आगरा : यमुना का पानी प्रदूषित हो चुका है. नदी का पानी पीना तो दूर आचमन लायक भी नहीं रह गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मसले पर सख्ती दिखाई है, यही वजह है कि यमुना की धारा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए नगर निगम ने पहली बार बाउंसर तैनात किए हैं. ये 15 बाउंसर यमुना को गंदगी से बचाएंगे. इसका असर भी दिखने लगा है. वाॅटर वर्क्स चौराहे से हाथीघाट तक यमुना किनारे मवेशियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि यमुना नदी में किसी भी तरह की गंदगी नहीं जानी चाहिए. सीवरेज का पानी भी एसटीपी से शोधित होने के बाद ही निकाला जाए. वहीं अभी भी छोटे-बड़े 70 नालों का पानी सीधे यमुना में गिर रहा है. इससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है. लगातार जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई जा रही है. नगर निगम ने इसका संज्ञान लिया है. यमुना को मैली होने से बचाने के लिए 15 बाउंसरों की तैनाती की गई है. बाउंसर मवेशियों को नदी में जाने से रोक रहे हैं. लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं.
15 बाउंसर किए गए तैनात : नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम टीम के साथ मारपीट और पथराव की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं. पशुपालक मनमानी करते हैं. टीम के पहुंचने पर वे पशुओं को नदी से निकालकर चले जाते हैं लेकिन टीम के जाते ही काफी संख्या में मवेशी फिर से नदी में पहुंच जाते हैं. इसलिए, यमुना नदी में मवेशियों के प्रवेश को रोकने के लिए नई योजना बनाई गई. नगर निगम ने यमुना नदी पर बाउंसर तैनात किए हैं. ये बाउंसर आउटसोर्सिंग पर तैनात किए गए हैं. निगम ने 15 बाउंसर तैनात किए हैं. इनमें दो महिलाएं भी हैं. वे यमुना में मवेशियों का प्रवेश रोकने पर लगे हैं.
सुबह और शाम गश्त भी करते हैं बाउंसर : नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि बाउंसर मवेशियों को रोकने के लिए कई अन्य चीजों पर भी नजर रख रहे हैं. वे प्रतिमाओं का विसर्जन करने वालों की निगरानी कर रहे हैं. खुले में शौच करने वालों को भी रोक रहे हैं. बाउंसर सुबह से शाम तक रामबाग से ताजमहल तक और यमुना किनारे गश्त करते हैं.
स्थानीय निवासी आबिद ने बताया कि यमुना नदी में अब भैंसे नहीं आती हैं. बाउंसर भैंस और अन्य मवेशियों को नहलाने से रोक रहे हैं. यह तरीक सही है.
झगड़ा करते हैं कई पशुपालक : बाउंसर सुपरवाइजर सहदेव सिंह सिकरवार ने बताया कि जिस एरिया की जिम्मेदारी मिली है, वहां का हम राउंड लेते हैं. हम भैंस, गाय और गंदगी करने वालों को रोक रहे हैं. हम लगातार क्षेत्र में घूमते हैं. हमारे सामने कई दिक्कत हैं. कई बार पशुपालक रोकने पर विवाद करते हैं. मारपीट पर भी उतर आते हैं. मेहताब बाग के पास गांव के लोग सुबह सात बजे तक यमुना में अपनी मवेशी लेकर पहुंच जाते हैं. हम नौ बजे डयूटी पर आते हैं. मेहताब बाग के पास सुरक्षा में लगी पीएसी और ताज सुरक्षा के जवान, अधिकारी हमें यमुना नदी से मवेशियों को पकड़ने नहीं देते हैं. इस वजह से ताजमहल के पास यमुना की तहलटी में मवेशी पहुंच जाते हैं. इस बारे में नगर निगम अधिकारियों को बता चुके हैं.
पशुपालक कर चुके हैं मारपीट और पथराव : नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि यमुना नदी में मवेशियों के प्रवेश प्रतिबंध है. पशुपालकों को कई बार इसके विषय में जानकारी दी. नदी में मवेशी रोकने का प्रयास शुरू हुआ तो अभियान चलाया गया. कई बार नगर निगम की टीम ने अभियान चलाकर वहां से मवेशियों को पकडा. जुर्माना भी वसूला. इसके बाद भी अब पशुपालक बैखौफ हो गए हैं. नगर निगम की टीम अभियान चलाती है तो पशुपालक मारपीट और पथराव कर देते हैं. लाठी डंडे चलाते हैं. पथराव में कई बार नगर निगम के वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. इसे लेकर मुकदमे भी दर्ज कराए गए थे.
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