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किम जोंग उन से पहले भी अचानक गायब हो चुके हैं उत्तर कोरिया के कई शासक

किम जोंग उन की दो सप्ताह से अनुपस्थिति ने दुनियाभर में इन अटकलों को हवा दे दी, जिसमें कहा जा रहा है कि किम जोंग गंभीर रूप से बीमार हैं. वैसे वह अचानक इस तरह से लोगों के सामने से गायब होने वाले पहले शासक नहीं हैं. इससे पहले भी उत्तर कोरिया से कई शासक अचानक गायब हो चुके हैं. हालांकि, हर किसी के गायब होने की वजह अलग थी. इनमें से कुछ वास्तविक परेशानी के कारण और कुछ बीमारी के कारण अचानक गुम हो गए.

किम जोंग उन
किम जोंग उन
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Published : Apr 29, 2020, 12:42 AM IST

हैदराबाद : किम जोंग उन की दो सप्ताह से अनुपस्थिति ने दुनियाभर में इन अटकलों को हवा दे दी, जिसमें कहा जा रहा है कि किम जोंग गंभीर रूप से बीमार हैं. वैसे वह अचानक इस तरह से लोगों के सामने से गायब होने वाले पहले शासक नहीं हैं. इससे पहले भी उत्तर कोरिया से कई शासक अचानक गायब हो चुके हैं. हालांकि, हर किसी के गायब होने की वजह अलग थी. इनमें से कुछ वास्तविक परेशानी के कारण और कुछ बीमारी के कारण अचानक गुम हो गए

किम जोंग उन किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम जोंग उन ( फाइल फोटो )

आइए एक नजर डालते हैं उत्तर कोरिया से अब तक अचानक गुम होने वाले शासकों पर...

किम इल सुंग

इस सूची में सबसे पहला नाम है किम इल सुंग का. बताया जाता है कि 1994 में उनकी मृत्यु से पहले दक्षिण कोरिया के लोग उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग सबसे अधिक नफरत करते थे. उसकी सेनाओं ने जून 1950 में दक्षिण कोरिया पर एक आश्चर्यजनक हमला किया, जिससे एक विनाशकारी युद्ध शुरू हो गया. इस युद्ध में लाखों लोग घायल हुए और मारे गए. इतना ही नहीं उसने 1968 में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की हत्या करने के लिए अपने कमांडों भेजे. 1983 में म्यांमार की राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान कई दक्षिण कोरियाई कैबिनेट मंत्रियों सहित 21 लोगों की हत्या करने के लिए अपने एजेंट भेजे.

किम इल सुंग किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम इल सुंग ( फाइल फोटो )

दक्षिण कोरियाई समाचार पत्र चोसुन इल्बो ने अपने टोक्यो संवाददाता द्वारा एक छोटी कहानी प्रकाशित करवाई जिसने जापान में किम इल सुंग की मृत्यु की अफवाह फैला दी. इसके बाद 16 नवंबर 1986 को मीडिया में कुछ रिपोर्टें प्रसारित हुई, जिनमें कहा गया कि किम इल सुंग की मौत हो गई है.

चोसुन ने 17 नवंबर को एक कहानी प्रसारित करने के लिए एक अतिरिक्त संस्करण जारी किया. वह भी तब, जब उस दिन समाचार पत्र प्रकाशित नहीं हुए थे. उसके बाद चोसुन ने 18 नवंबर को किम इल सुंग की हत्या का वर्णन करने के लिए सात पृष्ठों का संस्करण जारी किया. इस बीच अन्य अखबारों ने भी इसी तरह की कहानियां लिखीं, जो एक उन्मादी घटना के रूप में समाप्त हो गई.

गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के सर्कुलेशन के सबसे बड़े अखबार चोसुन ने इसमें कोई सुधार नहीं किया.

