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आगरा : भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 2005 की 2824 बीएड डिग्री फर्जी

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने बीएड 2005 की डिग्री पर फर्जी की मुहर लगा दी. विश्वविद्यालय की शुक्रवार को हुई परीक्षा समिति और कार्य परिषद की बैठक में फेक सूची में शामिल डिग्री को फर्जी मान लिया. यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने दी है.

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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
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Published : Feb 9, 2020, 2:55 AM IST

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आखिरकार बीएड-2005 की 2824 डिग्रियों पर फर्जी की मुहर लगा दी. विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति और कार्य परिषद की शुक्रवार को बैठक हुई. इस बैठक में फेक सूची में शामिल डिग्री को फर्जी मान लिया गया. विवि ने 2824 रोल नंबर पर जारी डिग्रियों को फर्जी माना है, जबकि सूची में 3637 रोल नंबर शामिल थे.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने फर्जी बीएड डिग्री पर लगाई मुहर.

विवि इनकी सूची और अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज एसआईटी को सौंप देगा. वहीं, फर्जी मामले में लिए फैसले पर विवि अपना पक्ष कोर्ट में भी रखेगा. इस मामले में 10 फरवरी को सुनवाई होनी है.

बीएड फर्जीवाड़ा-2005

  • शुक्रवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित अतिथि गृह में कार्य परिषद की बैठक हुई.
  • इस बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने की.
  • कार्य परिषद ने एसआईटी की सूची के आधार पर फेक या फिर जेनरेट की श्रेणी में आने वाले 3637 रोल नंबर की डिग्री पर चर्चा की.
  • कार्य परिषद ने एसआईटी की जांच के आधार पर उन रोल नंबर को फर्जी मान लिया.

ऐसे रोल नंबर की संख्या 2834 थी. वहीं 813 प्रति उत्तर वाले रोल नंबर का रिकॉर्ड एसआईटी को भेजा जाएगा. एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया गया है. 813 रोल नंबर पर विवि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 21 दिन के अंदर फैसला ले लेगा.
डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

इसे भी पढ़ें - आगरा: 45 लाख रुपये की ठगी का आरोप, पीड़ित ने दी आत्मदाह की धमकी

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आखिरकार बीएड-2005 की 2824 डिग्रियों पर फर्जी की मुहर लगा दी. विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति और कार्य परिषद की शुक्रवार को बैठक हुई. इस बैठक में फेक सूची में शामिल डिग्री को फर्जी मान लिया गया. विवि ने 2824 रोल नंबर पर जारी डिग्रियों को फर्जी माना है, जबकि सूची में 3637 रोल नंबर शामिल थे.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने फर्जी बीएड डिग्री पर लगाई मुहर.

विवि इनकी सूची और अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज एसआईटी को सौंप देगा. वहीं, फर्जी मामले में लिए फैसले पर विवि अपना पक्ष कोर्ट में भी रखेगा. इस मामले में 10 फरवरी को सुनवाई होनी है.

बीएड फर्जीवाड़ा-2005

  • शुक्रवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित अतिथि गृह में कार्य परिषद की बैठक हुई.
  • इस बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने की.
  • कार्य परिषद ने एसआईटी की सूची के आधार पर फेक या फिर जेनरेट की श्रेणी में आने वाले 3637 रोल नंबर की डिग्री पर चर्चा की.
  • कार्य परिषद ने एसआईटी की जांच के आधार पर उन रोल नंबर को फर्जी मान लिया.

ऐसे रोल नंबर की संख्या 2834 थी. वहीं 813 प्रति उत्तर वाले रोल नंबर का रिकॉर्ड एसआईटी को भेजा जाएगा. एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया गया है. 813 रोल नंबर पर विवि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 21 दिन के अंदर फैसला ले लेगा.
डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

इसे भी पढ़ें - आगरा: 45 लाख रुपये की ठगी का आरोप, पीड़ित ने दी आत्मदाह की धमकी

Intro:डेस्क ध्यानार्थ: कुलपति की बाइट शाम साढ़े सात बजे हुई है, इसलिए खबर देरी से भेजी जा रही है। खबर महत्वपूर्ण है। इसमें वीडियो पैकेज में फाइल फुटेज हैं।
आगरा।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आखिरकार बीएड-2005 की 2824 डिग्रियों पर फर्जी की मुहर लगा दी। विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति और कार्य परिषद की शुक्रवार बैठक हुई। जिसमें फेक सूची में शामिल डिग्री को फर्जी मान लिया। विवि ने 2824 जारी डिग्री को फर्जी माना है, जबकि सूची में 3637 रोल नंबर शामिल थे। 813 ने विवि को आपत्तियां दी थी। विवि के कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि, अब विवि की ओर से फर्जी डिग्रियों की सूची और अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज एसआईटी को सौंप देगा। वहीं, विवि को फर्जी मामले में अपना पक्ष कोर्ट में भी रखेगा। 

Body:बता दें कि, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित अतिथि गृह में शुक्रवार को कार्य परिषद की कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें परीक्षा समिति के निर्णयों को रखा गया। कार्य परिषद ने एसआईटी की सूची के आधार पर फेक या फिर जेनरेट की श्रेणी में आने वाले 3637 रोल नंबर की डिग्री पर चर्चा की। कार्य परिषद ने एसआईटी की जांच के आधार पर उन रोल नंबर को फर्जी मान लिया, जिन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा पर्याप्त समय देने के बाद भी कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया था।
कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने बताया कि, ऐसे रोल नंबर की संख्या 2834 थी। वहीं, 813 प्रति उत्तर वाले रोल नंबर का रिकॉर्ड एसआईटी को भेजा जाएगा। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया गया है। 813 रोल नंबर पर विवि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 21 दिन के अंदर फैसला ले लेगा। Conclusion:हाईकोर्ट ने पिछले दिनों बीएड-2005 के फर्जीवाड़े मामले में सुनवाई में विवि को 10 दिन का समय दिया था। कोर्ट ने विवि से फेक डिग्री के मामले में निर्णय लेने को कहा था। कोर्ट की ओर से दी गई समय सीमा के अंदर ही विवि ने फैसला ले लिया। इस मामले में 10 फरवरी को सुनवाई होनी है। 

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बाइट डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित , कुलपति डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा)।

खबर का वीडियो पैकेज इसी हैडिंग और स्लग से भेजा जा रहा है।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
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