लखनऊ: कभी साल 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लखनऊ की रेजीडेंसी में भारत के क्रांतिकारियों ने वंदे मातरम का उद्घोष कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे. 166 साल बाद उसी लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेयी इकाना स्टेडियम में करीब 47 हजार क्रिकेट प्रेमियों ने एक साथ वंदे मातरम गाकर अंग्रेजों की क्रिकेट टीम का दिल दहला दिया. इकाना स्टेडियम की लाइट को बंद कर शानदार लेजर शो के दौरान मैदान में मौजूद दर्शकों ने वंदे मातरम गीत गाया, तो दूसरी और अंग्रेज बल्लेबाज इस दबाव को सह नहीं सके और एक के बाद एक उनकी विकेट गिरती रही.
अंग्रेजों की पारी के पहले ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान यह लेजर शो आयोजित किया गया. सबसे पहले ग्राउंड की सारी लाइट बुझाकर केवल लेजर लाइट जलाई गई और दर्शक ने अपने अपने मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट जलाई. जिसके साथ ही वंदे मातरम गीत बजने लगा और डीजे ने लोगों साथ ही साथ यह गीत गाने की अपील की और फिर देशभक्ति का जो समा बंधा वह देखने योग्य था. हजारों लोग गीत को गुना गुना रहे थे. सभी मंत्रमुग्ध हुए जा रहे थे, जबकि बुरा हाल उस अंग्रेज टीम का था, जिसकी आधी टीम पैवेलियन की राह पकड़ कर संघर्ष करती हुई नजर आ रही थी.
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भारतीय क्रिकेट टीम के विश्व कप के प्रत्येक मैच के दौरान यह लेजर शो आयोजित किया जाता है. जिसमें यही प्रक्रिया हर जगह दोहराई जाती है, जो कि काफी आकर्षक होती है. यह बात दीगर है कि आस्ट्रेलियाई हरफनमौला खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने इसे बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बताया था. तो उन्हीं की टीम के धाकड़ बल्लेबाज डेविड वार्नर ने मैक्सवेल को जवाब देते हुए लेजर शो का समर्थन करते हुए इसे शानदार कहा था. जिसके बाद से इस लेजर शो को लेकर बहुत अधिक चर्चा की जा रही है.