पढ़ें- व्लादिमीर लेनिन : पहले कम्युनिस्ट राज्य के नेता, जिन्होंने किया सोवियत यूनियन का गठन

किम जोंग इल

किम जोंग इल भी अपने निधन की अनगिनत रिपोर्टों और अफवाहों को लेकर चर्चा में रहे. 2004 में, चीन के साथ अपनी सीमा पर एक उत्तर कोरियाई ट्रेन स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विस्फोट ने उनकी हत्या के प्रयास की अफवाहों को फैला दिया. हालांकि वह वहां से घंटो पहले ही गुजर चुकी थी.

इसके बाद 2008 में एक स्ट्रोक के बाद किम जोंग इल की मृत्यु के बारे में अफवाहे इतनी ज्यादा फैल चुकी थी कि 2009 में दक्षिण कोरिया के वित्तीय नियामक को यह जांचने के लिए प्रेरित किया कि क्या यह अफवाहें जानबूझकर शेयर बाजारों में हेरफेर करने के लिए फैलाई जा रही हैं.

किम जोंग इल किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम जोंग इल ( फाइल फोटो )

स्वास्थ्य बिगड़ने और सार्वजनिक उपस्थिति कम होने के बाद दिसंबर 2011 में जब किम जोंग इल की मृत्यु हुई, तो बाहरी दुनिया को तब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला जब तक कि उत्तर कोरिया की मीडिया ने दो दिन बाद इसकी घोषणा नहीं कर दी.

किम जोंग उन

पिछले सप्ताह की खबरों की मानें तो किम या तो 'गंभीर रूप से बीमार' हैं. 2014 में भी किम जनता की आंखों से ओझल हो गए थे और छह सप्ताह बाद एक बेंत से बाहर निकले.

किम जोंग उन किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम जोंग उन ( फाइल फोटो )

2016 में, दक्षिण कोरियाई मीडिया ने खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा कि किम ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के लिए पूर्व सैन्य प्रमुख को मार दिया था, लेकिन महीनों बाद, उत्तर कोरिया के राज्य मीडिया ने री योंग गिल को जीवित और नए वरिष्ठ पदों पर कार्य करते हुए दिखाया.

आखिरी बार जोंग ने 11 अप्रैल को आखिरी बार दिखाई दिए थे. इस दौरान वह 15 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रीय दिवस पर शामिल नहीं हुए थे. 2011 में किम के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब किम इस समारोह से अनुपस्थित रहे.

हैदराबाद : किम जोंग उन की दो सप्ताह से अनुपस्थिति ने दुनियाभर में इन अटकलों को हवा दे दी, जिसमें कहा जा रहा है कि किम जोंग गंभीर रूप से बीमार हैं. वैसे वह अचानक इस तरह से लोगों के सामने से गायब होने वाले पहले शासक नहीं हैं. इससे पहले भी उत्तर कोरिया से कई शासक अचानक गायब हो चुके हैं. हालांकि, हर किसी के गायब होने की वजह अलग थी. इनमें से कुछ वास्तविक परेशानी के कारण और कुछ बीमारी के कारण अचानक गुम हो गए

किम जोंग उन किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम जोंग उन ( फाइल फोटो )

आइए एक नजर डालते हैं उत्तर कोरिया से अब तक अचानक गुम होने वाले शासकों पर...

किम इल सुंग

इस सूची में सबसे पहला नाम है किम इल सुंग का. बताया जाता है कि 1994 में उनकी मृत्यु से पहले दक्षिण कोरिया के लोग उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग सबसे अधिक नफरत करते थे. उसकी सेनाओं ने जून 1950 में दक्षिण कोरिया पर एक आश्चर्यजनक हमला किया, जिससे एक विनाशकारी युद्ध शुरू हो गया. इस युद्ध में लाखों लोग घायल हुए और मारे गए. इतना ही नहीं उसने 1968 में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की हत्या करने के लिए अपने कमांडों भेजे. 1983 में म्यांमार की राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान कई दक्षिण कोरियाई कैबिनेट मंत्रियों सहित 21 लोगों की हत्या करने के लिए अपने एजेंट भेजे.

