वाराणसी: गंगा व सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से जिलों के साथ-साथ वाराणसी आसपास के इलाके भी पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं. वाराणसी की 50,000 से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. इन लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए सरकार और प्रशासन हर संभव मदद कर रहे हैं. लोगों में राहत सामग्री का वितरण भी किया जा रहा है. बुधवार को प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद बाढ़ पीड़ित लोगों में जरूरत के सामग्री का वितरण किया गया.
वाराणसी में करीब 50,000 से ज्यादा की आबादी बाढ़ से पीड़ित है. इसमें ज्यादातर तटवर्ती इलाके शामिल हैं. अब तक लगभग 31 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए शहर में जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं. जिसमें 3000 से ज्यादा लोग रह रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बाढ़ से हालात खराब हैं. वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बाढ़ की वजह से शहर से लेकर गांवों तक स्थिति विकराल हो गयी है. वाराणसी में 41 गांवों और 17 मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
आशंका है कि इस बार 2013 जैसे बाढ़ के हालात होंगे. वहीं पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा का पानी सैकड़ों गांवों में घुस गया है. बलिया-गाजीपुर मार्ग समेत कई अहम रास्तों पर बाढ़ के कारण आवागमन बंद हो गया है. वहीं घाघरा नदी भी आजमगढ़, मऊ और बलिया में उफान पर है. जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है.