नई दिल्ली : एशिया कप 2022 में फाइनल के पहले रेस से बाहर होने और ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली जा रही टी-20 सीरीज (India vs Australia T20 Series) के पहले मैच में करारी हार के बाद भी सीरीज जीतने के कई सबक हैं, जिनको सीखकर भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ (India vs South Africa T20 Series) बेहतर प्रदर्शन करने के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया में खेल जाने वाले टी-20 वर्ल्ड कप 2022 (ICC Mens T20 World Cup 2022) में बेहतर प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर से खिताब जीतने की कोशिश कर सकता है.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टी-20 सीरीज का आखिरी मैच रोमांचक अंत में भारतीय टीम ने अंतिम ओवर में एक गेंद पहले 6 विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज पर कब्जा कर लिया. इस सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 3 मैच की टी-20 सीरीज में 2-1 से हराते हुए कई साल बाद देश में ऑस्ट्रेलिया को पटखनी देने में सफलता पायी है. तीसरे मैच में भारत को जीत के लिए 187 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे टीम इंडिया ने 4 विकेट खोकर आखिरी ओवर में हासिल कर लिया. राहुल व रोहित का विकेट खोने के बाद इतना बड़ा लक्ष्य हासिल करना मध्यक्रम की मजबूती को दिखा रहा है.
इसके पहले सीरीज का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया ने मोहाली में 4 विकेट से जीता था, जबकि भारत ने नागपुर में दूसरा मैच 6 विकेट से अपने नाम किया था. बरसात से प्रभाविक 8 ओवर के मैच में रोहित शर्मा ने शानदार बल्लेबाजी की थी और आखिरी ओवर में कार्तिक के छक्के व चौके से 4 गेंद पहले ही टीम ने यह मैच जीत लिया था. आखिरी ओवरों तक चले रोमांच में टीम इंडिया दबाव में अच्छा खेलने का हुनर दिखा रही है. आखिरी दो मैचों में जीत इसी का नतीजा है. खेल के विशेषज्ञों के अनुसार टीम इंडिया को टी-20 वर्ल्ड कप 2022 (Team India For T20 World Cup 2022) पर जाने के पहले इन 6 बातों पर ध्यान देना चाहिए.....
1. अंतिम 11 खिलाड़ियों पर फोकस (Focus on Playing XI For Team India)
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया के उन खिलाड़ियों को सारे मैचों में उतारने की पैरवी की जा रही है जो टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए टीम प्रबंधन की पसंद हैं. भारतीय दल में टी-20 वर्ल्ड कप 2022 खेलने के लिए जिन खिलाड़ियों को चुना गया है, उनको अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आजमाया जाना चाहिए, तभी टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए पहले मैच में बेहतर एकादश चुनी जा सकेगी.
2. विश्व कप के लिए सेलेक्ट खिलाड़ियों को मौका (T20 World Cup Players of Team India)
एशिया कप 2022 की खिताबी रेस से बाहर होने व ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में उमेश यादव को मौका देने के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट के फैसले की जमकर आलोचना हुयी थी और कहा जा रहा था कि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया के उन्हीं खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मौके देकर टेस्ट करना चाहिए जो टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए चयन किए गए हैं. ऐसे में एक तो इनकी फॉर्म का पता चल जाएगा और भारतीय टीम को इस दौरान गलतियों को सुधारने का मौका मिल जाएगा.
3. अतिरिक्त बॉलिंग ऑप्शन पर प्रैक्टिस (6th Bowling Option For Team India)
एशिया कप में फाइनल के पहले रेस से बाहर होने और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया को मिली जीत में यह बड़ा सबक है कि टीम को केवल 5 गेंदबाजों के बजाय एक अतिरिक्त गेंदबाजी के विकल्प के साथ खेलना चाहिए. इसके लिए अपना नया प्लान बनाकर या तो एक अतिरिक्त ऑलराउंडर खिलाना होगा या फिर एक अतिरक्त गेंदबाज रखना होगा. रविन्द्र जडेजा के घायल होने से यह समस्या बढ़ गयी है. उनके विकल्प की तलाश के साथ साथ 6 बॉलिंग ऑप्शन पर जोर देना चाहिए. एशिया कप 2022 में टीम को छठें गेंदबाज की कमी खली थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में ऐसा नहीं हुआ और इसका फायदा टीम को मिला है. ऐसे में टीम 6 गेंदबाजी विकल्पों के साथ टी20 वर्ल्ड कप में जाना चाहिए, नहीं तो भारत आशा के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाएगा.
4. पंत व डीके पर भरोसा (Pant and DK Role in Team India)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे में मैच में जिस तरह से दिनेश कार्तिक ने पहली गेंद पर छक्का व दूसरी गेंद पर चौका लगाकर आसानी से मैच जिता दिया, उससे यह बात कही जाने लगी है कि एक फिनिशर और विकेटकीपर के रूप में दिनेश कार्तिक को ज्यादातर मैचों में मौके मिलने चाहिए. बार बार उनको अंदर बाहर करने से उनकी लय टूट जाएगी और भारत को इसका लाभ न मिल पाएगा. वहीं अगर पंत के साथ टीम में मौका देना है तो पंत को भी और अधिक जिम्मेदार बनना होगा और अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करना होगा.
इसे भी देखें : Ind vs Aus 3rd T20: भारत ने ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराया, नौ साल बाद घर में कंगारुओं से जीती सीरीज
5. डेथ ओवर्स के लिए नया प्लान (Death Overs Plan For Team India)
डेथ ओवर्स की गेंदबाजी टीम इंडिया की एक कमजोरी बनकर उभर रही है. पिछले कई मैचों में गेंदबाज जमकर रन लुटा रहे हैं. भारतीय टीम के पेसर डेथ ओवर्स की गेंदबाजी को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं. भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ आखिरी के 4-5 ओवर में 50 से 60 रन आसानी से बन जा रहे हैं, जिससे बल्लेबाजी पर बेवजह दबाव बढ़ रहा है. इसके लिए डेठ ओवर्स में बुमराह के साथ एक नए जोड़ीदार को तैयार करना होगा.
6. भुवनेश्वर का विकल्प (Bhuvneshwar Kumar Option For Team India)
भारत के सबसे अनुभवी व भरोसेमंद भुवनेश्वर कुमार पिछले कुछ मैचों से डेथ ओवर्स में आशानुरुप प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. इसके बाद भी टीम इंडिया का मैनेजमेंट उनको मौके देकर और बेहतर करने की उम्मीद जता रहा है. पर आलोचकों का कहना है कि ऐसा करके मैनेजमेंट उन पर दबाव बढ़ा रहा है औऱ उससे उनकी गेंदबाजी प्रभावित हो सकती है. ऐसे में अगर उनको अगर प्लेइंग इलेवन में रखना है तो उनके ओवर जल्दी निकलवाने की तरकीब ढूढनी होगी. क्योंकि उनकी स्पीड व लाइन-लेंथ में डेथ ओवर्स में अपना असर दिखाने में फेल हो रही है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप