हैदराबाद : छह बार की महिला विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और युवा मुक्केबाज निखत जरीन के बीच ओलंपिक क्वालीफायर को लेकर चला आ रहा विवाद अब थमने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने ट्रायल मैच कराने पर अपनी सहमति जता दी है. निखत ने मैरी कॉम के खिलाफ ट्रायल की मांग के लिए खेल मंत्री किरण रिजिजू को पत्र भी लिखा था.
मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने इस साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसी के आधार पर ओलंपिक क्वॉलिफायर में मैरी कॉम का जाना तय माना जा रहा था लेकिन नियम के मुताबिक वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने वाली एथलीट को ही ओलंपिक क्वॉलिफायर में सीधा प्रवेश मिलेगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बर्गामास्को ने सभा को बताया, ''“एक दिलचस्प बिंदु है. बर्गमैस्को ने सभा को बताया कि मैरी कॉम को निखत के खिलाफ ट्रायल देने में कभी कोई समस्या नहीं हुई और ये सब चीजें बीएफआई अध्यक्ष के बयान के बाद हुआ. मैरी कॉम ने अपने बयान का समर्थन करना शुरू कर दिया. वास्तव में, कोचों ने कहा कि वे हमेशा एक परीक्षण के पक्ष में थे.
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ये बैठक SAI मुख्यालय में आयोजित की गई थी. 36 वर्षीय मैरी कॉम ने इससे पहले खेल मंत्री किरण रिजिजू से ट्रायल की मांग करने के बाद 23 साल की उम्र में निकहत के खिलाफ एक तीखा हमला किया था। वह कौन है, मैं उसे नहीं जानती. वो मेरे सामने क्या है”