नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम अब दौर से गुजर रही है, जिसमें कई पुराने और दिग्गज खिलाड़ियों का रिटायरमेंट संभावित रूप से दिखाई देने लगा है. लगातार क्रिकेट खेलते रहने से कई खिलाड़ियों की चोट भी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में कई खिलाड़ियों के विकल्प की तलाश तेजी से शुरू करने की जरूरत है अन्यथा टीम के अंदर एक बड़ा गैप बनता जाएगा. चाहे गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी इसका सही विकल्प हर फारमेट के लिए तैयार रखने की जरूरत है, ताकि किसी खिलाड़ी के न होने से टीम के प्रदर्शन प्रभावित न हो.
बताया जा रहा है कि गेंदबाजी में भी भारतीय क्रिकेट टीम को 4 गेंदबाजों के विकल्प की तलाश करनी शुरू करनी होगी, ताकि इनके चोटिल होने या टीम से बाहर होने की स्थिति में भारत की गेंदबाजी कमजोर ना पड़े. अभी तक हमारी तेज गेंदबाजी मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के इर्दगिर्द रही है और अक्सर बुमराह के न होने से गेंदबाजी को कमजोर कहा जाता रहा है. वहीं मोहम्मद शमी को भी तीनों फारमेट में एडजस्ट करने में परेशानी हो रही है.
कौन बन सकता है शमी और बुमराह का विकल्प
बुमराह फ़िलहाल सिर्फ़ 29 साल के हैं और उनमें अभी काफ़ी क्रिकेट बाक़ी है. हालांकि उन्होंने 2022 टी20 विश्व कप के बाद से ही कोई क्रिकेट नहीं खेला है और वह जल्द ही भारतीय टीम में अपनी वापसी करना चाह रहे हैं. लगातर पीठ की चोट उभरने व दर्द बढ़ने से उनकी समस्या बढ़ती जा रही थी. उसी के कारण उन्हें मार्च में एक बार फिर सर्जरी से गुज़रना पड़ा था. भारतीय टीम प्रबंधन चाह रहा है कि उनकी टीम में जल्द से जल्द वापसी हो. एहतियातन धीरे-धीरे वह अक्तूबर में होने वाले विश्व कप के लिए उपलब्ध रहने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बुमराह का टेस्ट गेंदबाज़ के रूप में करियर कैसा रहेगा..इस पर भी सोचने की जरूरत है.
नवंबर में समाप्त हो रहे विश्व कप के बाद भारत को 2 टेस्ट, 3 वनडे और 3 टी20 मैचों की सीरीज खेलने के लिए तुरंत साउथ अफ़्रीका के दौरे पर जाना है. इसके बाद 5 टेस्ट मैचों की लंबी श्रृंखला के लिए इंग्लैंड की टीम भारत आएगी. फिर इसके बाद आईपीएल और टी20 विश्व कप है. अपने गैर-परंपरागत एक्शन के कारण बुमराह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण गेंदबाज बन चुके हैं. इसलिए उनके वर्कलोड मैनेजमेंट पर टीम को खास ध्यान देना होगा.
बुमराह के ठीक विपरीत देखा जाय तो मोहम्मद शमी चोटों से तो मुक्त हैं, लेकिन 32 साल की उम्र हो चुकी है. ऐसे में धीरे-धीरे उनके शरीर पर ज्यादा बोझ डालने ठीक नहीं होगा. वह आने वाले वनडे और टी20 विश्व कप के लिए भारत के लिए महत्वपूर्ण गेंदबाज हैं, ऐसे में उनको चोट मुक्त रखने के लिए उनके विकल्प भी तैयार किए जाने चाहिए. ताकि दूसरे गेंदबाजों को ये एहसास दिलाया जा सके कि वह भविष्य के गेंदबाज बन सकते हैं और उनको किस खिलाड़ी की जगह लेनी है. मोहम्मद शमी भारतीय टीम के लिए जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की तरह टेस्ट मैच गेंदबाज के तौर पर सुरक्षित किए जा सकते हैं, ताकि वह अपना बेस्ट प्रदर्शन दे सकें. मोहम्मद सिराज व उमरान मलिक, यश दयाल, अर्शदीप सिंह व देशपांडे जैसे गेंदबाजों को टीम में मौका दिए जाने की जरूरत है. ताकि उनकी क्षमता का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परखा जा सके.
जडेजा और अश्विन का कौन होगा विकल्प
भारत के नंबर वन स्पिन गेंदबाज आर. अश्विन ने हाल ही में बताया है कि घुटने के दर्द के कारण उन्होंने अपना ऐक्शन बदला है, जिससे उनको कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन उनका करियर कितना चलेगा यह कोई ठीक नहीं है. कौन सी सीरीज उनकी आखिरी सीरीज होगी..यह कुछ कहा नहीं जा सकता है. वहीं उनके स्पिन जोड़ीदार रविन्द्र जडेजा की भी पिछले सितंबर में घुटनों की सर्जरी हुई थी, लेकिन वह वापसी के बाद बेहतरीन फॉर्म में दिखे हैं. लेकिन तीन फॉर्मेट में खेलने वाले इस खिलाड़ी का भी वर्क लोड कम करने की जरूरत है, ताकि वह टीम के साथ लंबे समय तक बना रहे,
अब देखना होगा कि इन दोनों स्पिन गेंदबाज़ों का शरीर कब तक साथ देता है और उनके विकल्प के रूप में टीम प्रबंधन किसको तैयार करता है. अक्षर पटेल तो एक विकल्प हैं, लेकिन कुलदीप यादव, सौरभ कुमार और राहुल चाहर का क्या होगा, जो लगातार इंडिया ए का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में सिर्फ़ बेंच पर बैठने के लिए चुना जाता रहा है.