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Makar Sankranti : 14 या 15 जनवरी, जानें कब है मकर संक्रांति 2025

मकर संक्रांति के दिन सूर्य, धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है. साथ ही सूर्य का उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाता है.

Makar Sankranti 2025
मकर संक्रांति (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 17 hours ago

Updated : 17 hours ago

हैदराबादः सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. इस दिन सूर्य उत्तरायण में होता है. हर साल यह 14 जनवरी को मनाया जाता है. कुछ सालों में अपवाद के तौर पर अंग्रेजी महीने के 15 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन गंगा या अन्य नदियों में स्नान कर भगवान भाष्कर को अर्ध्य देकर पूजन की परंपरा है. इस अवसर पर जरूरतमंदों तिल व गुड़ से बने उत्पाद, खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. इस अवसर पर जरूरतमंदों को फल, मिष्ठान, गर्म कपड़े, रुपया-पैसा दान करना फलदायी माना जाता है.

मकर संक्रांति का त्योहार देश भर में मनाया जाता है. यह विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. साथ ही त्योहार मनाने व पूजन की परंपराओं में भी भिन्नताएं होती है. उपलब्ध संसाधन व आहारी आदत के आधार पर मकर संक्रांति में पूजन सामग्री व प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस अवसर पतंग उड़ाया जाता है. कई जगहों पर इस अवसर पर व्यापक पैमाने पर पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है.

इन नामों से भी देश से जाना जाता है मकर संक्रांति

  1. बिहार में मकर संक्रांति को तिल संक्रांत, दही चुरा, तिलवा पर्व और खिचड़ी पर्व के नाम से मुख्य रूप से जाना जाता है.
  2. गुजरात में उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. असम में भोगाली बिहू व माघ बिहू के नाम से जाता है.
  3. हरियाणा व पंजाब में मकर संक्रांति, माघी लोहड़ी के नाम से जाता है.
  4. कर्नाटक में एलु-बिरोधु और केरल में विलक्कू के नाम से संक्रांति को जाना जाता है.
  5. आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में इसे पेड्डा पंडगा के नाम से जाना जाता है.
  6. तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल कहा जाता है. यहां यह त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है. चार दिनों तक क्रमशः भोगी पोंगल, सूर्य पोंगल, मट्टू पोंगल और कन्या पोंगल मनाया जाता है.

मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त

  • मकर संक्रांति- मंगलवार, 14 जनवरी 2025
  • मकर संक्रांति पुण्य काल- सुबह 9.03 मिनट से शाम 5.29 मिनट तक
  • कुल अवधि-8 घंटे 26 मिनट
  • मकर संक्रांति महा पुण्य काल- सुबह 9.03 बजे से 10.50 मिनट तक
  • कुल अवधि-01 घंटा 47 मिनट
  • मकर संक्रांति का क्षण-9.03 मिनट

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हैदराबादः सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. इस दिन सूर्य उत्तरायण में होता है. हर साल यह 14 जनवरी को मनाया जाता है. कुछ सालों में अपवाद के तौर पर अंग्रेजी महीने के 15 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन गंगा या अन्य नदियों में स्नान कर भगवान भाष्कर को अर्ध्य देकर पूजन की परंपरा है. इस अवसर पर जरूरतमंदों तिल व गुड़ से बने उत्पाद, खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. इस अवसर पर जरूरतमंदों को फल, मिष्ठान, गर्म कपड़े, रुपया-पैसा दान करना फलदायी माना जाता है.

मकर संक्रांति का त्योहार देश भर में मनाया जाता है. यह विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. साथ ही त्योहार मनाने व पूजन की परंपराओं में भी भिन्नताएं होती है. उपलब्ध संसाधन व आहारी आदत के आधार पर मकर संक्रांति में पूजन सामग्री व प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस अवसर पतंग उड़ाया जाता है. कई जगहों पर इस अवसर पर व्यापक पैमाने पर पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है.

इन नामों से भी देश से जाना जाता है मकर संक्रांति

  1. बिहार में मकर संक्रांति को तिल संक्रांत, दही चुरा, तिलवा पर्व और खिचड़ी पर्व के नाम से मुख्य रूप से जाना जाता है.
  2. गुजरात में उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. असम में भोगाली बिहू व माघ बिहू के नाम से जाता है.
  3. हरियाणा व पंजाब में मकर संक्रांति, माघी लोहड़ी के नाम से जाता है.
  4. कर्नाटक में एलु-बिरोधु और केरल में विलक्कू के नाम से संक्रांति को जाना जाता है.
  5. आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में इसे पेड्डा पंडगा के नाम से जाना जाता है.
  6. तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल कहा जाता है. यहां यह त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है. चार दिनों तक क्रमशः भोगी पोंगल, सूर्य पोंगल, मट्टू पोंगल और कन्या पोंगल मनाया जाता है.

मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त

  • मकर संक्रांति- मंगलवार, 14 जनवरी 2025
  • मकर संक्रांति पुण्य काल- सुबह 9.03 मिनट से शाम 5.29 मिनट तक
  • कुल अवधि-8 घंटे 26 मिनट
  • मकर संक्रांति महा पुण्य काल- सुबह 9.03 बजे से 10.50 मिनट तक
  • कुल अवधि-01 घंटा 47 मिनट
  • मकर संक्रांति का क्षण-9.03 मिनट

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Last Updated : 17 hours ago
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