आगरा : जिले के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में 21 महीने पहले खराब मानसिक स्थिति में आई सीता की बुधवार की घर वापसी हो गई. बिहार की रहने वाली सीता नोएडा पुलिस को लावारिस हालत में मिली थी. पता याद न होने के कारण सीता के सही होने के बाद भी वह यहां बंद थी. समाजसेवी महफूज संस्था के कॉर्डिनेटर नरेश पारस के प्रयासों से आखिरकार सीता को रिहाई मिल गयी.
ढाई साल पहले बिहार की रहने वाली सीता की मानसिक स्थिति खराब हो गयी थी और वो घर से लापता हो गयी थी. इसके बाद उसे गर्भवती अवस्था मे नोएडा पुलिस ने मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराया था. इसके बाद सीता को बेटा हुआ, जिसे राजकीय बाल गृह में भेज दिया गया था. कुछ दिनों के इलाज के बाद सीता सही हो गई, लेकिन पता याद न होने के कारण उसे पागलखाने में ही रहना पड़ रहा था.
वहीं मानसिक चिकित्सालय पहुंचे समाजसेवी नरेश पारस को पता चला कि परिजनों के न आने के चलते यहां कई महिलाएं और पुरुष ठीक होने के बाद भी रह रहे हैं. इसके बाद नरेश पारस ने सीता की काउंसलिंग कर उसका पता जाना और सीता को उसके परिवार से मिला दिया. नरेश पारस की मेहनत से सीता 21 महीने बाद अपने बच्चे से भी मिल पाई.