लखनऊ : भारत और पाकिस्तान के बीच 1952 में एक टेस्ट मैच खेला गया था जो की गोमती के किनारे लखनऊ विश्वविद्यालय ग्राउंड में हुआ था. इसके बाद में एक केडी सिंह बाबू स्टेडियम में 1989 में नेहरू कप में एकदिवसीय मुकाबले और 1994 में भारत और श्रीलंका टेस्ट मैच खेला गया था. जिसके सीधे 25 साल बाद 2018 में पहला T20 मुकाबला भारत और वेस्टइंडीज के बीच अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में खेला गया. इस तरह से 1950 के दशक से लेकर वर्तमान में विश्व कप तक लखनऊ में क्रिकेट का समृद्ध इतिहास रहा है.
लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की तरक्की बढ़ती जा रही है. विश्व कप 2023 में पांच मैचों के आयोजन को लेकर लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम को चुना गया है. 12 अक्टूबर को पहला मैच ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को खेला जाएगा. जबकि विश्व विजेता इंग्लैंड और मेजबान भारत के बीच 29 अक्टूबर को मुकाबला खेला जाएगा. इसके बीच में अफगानिस्तान, श्रीलंका और हॉलैंड के बीच मुकाबले खेले जाएंगे.
पहली बार लखनऊ में भिड़े थे भारत-पाकिस्तान
भारत पाकिस्तान के बीच 1952 में लखनऊ के विश्वविद्यालय मैदान में सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला गया था. जिसमें एक पारी से पाकिस्तान से भारत हार गया था. पाकिस्तान के शानदार खिलाड़ी मुदस्सर नज़र के पिता नज़र मोहम्मद ने यहां शतक जमाया था. विश्वाविद्यालय और गोमती के बीच तब बांध नहीं था. 1960 की बाढ़ के बाद यहां बांध बनाया गया. उसके बाद यह मैदान समाप्त हो गया है.
1989 में वापस लौटा था अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट
लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट 1989 में लौटा था. तब नेहरू कप क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए श्रीलंका और पाकिस्तान की टीम लखनऊ पहुंची थी.यहां पाकिस्तान के कप्तान पाक के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान थे.रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान ने श्रीलंका को हरा दिया था. तब लखनऊ का केडी सिंह स्टेडियम पूरी तरह से भरा हुआ था.
1994 में भारत ने में श्रीलंका को जबरदस्त तरीके से हराया
1994 में भारत और श्रीलंका के बीच में टेस्ट मैच खेला गया था. लखनऊ केडी सिंह बाबू स्टेडियम में इस मैच में भारत में मात्र चार दिन में ही श्रीलंका को भारत ने एक पारी से हरा दिया था. इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू ने शतक मारा था. जबकि अनिल कुंबले ने दोनों पारी मिलाकर 11 विकेट लिए थे.
जब इंग्लैंड की टीम ने बिखेरा था जलवा
1993 में भारतीय बोर्ड प्रेसिडेंट एकादश और इंग्लैंड के बीच तीन दिवसीय मुकाबला केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला गया था. नवजोत सिंह सिद्धू, विनोद कांबली, राहुल द्रविड़, राजेश चौहान, माइक गैटिंग, ग्राहम गूच, ग्राहम हिक जैसे शानदार खिलाडियों ने लखनऊ में अपना जौहर दिखाया था.
केडी सिंह बाबू स्टेडियम हुआ अतीत और 2018 में इकाना में लौटा अंतराष्ट्रीय क्रिकेट
केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मानक अधूरे रह गए. इसके बाद में सीधे 2018 में अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई. यहां वेस्ट इंडीज और भारत के बीच T20 मैच खेला गया था. जिसमें आसानी से भारत ने वेस्टइंडीज को हरा दिया था. रोहित शर्मा ने इस मुकाबले में शानदार शतक मारा था. इसके बाद में लगातार लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो रहा है. पिछले साल से इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले भी लखनऊ में शुरू हो गए हैं. इसके अतिरिक्त कई अंतरराष्ट्रीय मैच लखनऊ में आयोजित किये जा चुके हैं. अब विश्व कप का गवाह भी लखनऊ बनेगा.
लखनऊ के क्रिकेटरों के बीच खुशी की लहर
लंबे समय से अंपायरिंग करने वाले विकास श्रीवास्तव बताते हैं कि निश्चित तौर पर लखनऊ के लिए यह सौभाग्य का विषय है. इतना अच्छा स्टेडियम लखनऊ में है और यहां विश्व कप के मैच होंगे. वक्त के साथ अंतरराष्ट्रीय मां को पर केडी सिंह बाबू स्टेडियम खरा नहीं है. इसलिए इकाना को चुना गया है. एक अन्य अंपायर कुलदीप ने बताया कि निश्चित तौर पर लखनऊ के युवा क्रिकेटरों के लिए विश्व कप का आयोजन एक बहुत बड़ा मौका है. इन माचो के जरिए नए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर उत्तर प्रदेश से निकलेंगे.