आगरा: यूपी में दूसरे की डिग्री पर हाॅस्पिटल और पैथोलाॅजी लैब के रजिस्ट्रेशन का खेल उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है. प्रदेश के 25 जिलों में 15 डॉक्टर्स के नाम पर संचालित 449 हॉस्पिटल और पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन का खुलासा हुआ. इसमें डाॅ. मनीष कुमार वाष्णेय के नाम पर 65 हाॅस्पिटल और पैथोलाॅजी लैब का रजिस्ट्रेशन मिला था. इस मामले को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. चार साल पहले ही सरकार ने यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस प्लेटफार्म (यूडीएसपी) पर हॉस्पिटल और पैथोलॉजी लैब का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया था. अब फिर से हर डॉक्टर्स को यूडीएसपी पर ही रजिस्ट्रेशन करना है. यहां पर आधार कार्ड नंबर भी लिया जा रहा है. इससे रजिस्ट्रेशन का फर्जीवाड़ा रुकेगा.
बता दें कि, सरकार ने सन 2019 में हाॅस्पिटल, पैथोलाॅजी और अन्य चिकित्सा संस्थान के रजिस्ट्रेशन के लिए यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस प्लेटफार्म (यूडीएसपी) शुरू किया था. लेकिन, हर जिले में सीएमओ कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से डॉक्टर्स और झोलाछाप खुलेआम चिकित्सा संस्थान संचालित कर रहे हैं.
बीते दिनों आगरा में डॉक्टर्स के फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था. आगरा में 15 चिकित्सक के नाम से 70 हाॅस्पिटल और पैथोलाॅजी संचालित हो रहे थे. इसमें 5 पैथोलाॅजी लैब डाॅ. मनीष कुमार वाष्णेय के नाम से और 3 पैथोलाॅजी डॉ. शबीना अशरफ के नाम से दर्ज थे. साथ ही डॉ. रविंद्र कुमार और डॉ. अनिल कुमार के नाम से एक- एक लैब है. सीएमओ ने ऐसी 10 पैथोलाॅजी का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है.
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि, बीते दिनों विभाग की टीम ने जिले में हॉस्पिटल और पैथोलॉजी की छापेमारी कर छानबीन की थी. इसमें कई लैब को सील किया गया. साथ ही हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर भी सील किये गए. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिन पैथलॉजी लैब को सील करके संचालक को नोटिस दिया था, उन्होंने जवाब में पूर्व के डॉक्टरों का पैनल हटाकर दूसरे डॉक्टर्स और टेक्नीशियन के नाम से आवेदन किया है. उनसे डॉक्टर का नाम, डिग्री, सेवाएं देने का समय सहित अन्य शपथ पत्र मांगा गया है. सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य मानकों का भौतिक सर्वे किया जाएगा. जहां भी मानक पूरे नहीं मिलेंगे, उनके लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई होगी.
सीएमओ ने बताया कि, जिले में 170 लैब का रजिस्ट्रेशन है. इनमें से एक डॉक्टर के नाम पर संचालित मिलने पर 60 पैथोलाजी लैब के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण रोक दिए हैं. साथ ही, 15 चिहिन्त डॉक्टर्स की और से नोटिस के जबाव में एफिडेविड दिया जा रहा है. कुछ डॉक्टर्स के नाम और डिग्री का गलत उपयोग भी किया गया है. इसकी भी जांच जारी है.
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि, अब हर डॉक्टर को हाॅस्पिटल, पैथोलाॅजी या अन्य चिकित्सा संस्थान का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस प्लेटफार्म (यूडीएसपी) में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. यहां हर डॉक्टर का आधार कार्ड दर्ज होगा. यदि डॉक्टर एक से अधिक हाॅस्पिटल, पैथोलाॅजी या अन्य चिकित्सा संस्थान का रजिस्ट्रेशन कराते हैं, तो आधार कार्ड से डाॅक्टर के दूसरे प्रतिष्ठान के रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिल जाएगी. इस व्यवस्था से गड़बड़ियां रुकेगी. साथ ही आगरा में डॉक्टर्स कहां पर रहते हैं, वे अपने संस्थान पर बैठते हैं या नहीं इसका भी पता आधार कार्ड से किया जा सकेगा.
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