ऩई दिल्लीः जिम्नास्ट दीपा कर्माकर (Dipa Karmakar) पर एंटी डोपिंग रूल्स वायलेशन के लिए 2 साल का बैन लगा है. मार्च में इंटरनेशनल जिम्नास्ट फेडरेशन ने उनके स्टेटस को सस्पेंड कर दिया था. उस समय सस्पेंशन को लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आईं थीं. बताया जा रहा है कि ये अनुशासनहीनता या आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है या फिर एंटी डोपिंग वायलेशन भी हो सकती है.
वाडा के नियमों को किया उल्लंघन
सूत्रों ने बताया कि उन पर बैन इसलिए लगा है क्योंकि उन्होंने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की वेयरबाउट्स गाइडलाइंस यानी अपने ठिकाने की जानकारी देने वाले नियमों का उल्लंघन किया था. हालांकि जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया और नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने इस मामले पर अभी तक चुप्पी साध रखी है. एक रिपोर्ट के अनुसार दीपा कर्माकर 2021 से ही संस्पेंशन झेल रही हैं. हालांकि जिम्नास्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कोच पर लग रहे आरोप
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नाडा (NADA) उनके कोच बिस्वेश्वर नंदी पर आरोप लगा रहे हैं जो दीपा को बचपन से ट्रेंड कर रहे हैं. आरोप है कि नंदी की वजह से ही पद्म श्री, खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित दीपा को वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी के सामने फेल होना पड़ा. दीपा कर्माकर के सस्पेंशन पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) का कहना है कि नंदी और त्रिपुरा सरकार स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट इसकी जिम्मेदार हैं.
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नाडा ने कोच को ठहराया जिम्मेदार
नाडा ने भी दीपा कर्माकर के कोच पर उसका करियर खत्म करने का आरोप लगाया है. दीपा कर्माकर कई तरह की इंजरी से भी जूझ रही हैं. 2017 में उनकी सर्जरी भी हुई थी. उन्होंने 2019 में अपना लास्ट विश्व कप खेला था. इंजरी की वजह से ही दीपा 2019 के टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थीं.