जकार्ता: भारत की दूसरी श्रेणी की हॉकी टीम सोमवार (23 मई) को जब एशिया कप में अपने खिताब के बचाव की शुरूआत करने के लिए पहले मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसे कुशलता से दबाव से निपटना होगा.
पाकिस्तान ने टूर्नामेंट में कुछ नए चेहरों को उतारा है तो भारत अनुभवी बीरेंद्र लाकड़ा की अगुआई में अपनी ‘ए’ टीम का प्रतिनिधित्व करेगा. लाकड़ा ने टोक्यो ओलंपिक के बाद संन्यास से वापसी की है.
भारत के लिए एशिया कप व्यस्त सत्र से पहले अपनी ‘बेंच स्ट्रेंथ’ को आजमाने का मंच प्रदान करेगा जिसमें बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल और अगले साल एफआईएच विश्व कप शामिल है जिसके लिए टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने मेजबान देश के तौर पर पहले ही क्वालीफाई कर लिया है.
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान इस टूर्नामेंट से भुवनेश्वर में होने वाले 2023 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश में है. एशिया कप से शीर्ष तीन टीमें सीधे जनवरी में होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लेंगी.
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भारत और पाकिस्तान दोनों ही टीमें तीन-तीन बार एशिया कप अपने नाम कर चुकी हैं. भारत ने पिछला चरण 2017 में जीता था और ढाका में हुए फाइनल में उसने मलेशिया को हराया था.
भारत की 20 सदस्यीय टीम को पूर्व कप्तान सरदार सिंह कोचिंग दे रहे हैं. पहले टीम की अगुआई टोक्यो पदक विजेता रूपिंदर पाल सिंह को करनी थी जिन्होंने भी संन्यास से वापसी की है लेकिन कलाई की चोट के कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए.
भारतीय टीम में एक और अनुभवी एसवी सुनील शामिल हैं जिन्होंने भी संन्यास से वापसी की और उन्हें मैदान में काफी चुस्त और फुर्तीला माना जाता है. सुनील चोट के कारण टोक्यो ओलंपिक टीम में शामिल नहीं हो सके थे, वह उपकप्तान होंगे.
भारतीय टीम में 10 ऐसे खिलाड़ी हैं जो सीनियर भारतीय टीम में पदार्पण करेंगे जिसमें यशदीप सिवाच, अभिषेक लाकड़ा, मंजीत, विष्णुकांत सिंह और उत्तम सिंह शामिल हैं। ये सभी जूनियर विश्व कप का हिस्सा थे.
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इनके अलावा टीम में नये खिलाड़ी जैसे मरीस्वारेन साकतिवेल, शेशे गौड़ा बीएम, पवन राजभार, अभरण सुदेव और एस कार्ति शामिल हैं. अब देखना होगा कि सरदार किस तरह से इन युवाओं से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करायेंगे.
नए खिलाड़ी जानते हैं कि एशिया कप में अच्छे प्रदर्शन से उनके लिये राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में शामिल होने का दरवाजा खुल सकता है क्योंकि राष्ट्रीय चयनकर्ता और मुख्य कोच ग्राहम रीड उनके प्रदर्शन पर निगाह लगाये होंगे. भारत के लिए सिमरनजीत सिंह चोट के कारण लंबे समय बाद अग्रिम पंक्ति में वापसी करेंगे। वह टोक्यो ओलंपिक टीम का हिस्सा थे. लेकिन जिम्मेदारी उन चुनिंदा सीनियर खिलाड़ियों पर होगी कि वे मुकाबले में युवाओं का मार्गदर्शन करें.
भारतीय उप कप्तान सुनील ने कहा, यह (दबाव) हमेशा रहेगा (पाकिस्तान के खिलाफ मैच में). पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी मैच हो, वह हमेशा दबाव भरा होता है. लेकिन सीनियर होने के नाते अगर हम ज्यादा उत्साही हो जायें तो जूनियर खिलाड़ी दबाव में आ सकते हैं. इसलिए हमें इसे सामान्य मैच की तरह लेना होगा.
उन्होंने कहा, यह आसान टूर्नामेंट नहीं है लेकिन अगर हम अपनी योजना के अनुसार खेलेंगे तो हम जीत दर्ज करेंगे. हमें युवाओं को प्रेरित करने और उनका नेतृत्व करने की जरूरत होगी. इसलिए हमारे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी.
वहीं पाकिस्तानी टीम नये कोच सेगफ्राइड ऐकमैन के मार्गदर्शन में यूरोप दौरे पर मिश्रित नतीजों के साथ टूर्नामेंट में खेल रही है जिसमें टीम ने पांच मैच खेले थे. उसने नीदरलैंड और स्पेन के खिलाफ दो-दो और बेल्जियम के खिलाफ एक मैच खेला जिसमें से उसे केवल दो में जीत मिली.
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दोनों टीमों में युवा खिलाड़ी शामिल हैं तो यह देखना होगा कि खिलाड़ी टर्फ पर अपनी भावनाओं और मनोभावों को किस तरह काबू करते हैं.
पाकिस्तान के बाद भारत का सामना मंगलवार को पूल ए के दूसरे मैच में जापान से होगा और फिर 26 मई को टीम मेजबान इंडोनेशिया के सामने होगी.
मलेशिया, कोरिया, ओमान और बांग्लादेश पूल बी में शामिल हैं.
सोमवार को अन्य मैचों में पूल बी में मलेशियाई टीम ओमान से, दक्षिण कोरियाई टीम बांग्लादेश से जबकि पूल में जापानी टीम इंडोनेशिया के सामने होगी.