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जानिए, PM मोदी के 5 सालों पर क्या है काशी के लोगों की राय

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Published : Mar 23, 2019, 7:55 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच साल के कार्यकाल को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने वाराणसी के लोगों की राय जानी. इस दौरान लोगों ने विकास के मुद्दे पर जहां पीएम मोदी की तारीफ की, वहीं रोजगार के मुद्दे पर उन्हें फेल बताया.

ईटीवी भारत से बात करते काशी के स्थानीय निवासी.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर काशी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. बीजेपी की पहली लिस्ट में वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी के नाम का ऐलान हो गया है. पीएम मोदी ने बतौर सांसद पांच साल काशी को अपनी सेवा दी. सांसद के रूप में पीएम मोदी के कार्य से काशी के लोग कितने खुश हैं, इन्हीं सवालों का जबाव हमारे ईटीवी भारत संवाददाता ने वहां की जनता से पूछा.

दरअसल वाराणसी लोकसभा सीट पर भाजपा का वर्चस्व कायम रहा है. 2014 में जब पीएम मोदी ने काशी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की तो उन्होंने अपने पांच सालों के कार्यकाल में 39,000 करोड़ रुपये की कुल 50 योजनाओं की सौगात काशी को दी. इसमें कैंसर हॉस्पिटल, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देश का पहला गंगा के रास्ते बनाया गया वाटर-वे, विश्वनाथ कॉरिडोर, रिंग रोड, फोरलेन हाईवे जैसी तमाम बड़ी योजनाओं का काम हुआ. इसके साथ हृदय योजना के तहत गलियों में सड़कें, नाली और खड़ंजा का भी काम हुआ.

काशी के लोगों से बात करते ईटीवी भारत के संवाददाता.

पांच सालों में पीएम मोदी ने किया काफी कार्य

इन्हीं कार्यों को लेकर पुराने बनारस के चौक इलाके में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने लोगों से उनकी राय जानी तो लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखीं. स्थानीय निवासी पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि पांच सालों में पीएम मोदी के कामों को देखकर यहां के लोग बहुत खुश हैं. काशी में विकास हुआ है. यहां गलियों की सड़कें ठीक हुई हैं, जो गलियां कल तक अंधेरे में थीं, वहां अब एलईडी लाइट लग गई हैं. वहीं पुराने बनारस के नीलकंठ इलाके के रहने वाले विक्की द्रविड़ का कहना है कि विकास के नाम पर काशी में बहुत कुछ हुआ है. जितना काम पीएम मोदी के पांच सालों में हुआ है, शायद उतना काम बीते कई सालों में नहीं हुआ है.

रोजगार की तरफ सरकार ने नहीं दिया ध्यान

विक्की द्रविड़ ने कहा कि इन सबके बीच अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर ध्यान देने की जरूरत है. खासतौर पर युवाओं के रोजगार के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए. रोजगार के मामले में काशी के युवा पीएम मोदी से थोड़ा नाराज दिखे. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के तौर पर पीएम मोदी ने रोजगार के लिए नहीं सोचा, जिसकी वजह से आज रोजगार के लिए युवाओं को बनारस छोड़कर बाहर के राज्यों में जाना पड़ता है. आशुतोष त्रिपाठी का कहना था कि विकास सिर्फ सड़कें, गलियां और हाईवे बनाने से नहीं होगा. जब युवा मजबूत होगा तभी विकास होगा.

व्यापारी वर्ग पीएम मोदी से नाराज

काशी के ही रहने वाले विशाल मेहरोत्रा मोदी के विकास की राजनीति से तो खुश थे, लेकिन इस बात से नाराज थे कि विकास के नाम पर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई जा रही है. विश्वनाथ कॉरिडोर का काम हुआ, लेकिन मंदिर तोड़कर आस्था से खिलवाड़ किया गया, जबकि इस काम को शुरू करने से पहले मंदिरों की मूर्तियों को संरक्षित करने पर विचार करना चाहिए था. वहीं व्यापारी वर्ग पीएम मोदी से काफी नाराज था. एक स्थानीय व्यापारी का कहना था कि हमारा व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है. नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापार पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन व्यापारी का कहना था कि आने वाला पांच साल पीएम मोदी को ही दिया जाएगा. हालांकि इन सबके बीच पीएम मोदी के सामने अब तक विपक्ष का कोई चेहरा नहीं आया है. सिर्फ बीजेपी ने बतौर लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर पीएम मोदी के नाम का ऐलान किया है.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर काशी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. बीजेपी की पहली लिस्ट में वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी के नाम का ऐलान हो गया है. पीएम मोदी ने बतौर सांसद पांच साल काशी को अपनी सेवा दी. सांसद के रूप में पीएम मोदी के कार्य से काशी के लोग कितने खुश हैं, इन्हीं सवालों का जबाव हमारे ईटीवी भारत संवाददाता ने वहां की जनता से पूछा.

