नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने आज लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में दिल्ली सरकार की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का मामला उठाया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से एम्स की स्क्रीनिंग सेंटर खोलने की मांग की. उनका कहना है कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों को घर के नजदीक किफायती सुलभ और वेटिग रहित विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं की जरूरत है. ताकि अस्पतालों में बेड जांच सुविधाओं आइसीयू आक्सीजन और डॉक्टरों की कमी की समस्या पेश न आए.
आयुष्मान योजना और बुजुर्गों के मुफ्त इलाज का उठाया मुद्दा : मनोज तिवारी ने कहा कि आयुष्मान योजना और बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज की योजना को दिल्ली में लागू न करने के पीछे केजरीवाल की घातक मंशा है. इसका खामियाजा क्षेत्र के लाखों लोग भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसदीय क्षेत्र में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते कई गंभीर मरीज अस्पताल जाने से पहले ही दम तोड़ देते हैं. साथ ही दिल्ली के एम्स प्रशासन पर भी अधिक मरीजों का दबाव रहता है. उन्होंने कहा कि एम्स के स्क्रीनिंग केंद्र बनाने से संबंधित भूमि भी हमारे संसदीय क्षेत्र में दिल्ली विकास प्राधिकरण के पास मौजूद है.
एम्स स्क्रीनिंग सेंटर खुलने के फायदे : सांसद मनोज तिवारी ने लोकसभा को बताया कि हमारा संसदीय क्षेत्र एशिया का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था का शिकार हो रहा है. अगर उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में एम्स का स्क्रीनिंग सेंटर खुल जाए तो हमारे संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा और दिल्ली के एम्स प्रशासन को मरीजों के बढ़ते दबाव से राहत मिलेगी और अधिक से अधिक लोगों को एम्स की विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा से भी जोड़ा जा सकेगा.
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