आगरा: ब्लॉक अकोला की आगरा जगनेर रोड स्थित ग्राम पंचायत धनौली क्षेत्र में नाला निर्माण की मांग को लेकर 57 दिन से आंदोलन कर रहे ग्रामीणों की सुनवाई न हो पाने से गुस्साए ग्रामीणों ने जीवित समाधि ले ली. पिछले 57 दिन से विकास कार्यों को लेकर धनौली की जनता धरना प्रदर्शन कर रही है. सोमवार को 85 वर्षीय वृद्ध महिला कीर्ति अम्मा और 55 वर्षीय समाजसेवी चौधरी प्रेम सिंह ने विकास कार्यों से आहत होकर 5 घंटे की लंबी समाधि ली. सूचना पर तहसीलदार और सीओ समेत तमाम फोर्स और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. जहां मंगलवार से काम शुरू कराने के आश्वासन पर समाधि से बाहर उन्हें निकला गया.
दरअसल, 85 वर्षीय वृद्ध महिला के समाधि लेने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और मौके पर तहसीलदार रजनीश बाजपाई सहित कई अधिकारी पहुंचे. जहां कड़ी मान मनौवल के साथ एक बार फिर मंगलवार से विकास कार्य शुरू कराने को लेकर आश्वासन दिया गया. तब कहीं जाकर वृद्ध महिला और समाजसेवी दोनों बाहर निकले.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आगरा जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत धनौली के विकास नगर में ग्रामीण 4 साल से नाला और सिरौली रोड पर सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं. सैकड़ों बार आश्वासन के बाद काम न होने पर उन्होंने 57 दिन पूर्व अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. लगातार प्रदर्शन के दौरान सामूहिक मुंडन, विधायक की प्रतीकात्मक शव यात्रा और तेरहवीं व जमीन के अंदर समाधि और जगनेर रोड पर जाम सहित अलग-अलग प्रदर्शन करने के बाद जिलाधिकारी ने उन्हें बुलाकर 20 नवंबर तक काम शुरू होने की बात कही. जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन बंद कर दिया और काम शुरू होने तक धरना स्थल पर ही रहने की बात तय की.
इस बीच 30 नवंबर बीत जाने के बाद भी कोई कार्य शुरू नहीं हुआ तो किसान नेता सावित्री चाहर ने जीवित समाधि ले ली और फिर प्रशासन ने उन्हें समझा बुझा कर समाधि से निकाला और काम का आश्वासन दिया. इसके बाद भी काम न शुरू होने पर 24 नवंबर को ग्रामीणों ने आगरा जगनेर रोड जाम कर दिया. जिसके बाद फिर अधिकारियों ने आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करवाया परंतु एक बार फिर 5 दिन से कोई काम नहीं हुआ. जिसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश पनपा और सोमवार को प्रशासन के वादे पूरे न होने से गुस्साए 5 किसान समाधि लेने जा रहे थे पर बाद में आपसी विचार विमर्श के बाद किसान नेता प्रेम सिंह चाहर व स्थानीय 85 वर्षीय वृद्ध महिला कीर्ति अम्मा ने समाधि ले ली.
मामले की जानकारी पर तहसीलदार रजनीश बाजपेयी और सीओ अछनेरा महेश कुमार फोर्स के साथ पहुंचे. तहसीलदार के अनुसार पहले नाले का कच्चा निर्माण होगा और फिर पक्का नाला और सड़क बनेगी. जिसपर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और समाधि स्थल से बाहर निकलने को राजी नहीं हुए. तहसीलदार ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया तो मौके पर अन्य प्रशासनिक अधिकारी पीढ़ी और ब्लॉक प्रमुख अकोला राजू प्रधान पहुंच गए. सभी लोगों ने बैठकर लोगों को समझाया और प्रशासन द्वारा एक बार फिर मंगलवार से रोड और नाला निर्माण की आश्वासन दिया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक कार्य शुरू नहीं होगा. वह इसी प्रकार धरना प्रदर्शन पर बैठे रहेंगे.
5 घंटे तक समाजसेवी चौधरी प्रेम सिंह और स्थानीय निवासी कीर्ति अम्मा समाधि के अंदर रही. इस दौरान चौधरी प्रेम सिंह की पत्नी पिंकी चौधरी की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी. यह देख अधिकारियों के होश उड़ गए. आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाकर इलाज करवाया गया.
इसे भी पढे़ं- जल समाधि लेने की जिद पर अड़े हैं महंत परमहंस दास, पुलिस छावनी में तब्दील हुआ पूरा इलाका