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आगरा: अवैध खनन को फर्जी बिल से वैध बनाने वाले 11 गिरफ्तार - उत्तर प्रदेश समाचार

आगरा पुलिस ने मालवाहक और खनन वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि इस गिरोह के नौ लोग फरार चल रहे हैं.

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Published : Sep 17, 2020, 10:41 PM IST

आगरा: जिले में पुलिस और विजिलेंस टीम ने सैंया में राजस्थान बॉर्डर पर मालवाहक और खनन वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गुरुवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं इस गिरोह के नौ लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मालवाहक, अवैध खनन वाहन और अन्य वाहनों का आरटीओ का ऑनलाइन टैक्स जमा करने के लिए सैंया बॉर्डर पर कई ऑफिस बने हुए हैं. गिरोह यहां भाड़े से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार कर वाहनों को यूपी बॉर्डर में प्रवेश कराता था. गुरुवार देर रात करीब तीन बजे 100 पुलिसकर्मियों की टीम ने छापेमारी कर 20 लोगों को हिरासत में लिया था.

पूछताछ में फर्जीवाड़े के गिरोह का खुलासा करते हुए एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सैंया में बने आफिस में कंप्यूटर के माध्यम से माल के फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे, जहां आठ से नौ लोग इस काम में लगे हुए थे. वहीं बाकी ग्राहक थे, जो कि अपने दस्तावेज बनवाने आए थे. कोई टैक्स जमा करने आया था तो कोई फर्जी दस्तावेज. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही यह भी पता किया जा रहा है कि यह गैंग कब से सक्रिय था. फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल ट्रक चालक करते थे. आरटीओ और पुलिस के रोकने पर इन्हीं दस्तावेजों को दिखाकर वे बच जाते थे. दस्तावेज तैयार करने वाले कमीशन लेते थे. एसएसपी ने बताया कि इस पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.

एसएसपी बबलू कुमार के मुताबिक ये गिरोह अवैध खनन को फर्जी दस्तावेज से बनाता था. वहीं वैध गिरोह मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाली अवैध खनन की गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें यूपी में प्रवेश करवाता था. इस तरह यह गिरोह अवैध खनन को वैध बनाकर राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की हानि पहुंचा रहा था. फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के पास से लैपटॉप, चार प्रिंटर, एक इन्वर्टर, आठ खाली बिल बुक, तीन कंपनी के नाम से बिल बुक और आरटीओ की रसीद बरामद हुई है.

आगरा: जिले में पुलिस और विजिलेंस टीम ने सैंया में राजस्थान बॉर्डर पर मालवाहक और खनन वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गुरुवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं इस गिरोह के नौ लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मालवाहक, अवैध खनन वाहन और अन्य वाहनों का आरटीओ का ऑनलाइन टैक्स जमा करने के लिए सैंया बॉर्डर पर कई ऑफिस बने हुए हैं. गिरोह यहां भाड़े से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार कर वाहनों को यूपी बॉर्डर में प्रवेश कराता था. गुरुवार देर रात करीब तीन बजे 100 पुलिसकर्मियों की टीम ने छापेमारी कर 20 लोगों को हिरासत में लिया था.

पूछताछ में फर्जीवाड़े के गिरोह का खुलासा करते हुए एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सैंया में बने आफिस में कंप्यूटर के माध्यम से माल के फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे, जहां आठ से नौ लोग इस काम में लगे हुए थे. वहीं बाकी ग्राहक थे, जो कि अपने दस्तावेज बनवाने आए थे. कोई टैक्स जमा करने आया था तो कोई फर्जी दस्तावेज. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही यह भी पता किया जा रहा है कि यह गैंग कब से सक्रिय था. फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल ट्रक चालक करते थे. आरटीओ और पुलिस के रोकने पर इन्हीं दस्तावेजों को दिखाकर वे बच जाते थे. दस्तावेज तैयार करने वाले कमीशन लेते थे. एसएसपी ने बताया कि इस पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.

एसएसपी बबलू कुमार के मुताबिक ये गिरोह अवैध खनन को फर्जी दस्तावेज से बनाता था. वहीं वैध गिरोह मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाली अवैध खनन की गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें यूपी में प्रवेश करवाता था. इस तरह यह गिरोह अवैध खनन को वैध बनाकर राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की हानि पहुंचा रहा था. फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के पास से लैपटॉप, चार प्रिंटर, एक इन्वर्टर, आठ खाली बिल बुक, तीन कंपनी के नाम से बिल बुक और आरटीओ की रसीद बरामद हुई है.

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