बगदाद: इराक के प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र के राजनीति से हटने की घोषणा के बाद उनके सैकड़ों समर्थकों ने बगदाद के 'ग्रीन जोन' में गोलीबारी और रॉकेट से चलने वाले हथगोले (Heavy gunfire rocks in Baghdad Green Zone) दागे. वहीं, जवाबी कार्रवाई में इराक के सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की. अल-सद्र के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 30 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सोमवार को धर्मगुरु अल-सद्र की राजनीति से संन्यास की घोषणा के बाद समर्थकों ने पहले 'ग्रीन जोन' पर हमला किया. इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे. उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था.
हिंसा (violent protests in Iraq) के कारण देश में राजनीतिक संकट गहराने के संकेत हैं. हालांकि, देश में कहीं-कहीं लोग सड़कों से नदारद रहे और माहौल काफी हद तक शांत रहा. वहीं, ईरान ने इराक के लिए अपनी सीमाओं को बंद कर दिया. तेहरान को डर है कि झड़प की लहर वहां तक फैल सकती हैं. स्थानीय टेलीविजन के सजीव प्रसारण में, अल-सद्र के समर्थकों को भारी मशीनगनों और रॉकेट से चलने वाले हथगोले फेंकते हुए और जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों को 'ग्रीन जोन' से गोलीबारी करते हुए दिखाया गया है. वहीं, खतरे से बेखबर लगते राहगीरों ने अपने मोबाइल फोन से गोलीबारी को फिल्माया.
अल-सद्र के समर्थकों के हमले बंद होने के बाद, बख्तरबंद टैंकर 'ग्रीन जोन' के चारों ओर खड़े नज़र आए. कईं किलोमीटर (मील) दूर से क्षेत्र में एक बिंदु पर घने काले धुएं का गुब्बार नजर आया. टेलीविजन के फुटेज में इराकी विदेश मंत्रालय के साथ-साथ तीन-पहिया रिक्शा में एक घायल व्यक्ति को ले जाते हुए देखा गया. इराक के दो चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक, रात भर चली झड़प में कम से कम 30 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक घायल हुए हैं. मृतकों में अल-सदर के दोनों वफादार शामिल थे, जो एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन में मारे गए. नाम न छापने की तर्ज पर अधिकारियों ने बताया कि मौत के आंकड़ों के बढ़ने की आशंका है.