हैदराबाद: इंटरनेशनल बॉक्सर स्वीटी बूरा और भारतीय कबड्डी टीम के कैप्टन दीपक हुड्डा एक दूसरे के हमसफर बन गए हैं. शुक्रवार सुबह सात फेरे लेकर दोनों शादी के बंधन में बंध गए. दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी की. शादी की रस्में अदा करके स्वीटी के माता-पिता ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देकर हरियाणा के हिसार जिले में सेक्टर-4 स्थित आवास से विदा किया. स्वीटी बूरा की ससुराल रोहतक में है.
बता दें, बॉक्सर स्वीटी बूरा और कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा की मुलाकात साल 2015 में एक समारोह में हुई थी. स्वीटी को दीपक का खेल बहुत पसंद है. इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. एक साल बाद दीपक ने स्वीटी को प्रपोज किया. शुरुआत में स्वीटी बूरा ज्यादा फेमस थीं. इसलिए शादी को लेकर घरवालों को एतराज था. इसके बाद दोनों ने सात साल इंतजार किया और अब दोनों ने शादी कर ली.
स्वीटी बूरा बचपन में कबड्डी खेलती थीं. लेकिन उनका सपना बॉक्सर बनने का था. जब स्वीटी 15 साल की थीं तो उन्होंने घर में बॉक्सर बनने की बात बताई. घरवाले और रिश्तेदारों ने इसका विरोध किया. लेकिन पिता महेंद्र सिंह ने बेटी का साथ दिया और बॉक्सिंग प्रैक्टिस के लिए भेजा. साल 2009 में स्वीटी की मेहनत रंग लाई और उन्होंने स्टेट लेवल पर स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता. स्वीटी ने ऑल इंडिया लेवल पर पांच बार चैंपियन बनने का रिकॉर्ड बनाया है.
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एक इंटरव्यू में स्वीटी ने बताया था, बॉक्सर बनने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की. रोजाना 12 किलोमीटर साइकिल चलाती थीं. उन्होंने बताया, उनके स्कूल से प्रैक्टिस सेंटर 6 किलोमीटर था. इसलिए रोजाना 12 किलोमीटर साइकिल चलाकर प्रैक्टिस करने आती-जाती थीं.
भारतीय कबड्डी टीम के कैप्तान दीपक हुड्डा रोहतक के रहने वाले हैं. वो एक पेशेवर खिलाड़ी हैं. दीपक प्रो कबड्डी लीग में जयपुर पिंक पैंथर्स के कप्तान हैं. दीपक को अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया है. जब दीपक हुड्डा चार साल के थे तो उन्होंने अपनी मां को खो दिया. बड़ी बहन और पिता ने उनका पालन-पोषण किया.
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साल 2013 में उनके पिता का निधन हो गया. परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया और बच्चों को पढ़ाकर घर चलाने लगे. दीपक हुड्डा पढ़ता चाहते थे, जैसे ही उनकी आर्थिक हालत सुधरी, उन्हेंने ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया.