नई दिल्ली: भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) के 'सुपर फोर' मुकाबले में महत्वपूर्ण कैच लपकने से चूक गए. वहीं 36 साल पहले कुछ ऐसा ही वाकया चेतन शर्मा के साथ हुआ था जब उनकी गेंद यॉर्कर के बजाय फुलटॉस होकर छक्के के लिए चली गई थी. चेतन ने तब जावेद मियांदाद को यॉर्कर डालने का प्रयास किया था जिन्हें तब 'शारजाह का महाराजा' कहा जाता था, लेकिन यह फुल टॉस हो गई. 1986 में ऑस्ट्रल-एशिया कप फाइनल (Austral-Asia Cup final) में चेतन के लिए एक गेंद काफी खराब रही जिसमें वह लेंथ से चूक गए. अब 2022 एशिया कप में आसिफ अली ने हवा में शॉट खेला और अर्शदीप ने कैच छोड़ दिया. इससे टीम के सभी साथी काफी निराश हो गए.
इन दोनों मैचों के बीच 36 साल का अंतर रहा, लेकिन दर्शक इंसान की सरल सी गलती को भी स्वीकार नहीं कर पाते और तब चेतन इससे काफी भयभीत हो गए थे. बस उम्मीद कर सकते हैं कि रविवार को कैच छूटने से हुई चूक से इस 23 साल के खिलाड़ी के दिमाग पर कितना गहरा असर हुआ होगा, क्योंकि अगर सब ठीक रहता है तो अर्शदीप का आगामी सालों में विश्व क्रिकेट में टी20 के अंतिम ओवरों के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज में से एक बनना तय था.
देश के लोगों ने तब चेतन को नहीं बख्शा था जबकि वह लॉर्ड्स टेस्ट में पांच विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों में से एक थे और वनडे विश्व कप में पहली हैट्रिक लेने वाले गेंदबाज थे. लेकिन लोगों को बस वही एक गेंद याद है. रविवार की रात सोशल मीडिया पर अर्शदीप के कैच छूटने पर जो प्रतिक्रिया थी, उसे भी हल्के में नहीं लिया जा सकता और इसमें दिखाई गई घृणा को बयां नहीं किया जा सकता.
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लोग भूल गए कि कैच छूटने के कुछ ही मिनट बाद अर्शदीप अंतिम ओवर डालने आए और उन्होंने शानदार जज्बा दिखाकर उसी आसिफ को पगबाधा आउट किया. वे भूल गए कि टी20 मैच में अंतिम ओवर में केवल सात रन का ही बचाव करना था जिन्हें बनाना काफी आसान था. वे भूल गए कि हार्दिक पंड्या, युजवेंद्र चहल और भुवनेश्वर कुमार के लिए भी दिन अच्छा नहीं रहा था.