वाराणसी: देश की सबसे महत्वपूर्ण सीट वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार पीएम मोदी के खिलाफ सेना से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने ताल ठोकी थी. इसके बाद हर किसी की नजर इस सीट पर थी. सेना में खराब खाने की शिकायत करने के बाद बर्खास्त होने वाले जवान ने पूरी तरह से मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अब नामांकन खारिज होने के बाद तेज बहादुर ने बीजेपी पर हमला बोला है.
तेज बहादुर ने गुरुवार को वाराणसी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस वक्त उनके ऊपर आरोप लगाकर सेना से निकाला गया, इसके बाद वह सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद न करें इसके लिए जान से मारने की धमकी दी गई. साथ ही 50 करोड़ रुपये का ऑफर भी दिया गया.
तेज बहादुर ने सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार शालिनी यादव का नाम फाइनल होने के बाद उनका समर्थन किया. तेज बहादुर यादव ने कहा कि पीएम मोदी को उन्होंने काफी भरोसेमंद समझा था, लेकिन वह भरोसे के लायक नहीं है.
बीजेपी की तरफ से उन्हें कौन ऑफर दिया था, इस सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि वह यह नहीं बता सकते, लेकिन उन्हें ऑफर मिला था और जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. इतना ही नहीं तेज बहादुर ने अपना नामांकन पत्र खारिज होने के लिए बनारस के रिटर्निंग ऑफिसर को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बीजेपी के दबाव में उन्होंने पर्चा खारिज किया है.
वहीं तेज बहादुर यादव के इन आरोपों के बाद बीजेपी ने तेज बहादुर को राजनीति की भाषा न बोलने की नसीहत दी है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय ने तेज बहादुर यादव के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राजनीति में इस तरह के आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है. 50 करोड़ रुपये देने की बात कर वह सिर्फ अखिलेश और मायावती के खास बनना चाह रहे हैं. इस तरह के आरोप निराधार हैं.