आगरा: कोरोना का कोहराम अब गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जान पर भारी पड़ रहा है. शनिवार को प्रसव वेदना से तीन प्रसूताएं लेडी लॉयल अस्पताल (जिला महिला अस्पताल) के गेट पर कराहती रहीं, लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया, जिसके बाद मोहल्ले से आईं महिलाओं ने इन प्रसूताओं की अस्पताल के गेट पर डिलीवरी कराई. प्रसूताओं ने तीन बेटियों को जन्म दिया है. दरअसल, गार्ड ने थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रसूताओं को गेट पर रोका था, लेकिन कोई कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग करने नहीं आया. लगभग एक घंटे बाद प्रसूताओं और नवजात बच्चियों को अस्पताल में भर्ती किया गया.
मामला शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे का है. नूरी दरवाजा निवासी प्रीति को प्रसव पीड़ा होने पर पति उसे लेकर लेडी लॉयल अस्पताल आया. यहां गार्ड ने दोनों को रोक लिया और थर्मल स्क्रीनिंग कराने को कहा. कुछ देर बाद केके नगर सिकंदरा निवासी रीना भी अपने देवर के साथ अस्पताल के गेट पर पहुंची. उसे भी गार्ड ने गेट पर रोक लिया. काफी देर तक किसी ने भी इन लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की.
महिलाओं को बुलाकर लाया पति
प्रसूता प्रीति की तबीयत गंभीर होती देख पति अपने मोहल्ले पहुंचा और वहां से कुछ महिलाओं को लेकर आया, जिन्होंने अस्पताल के गेट पर घेरा बनाया और प्रीति का प्रसव कराया. फिर इन्हीं महिलाओं ने रीना का भी प्रसव कराया. तभी संयोग से शीतला गली निवासी गर्भवती नीलम भी वहां पहुंची, जिसके बाद इन्हीं महिलाओं ने इसी तरह से नीलम का भी प्रसव कराया. इन तीनों प्रसूताओं ने तीन बेटियों को जन्म दिया. काफी देर बाद इन महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
सुरक्षा जरूरी, लापरवाही नहीं
सुबह लेडी लॉयल अस्पताल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए कर्मचारी क्यों नहीं था, इसका जबाव जिम्मेदारों के पास नहीं है. प्रसूता और उनके साथ आए परिजनों का कहना है कि सुरक्षा जरूरी है, लेकिन इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए, जिससे प्रसूता और नवजात शिशु की जान पर बन आए.
इस बारे में जब लेडी लॉयल अस्पताल की प्रभारी अधीक्षिका डॉ. कल्याणी मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते अस्पताल में आने वाले हर व्यक्ति और महिला की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जाती है. इसके सख्त निर्देश दिए गए हैं. घटना शनिवार सुबह की है, इसकी जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.