दरअसल वाराणसी लोकसभा सीट पर भाजपा का वर्चस्व कायम रहा है. 2014 में जब पीएम मोदी ने काशी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की तो उन्होंने अपने पांच सालों के कार्यकाल में 39,000 करोड़ रुपये की कुल 50 योजनाओं की सौगात काशी को दी. इसमें कैंसर हॉस्पिटल, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देश का पहला गंगा के रास्ते बनाया गया वाटर-वे, विश्वनाथ कॉरिडोर, रिंग रोड, फोरलेन हाईवे जैसी तमाम बड़ी योजनाओं का काम हुआ. इसके साथ हृदय योजना के तहत गलियों में सड़कें, नाली और खड़ंजा का भी काम हुआ.

काशी के लोगों से बात करते ईटीवी भारत के संवाददाता.

पांच सालों में पीएम मोदी ने किया काफी कार्य

इन्हीं कार्यों को लेकर पुराने बनारस के चौक इलाके में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने लोगों से उनकी राय जानी तो लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखीं. स्थानीय निवासी पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि पांच सालों में पीएम मोदी के कामों को देखकर यहां के लोग बहुत खुश हैं. काशी में विकास हुआ है. यहां गलियों की सड़कें ठीक हुई हैं, जो गलियां कल तक अंधेरे में थीं, वहां अब एलईडी लाइट लग गई हैं. वहीं पुराने बनारस के नीलकंठ इलाके के रहने वाले विक्की द्रविड़ का कहना है कि विकास के नाम पर काशी में बहुत कुछ हुआ है. जितना काम पीएम मोदी के पांच सालों में हुआ है, शायद उतना काम बीते कई सालों में नहीं हुआ है.

रोजगार की तरफ सरकार ने नहीं दिया ध्यान

विक्की द्रविड़ ने कहा कि इन सबके बीच अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर ध्यान देने की जरूरत है. खासतौर पर युवाओं के रोजगार के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए. रोजगार के मामले में काशी के युवा पीएम मोदी से थोड़ा नाराज दिखे. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के तौर पर पीएम मोदी ने रोजगार के लिए नहीं सोचा, जिसकी वजह से आज रोजगार के लिए युवाओं को बनारस छोड़कर बाहर के राज्यों में जाना पड़ता है. आशुतोष त्रिपाठी का कहना था कि विकास सिर्फ सड़कें, गलियां और हाईवे बनाने से नहीं होगा. जब युवा मजबूत होगा तभी विकास होगा.

व्यापारी वर्ग पीएम मोदी से नाराज

काशी के ही रहने वाले विशाल मेहरोत्रा मोदी के विकास की राजनीति से तो खुश थे, लेकिन इस बात से नाराज थे कि विकास के नाम पर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई जा रही है. विश्वनाथ कॉरिडोर का काम हुआ, लेकिन मंदिर तोड़कर आस्था से खिलवाड़ किया गया, जबकि इस काम को शुरू करने से पहले मंदिरों की मूर्तियों को संरक्षित करने पर विचार करना चाहिए था. वहीं व्यापारी वर्ग पीएम मोदी से काफी नाराज था. एक स्थानीय व्यापारी का कहना था कि हमारा व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है. नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापार पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन व्यापारी का कहना था कि आने वाला पांच साल पीएम मोदी को ही दिया जाएगा. हालांकि इन सबके बीच पीएम मोदी के सामने अब तक विपक्ष का कोई चेहरा नहीं आया है. सिर्फ बीजेपी ने बतौर लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर पीएम मोदी के नाम का ऐलान किया है.

Intro:एंकर- वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं बीजेपी की पहली लिस्ट में जिस तरह से वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम कंफर्म हो गया है वहीं अब तक विपक्ष ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी बड़ा नेता प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने के मूड में नहीं दिख रहा शायद यही वजह है कि अब तक बनारस में कांग्रेस, सपा बसपा महागठबंधन या फिर पिछले साल आम आदमी पार्टी के सर्वे सर्वा केजरीवाल अब तक खामोश बैठे हैं. इसलिए बार-बार सवाल उठना लाजमी है कि आखिर पीएम मोदी के खिलाफ बनारस के विपक्ष का चेहरा कौन होगा लेकिन इन सब के बीच महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या 5 साल पीएम ने और सांसद बनारस को अपनी सेवा दी वह फिर से 5 साल के लिए चुनकर आएगा या नहीं, क्या प्रधानमंत्री मोदी के बतौर सांसद के रूप से बनारस के लोग खुश हैं इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश की ईटीवी भारत और हम पहुंचे पुराने बनारस के उस इलाके में जहां पर हर चाय की दुकान पर अड़ी लगती है और होती है चुनावी चकल्लस.


