वाराणसी: यही केसरिया रंग मोदी के साथ पूरे वाराणसी का था. हर हर महादेव और जय श्रीराम के साथ आज बनारस की गलियों ने अपने सांसद का स्वागत उसी के नाम के नारे के साथ किया. केसरिया गलियां और गुलाब की पंखुड़ियां या लहराता तिरंगा या बीजेपी का झंडा, करीब सात किलोमीटर के मोदी के मेगा शो ने 2014 की यादें ताजा कर दीं.
रोड शो के दौरान उमड़े जन सैलाब को देखकर लगा कि बनारस वालों को पता भी नहीं है कि कांग्रेस ने अजय राय को टिकट दिया है. रोड शो में पुरुषों के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं. यूं कहिए बाबा विश्वनाथ की धरती पर आज सबकी निगाहें टिकी थीं.
गंगा घाट पर जब मोदी पहुंचे तो मगन होकर आरती गाते दिखे. बगल में सीएम योगी आदित्यनाथ और अमित शाह भी थे. झांझ, मजीरा और शंख की ध्वनियों से गूंजता दशाश्वमेध घाट अलौकिक लग रहा था. मोदी के इस रोड शो ने 2014 की पुरानी यादें ताजा कर दीं.
पांच साल पहले भी गंगा आरती में शामिल होने बनारस पहुंचे थे मोदी, और कहा था 'न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं यहां आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है और एक बालक अपनी मां की गोद में आया है'. बनारस की जनता ने उन्हें अपार प्यार भी दिया. ठीक पांच साल बाद भी वैसा ही नजारा था, हर-हर महादेव के साथ मोदी-मोदी के नारे थे. लगा जैसे पांच सालों में कुछ भी न बदला हो, लेकिन यह तो 23 मई को ही पता चलेगा कि बनारस ने उन्हें आशीर्वाद दिया भी है या नहीं. देखना ये होगा कि एक बार फिर यूपी भाजपा को सत्ता की चाबी देगा या मामला कुछ और ही रहेगा.