वाराणसी : शहर को स्मार्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रदेश सरकार अमलीजामा पहनाने का पूरा प्रयास कर रही है. स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत बनारस में तीन हजार से अधिक विकास योजनाओं पर काम चल रहा है. जिनमें से कुछ पूरे हुए हैं और कुछ इस साल के अंत तक पूरे हो जाएंगे. इन सब के बीच शहर को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से स्मार्ट सर्विलांस कैमरे का जाल पूरे शहर बिछाया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन कैमरों से एक तरफ जहां ट्रैफिक कंट्रोल में बड़ी भूमिका अदा होगी, वहीं इस में लगाए गए फेस डिटेक्टिंग डिवाइस के जरिए अपराधियों की पहचान करने में भी बड़ी मदद मिलेगी.
700 से ज्यादा स्पॉट पर 2000 से ज्यादा कैमरे
इस बारे में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बनारस को इस्मार्ट सर्विलांस कैमरे से जोड़ने का काम शुरू हो गया है. शहर के 704 अलग-अलग हिस्से में दो हजार से ज्यादा स्मार्ट कैमरे लगाए जा रहे हैं. यह कैमरे सिर्फ सड़कों पर ही नहीं बल्कि सड़कों से कनेक्ट होने वाली महत्वपूर्ण गलियों में भी लग रहे हैं. एक स्थान पर एक साथ तीन कैमरों को लगाया जा रहा है, ताकि किसी स्पॉट पर आने जाने या फिर रुकने वालों चेहरे कैमरे में कैद हो सके. अधिकांश यह देखने में आता है कि सन्नाटे वाली कॉलोनियों और गलियों में चैन स्नैचिंग की वारदात सामने आती हैं. ऐसी स्थिति में इन गलियों को भी इन सर्विलांस कैमरों से लैस किया गया है. जहां पर स्नेचिंग के बाद बदमाशों को डिटेक्ट करने में काफी कामयाबी मिलेगी.
कैमरा पहचानेगा चेहरा
कमिश्नर का कहना है की 2000 हाईटेक कैमरों में नाइट विजन के साथ चेहरा पहचानने की भी ताकत है. इन कैमरों की मदद से यदि कोई पुराना अपराधी जिसका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद है और वह किसी अपराध में संलिप्त मिलता है तो कैमरे में चेहरा पहुंचाने के सिस्टम के जरिए उस अपराधी तक पहुंचने में आसानी हो जाएगी. इसके साथ ही यदि कोई नया अपराधी होता है तो उसका भी रिकॉर्ड इस कैमरे की मदद से पुलिस के पास सुरक्षित हो जाएगा. सबसे महत्वपूर्ण है कि इन सभी कैमरों को वाराणसी में तैयार किए गए इस स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया जा रहा है. जहां 24 घंटे इनकी निगरानी भी की जा रही है. एक तरफ जहां अपराध के लिए या कैमरे बड़े लाभकारी साबित होंगे तो वहीं ट्रैफिक कंट्रोल के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा है.
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