किम इल सुंग किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम इल सुंग ( फाइल फोटो )

दक्षिण कोरियाई समाचार पत्र चोसुन इल्बो ने अपने टोक्यो संवाददाता द्वारा एक छोटी कहानी प्रकाशित करवाई जिसने जापान में किम इल सुंग की मृत्यु की अफवाह फैला दी. इसके बाद 16 नवंबर 1986 को मीडिया में कुछ रिपोर्टें प्रसारित हुई, जिनमें कहा गया कि किम इल सुंग की मौत हो गई है.

चोसुन ने 17 नवंबर को एक कहानी प्रसारित करने के लिए एक अतिरिक्त संस्करण जारी किया. वह भी तब, जब उस दिन समाचार पत्र प्रकाशित नहीं हुए थे. उसके बाद चोसुन ने 18 नवंबर को किम इल सुंग की हत्या का वर्णन करने के लिए सात पृष्ठों का संस्करण जारी किया. इस बीच अन्य अखबारों ने भी इसी तरह की कहानियां लिखीं, जो एक उन्मादी घटना के रूप में समाप्त हो गई.

गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के सर्कुलेशन के सबसे बड़े अखबार चोसुन ने इसमें कोई सुधार नहीं किया.

पढ़ें- व्लादिमीर लेनिन : पहले कम्युनिस्ट राज्य के नेता, जिन्होंने किया सोवियत यूनियन का गठन

किम जोंग इल

किम जोंग इल भी अपने निधन की अनगिनत रिपोर्टों और अफवाहों को लेकर चर्चा में रहे. 2004 में, चीन के साथ अपनी सीमा पर एक उत्तर कोरियाई ट्रेन स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विस्फोट ने उनकी हत्या के प्रयास की अफवाहों को फैला दिया. हालांकि वह वहां से घंटो पहले ही गुजर चुकी थी.

इसके बाद 2008 में एक स्ट्रोक के बाद किम जोंग इल की मृत्यु के बारे में अफवाहे इतनी ज्यादा फैल चुकी थी कि 2009 में दक्षिण कोरिया के वित्तीय नियामक को यह जांचने के लिए प्रेरित किया कि क्या यह अफवाहें जानबूझकर शेयर बाजारों में हेरफेर करने के लिए फैलाई जा रही हैं.

किम जोंग इल किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम जोंग इल ( फाइल फोटो )

स्वास्थ्य बिगड़ने और सार्वजनिक उपस्थिति कम होने के बाद दिसंबर 2011 में जब किम जोंग इल की मृत्यु हुई, तो बाहरी दुनिया को तब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला जब तक कि उत्तर कोरिया की मीडिया ने दो दिन बाद इसकी घोषणा नहीं कर दी.

किम जोंग उन

पिछले सप्ताह की खबरों की मानें तो किम या तो 'गंभीर रूप से बीमार' हैं. 2014 में भी किम जनता की आंखों से ओझल हो गए थे और छह सप्ताह बाद एक बेंत से बाहर निकले.

किम जोंग उन किम जोंग उन ( फाइल फोटो )
किम जोंग उन ( फाइल फोटो )

2016 में, दक्षिण कोरियाई मीडिया ने खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा कि किम ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के लिए पूर्व सैन्य प्रमुख को मार दिया था, लेकिन महीनों बाद, उत्तर कोरिया के राज्य मीडिया ने री योंग गिल को जीवित और नए वरिष्ठ पदों पर कार्य करते हुए दिखाया.

आखिरी बार जोंग ने 11 अप्रैल को आखिरी बार दिखाई दिए थे. इस दौरान वह 15 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रीय दिवस पर शामिल नहीं हुए थे. 2011 में किम के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब किम इस समारोह से अनुपस्थित रहे.

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