का कहना है कि, पीड़ित की शिकायत पर नौ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके छानबीन की जा रही है. आरोपियों में आवास विकास परिषद का रिटायर संपत्ति अधिकारी और बाबू शामिल हैं.
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