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1971 के भारत-पाक युद्ध के नायक भैरो सिंह का निधन, फिल्म 'बॉर्डर' में सुनील शेट्टी ने निभाया था इनका रोल

फिल्म 'बॉर्डर' में सुनील शेट्टी ने जिस बहादुर जवान भैरों सिंह राठौड़ का किरदार निभाया था, उनका निधन हो गया है. वह भारत-पाक युद्ध (1971) के नायक थे.

Bhairon Singh Rathore
भैरो सिंह का निधन
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Published : Dec 20, 2022, 9:39 AM IST

Updated : Dec 20, 2022, 11:31 AM IST

हैदराबाद: साल 1971 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध के नायक भैरो सिंह राठौड़ का निधन हो गया है. उन्होंने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सीने में दर्द और बुखार की शिकायत के बाद उन्हें 27 सितंबर को जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद उन्हें यहां से कुछ दिनों में ही छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन दोबारा उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें फिर भर्ती कराना पड़ा था. एम्स प्रशासन ने भर्ती होने के बाद भैरो सिंह का निशुल्क इलाज करने का फैसला लिया था. गौरतलब है कि साल 1963 में भर्ती हुए भैरों सिंह 31 दिसंबर 1987 में बीएसएफ (BSF) से रिटायर्ड हुए थे. साल 1997 में रिलीज हुई फिल्म 'बॉर्डर' में एक्टर सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह का दमदार किरदार निभाया था.

बताया जा रहा है कि भैरों सिंह के निधन की सूचना मिलते ही बीएसएफ सहित अधिकारी जवान ने अस्पताल पहुंचकर उन्हें अंतिम विदाई दी थी. बता दें, जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म 'बॉर्डर' में सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह का बेहतरीन रोल प्ले किया था, हालांकि फिल्म में भैरों सिंह के किरदार को मार दिया था, लेकिन असल जिंदगी में भैरों सिंह का अब निधन हुआ है.

ये भी पढे़ं : जब भैरो सिंह ने खुद सुनाई थी लौंगेवाला बॉर्डर पर भारत-पाक युद्ध की कहानी...

भैरों सिंह फौज से रिटायर्ड होने के बाद गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे. भैरो सिंह राठौड़ का जन्म शेरगढ़ के सोलंकियातला गांव में हुआ था. वह साल 1971 यानि युद्ध के दौरान जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर 14 बटालियन में तैनात थे. इस युद्ध में भैरों सिंह ने दुश्मनों का मुकाबला कर उनके छक्के छुड़ा दिये थे. उन्होंने मेजर कुलदीप सिंह की 120 सैनिकों की टुकड़ी के साथ मिलकर दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया था.

बताया जा रहा है कि इस युद्ध में भैरों सिंह एमएफजी से करीब 30 पाकिस्तानी दुश्मनों को अपनी बंदूक से उड़ाया था. 1971 के युद्ध मे उनके पराक्रम पर राठौड़ को तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान ने सेना मेडल से भी नवाजा था. अब इस रियल हीरो को उनके पैतृक गांव में ही उच्च सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.

बता दें, लोंगेवाला की लड़ाई में भारत को दुश्मन के खिलाफ ऐतिहासिक जीत मिली थी . गौरतलब है कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा युद्ध था, जो सिर्फ 13 दिन तक ही लड़ा गया था. 16 दिसंबर 1971 के दिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के साथ भारत के आगे घुटने टेक दिए थे. तब से इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें : Year Ender 2022 : KGF-2 से RRR तक ताबड़तोड़ कमाई करने वाली 5 साउथ फिल्में, बॉलीवुड दूर-दूर तक नहीं

हैदराबाद: साल 1971 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध के नायक भैरो सिंह राठौड़ का निधन हो गया है. उन्होंने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सीने में दर्द और बुखार की शिकायत के बाद उन्हें 27 सितंबर को जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद उन्हें यहां से कुछ दिनों में ही छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन दोबारा उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें फिर भर्ती कराना पड़ा था. एम्स प्रशासन ने भर्ती होने के बाद भैरो सिंह का निशुल्क इलाज करने का फैसला लिया था. गौरतलब है कि साल 1963 में भर्ती हुए भैरों सिंह 31 दिसंबर 1987 में बीएसएफ (BSF) से रिटायर्ड हुए थे. साल 1997 में रिलीज हुई फिल्म 'बॉर्डर' में एक्टर सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह का दमदार किरदार निभाया था.

बताया जा रहा है कि भैरों सिंह के निधन की सूचना मिलते ही बीएसएफ सहित अधिकारी जवान ने अस्पताल पहुंचकर उन्हें अंतिम विदाई दी थी. बता दें, जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म 'बॉर्डर' में सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह का बेहतरीन रोल प्ले किया था, हालांकि फिल्म में भैरों सिंह के किरदार को मार दिया था, लेकिन असल जिंदगी में भैरों सिंह का अब निधन हुआ है.

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भैरों सिंह फौज से रिटायर्ड होने के बाद गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे. भैरो सिंह राठौड़ का जन्म शेरगढ़ के सोलंकियातला गांव में हुआ था. वह साल 1971 यानि युद्ध के दौरान जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर 14 बटालियन में तैनात थे. इस युद्ध में भैरों सिंह ने दुश्मनों का मुकाबला कर उनके छक्के छुड़ा दिये थे. उन्होंने मेजर कुलदीप सिंह की 120 सैनिकों की टुकड़ी के साथ मिलकर दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया था.

बताया जा रहा है कि इस युद्ध में भैरों सिंह एमएफजी से करीब 30 पाकिस्तानी दुश्मनों को अपनी बंदूक से उड़ाया था. 1971 के युद्ध मे उनके पराक्रम पर राठौड़ को तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान ने सेना मेडल से भी नवाजा था. अब इस रियल हीरो को उनके पैतृक गांव में ही उच्च सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.

बता दें, लोंगेवाला की लड़ाई में भारत को दुश्मन के खिलाफ ऐतिहासिक जीत मिली थी . गौरतलब है कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा युद्ध था, जो सिर्फ 13 दिन तक ही लड़ा गया था. 16 दिसंबर 1971 के दिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के साथ भारत के आगे घुटने टेक दिए थे. तब से इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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Last Updated : Dec 20, 2022, 11:31 AM IST
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