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9/11 आतंकी हमले के बाद सऊदी अरब में बहुत कुछ बदल गया, जानें इस रिपोर्ट में - America September 11 attacks

अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमलों के बाद सऊदी अरब में काफी कुछ बदल चुका है. पिछले दो दशकों में सऊदी अरब ने अपनी ही जमीन पर अलकायदा के खतरे का सामना किया है और अपनी पाठ्यपुस्तकों में सुधार किया है. पढ़ें पूरी खबर...

9/11 आतंकी हमला
9/11 आतंकी हमला
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Published : Sep 11, 2021, 7:44 PM IST

दुबई : अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों के बाद सऊदी अरब में काफी कुछ बदल चुका है. बता दें, हमलों को अंजाम देने के लिए विमानों के 19 अपहर्ताओं में से चार को छोड़कर सभी सऊदी अरब के नागरिक थे. अलकायदा के प्रमुख और हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन का सऊदी अरब जन्मस्थान भी था.

पिछले दो दशकों में सऊदी अरब ने अपनी ही जमीन पर अलकायदा के खतरे का सामना किया है, अपनी पाठ्यपुस्तकों में सुधार किया है, आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए काम किया है और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ भागीदारी की है.

आज सऊदी अरब की अमेरिका के साथ करीबी संबंध हैं और खाड़ी के प्रथम युद्ध के बाद से सऊदी में अमेरिकी सेना की भी मौजूदगी है और इस वजह से चरमपंथी समूहों ने सऊदी को भी निशाना बनाया है. वाशिंगटन में सऊदी अरब दूतावास के प्रवक्ता फहद नजर ने कहा, यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि 11 सितंबर को अमेरिका पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने कई मौकों पर सऊदी अरब के लोगों, नेतृत्व, सैन्य कर्मियों और यहां तक कि मक्का और मदीना में हमारे सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया है.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के उदार इस्लाम का रास्ता अपनाने की घोषणा के बाद 2017 में सऊदी अरब ने निवेशकों को भी आमंत्रित करना शुरु किया. अमेरिका में अनगिनत लोगों के लिए सऊदी अरब हमेशा के लिए 9/11, वर्ल्ड ट्रेड टावर्स (World Trade Towers) के तबाह होने और लगभग 3,000 लोगों की मौत के साथ जुड़ा रहेगा. पीड़ितों के परिवार आज भी न्यूयॉर्क में सऊदी सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन से हमलों से संबंधित कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आग्रह किया, जबकि सऊदी सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि मिलीभगत का कोई भी आरोप स्पष्ट रूप से झूठा है.

आतंकी हमले के बाद के दो दशकों में सऊदी अरब और दुनिया सोशल मीडिया, इंटरनेट से काफी जुड़ चुकी है. सऊदी अरब में हालांकि, बड़े पैमाने पर पीढ़ीगत बदलाव भी हो रहा है. सउदी अरब की एक तिहाई से अधिक आबादी 14 वर्ष से कम उम्र की है, जिनका जन्म आतंकी हमले के वर्षों बाद हुआ है. देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है.

पढ़ें : अमेरिका में मुस्लिम, सिख आदि लोगों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी : सांसद

लॉस एंजिलिस में काम करने वाले 33 वर्षीय सऊदी फिल्म निर्माता, अभिनेता और लेखक हिशाम फगेह ने कहा, मेरा दृष्टिकोण है कि युवा पीढ़ी के पास काफी अवसर हैं. चुनौती यह होगी कि हम अपने सभी हिस्सों अतीत, वर्तमान और भविष्य को कैसे एकजुट करें.

(पीटीआई-भाषा)

दुबई : अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों के बाद सऊदी अरब में काफी कुछ बदल चुका है. बता दें, हमलों को अंजाम देने के लिए विमानों के 19 अपहर्ताओं में से चार को छोड़कर सभी सऊदी अरब के नागरिक थे. अलकायदा के प्रमुख और हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन का सऊदी अरब जन्मस्थान भी था.

पिछले दो दशकों में सऊदी अरब ने अपनी ही जमीन पर अलकायदा के खतरे का सामना किया है, अपनी पाठ्यपुस्तकों में सुधार किया है, आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए काम किया है और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ भागीदारी की है.

आज सऊदी अरब की अमेरिका के साथ करीबी संबंध हैं और खाड़ी के प्रथम युद्ध के बाद से सऊदी में अमेरिकी सेना की भी मौजूदगी है और इस वजह से चरमपंथी समूहों ने सऊदी को भी निशाना बनाया है. वाशिंगटन में सऊदी अरब दूतावास के प्रवक्ता फहद नजर ने कहा, यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि 11 सितंबर को अमेरिका पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने कई मौकों पर सऊदी अरब के लोगों, नेतृत्व, सैन्य कर्मियों और यहां तक कि मक्का और मदीना में हमारे सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया है.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के उदार इस्लाम का रास्ता अपनाने की घोषणा के बाद 2017 में सऊदी अरब ने निवेशकों को भी आमंत्रित करना शुरु किया. अमेरिका में अनगिनत लोगों के लिए सऊदी अरब हमेशा के लिए 9/11, वर्ल्ड ट्रेड टावर्स (World Trade Towers) के तबाह होने और लगभग 3,000 लोगों की मौत के साथ जुड़ा रहेगा. पीड़ितों के परिवार आज भी न्यूयॉर्क में सऊदी सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन से हमलों से संबंधित कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आग्रह किया, जबकि सऊदी सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि मिलीभगत का कोई भी आरोप स्पष्ट रूप से झूठा है.

आतंकी हमले के बाद के दो दशकों में सऊदी अरब और दुनिया सोशल मीडिया, इंटरनेट से काफी जुड़ चुकी है. सऊदी अरब में हालांकि, बड़े पैमाने पर पीढ़ीगत बदलाव भी हो रहा है. सउदी अरब की एक तिहाई से अधिक आबादी 14 वर्ष से कम उम्र की है, जिनका जन्म आतंकी हमले के वर्षों बाद हुआ है. देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है.

पढ़ें : अमेरिका में मुस्लिम, सिख आदि लोगों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी : सांसद

लॉस एंजिलिस में काम करने वाले 33 वर्षीय सऊदी फिल्म निर्माता, अभिनेता और लेखक हिशाम फगेह ने कहा, मेरा दृष्टिकोण है कि युवा पीढ़ी के पास काफी अवसर हैं. चुनौती यह होगी कि हम अपने सभी हिस्सों अतीत, वर्तमान और भविष्य को कैसे एकजुट करें.

(पीटीआई-भाषा)

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