Body:वीओ-01 प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर से बनारस से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तमाम कयासों पर उस वक्त ब्रेक लग गया जब बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी की इसके पहले अंदाजा लगाया जा रहा था कि प्रधानमंत्री बनारस की सीट छोड़कर इस बार उड़ीसा की पूरी सीट से चुनाव लड़ेंगे लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से लोकसभा में जाने के लिए बनारस को ही चुना. उसके बाद बनारस के लोग क्या राय रखते हैं यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है क्योंकि बनारस वही शहर है जिसे बीजेपी का गण कहा जाता है मुरली मनोहर जोशी के अलावा भारतीय जनता पार्टी के शंकर प्रसाद जयसवाल एक बार नहीं बल्कि 3 बार यहां से सांसद रहे. लगातार बीजेपी का वर्चस्व बनारस की लोकसभा सीट पर कायम रहा है इन सब के बीच 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस से चुनाव लड़कर जीत हासिल की तो उन्होंने इन 5 सालों में 39000 करोड रुपए की कुल 50 योजनाओं की सौगात बनारस कैंसर हॉस्पिटल, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देश का पहला गंगा के रास्ते बनाया गया वाटर वे, विश्वनाथ कॉरिडोर रिंग रोड, फोरलेन जैसी तमाम बड़ी योजनाओं के साथ हृदय योजना के तहत गलियों सड़कों नाली खड़ंजा का भी काम हुआ. इन सबके बीच पब्लिक आखिर क्या इन कामों से खुश है और क्या फिर से एक बार पीएम मोदी को बतौर सांसद फिर से बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है या नहीं इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश हमने की.


Conclusion:वीओ-02 पुराने बनारस के चौक इलाके में जब हमने लोगों से उनकी राय जानी तो लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखें पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि हम 5 साल पीएम मोदी को देखकर बहुत खुश हैं बनारस में विकास हुआ सड़के मनी गलियां ठीक हूं जो गलियां कल तक अंधेरे में थी. वहां एलईडी लाइट लगाई है यानी कुल मिलाकर काम से संतुष्ट हो वही विक्की द्रविड़ जो पुराने बनारस के नीलकंठ इलाके के रहने वाले हैं उनका कहना था की विकास के नाम पर बनारस में बहुत कुछ हुआ काम इतना हुआ जो शायद बीते कई सालों में नहीं हुआ था, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे सेक्टर है जहां पर ध्यान देने की जरूरत है खासतौर पर युवाओं के रोजगार के लिए रोजगार के मामले में युवा बनारस में अपने सांसद से कुछ ना कुछ दिखे उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के तौर पर पीएम मोदी ने रोजगार के लिए नहीं सोचा जिसकी वजह से आज रोजगार के लिए युवाओं को बनारस छोड़ कर जाना पड़ता है. आशुतोष त्रिपाठी का कहना था कि सिर्फ विकास सड़क गली सड़कें हाईवे बनाने से नहीं होगा विकास जब युवा मजबूत होगा तभी होगा वहीं विशाल मेहरोत्रा मोदी के विकास की राजनीति से तो खुश थे लेकिन इस बात से नाराज थे कि विकास के नाम पर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई जा रही है विश्वनाथ कॉरिडोर का काम हुआ लेकिन मंदिर तोड़कर आस्था से खिलवाड़ किया गया जबकि इस काम को शुरू करने से पहले मंदिरों की मूर्तियों को संरक्षित करने पर पहले विचार करना चाहिए था वहीं व्यापारी वर्ग प्रधानमंत्री मोदी से काफी नाराज जी का व्यापारी वर्क करना था कि हमारा व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया नोटबंदी पर जीएसटी ने व्यापार पर ब्रेक लगा दिया लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है व्यापारी वर्ग नाखुश है लेकिन का यही रहा है फिर से 5 साल अपने सांसद के तौर पर मोदी को ही दिया जाएगा कुल मिलाकर कहा जाए तो बनारस का मूड मिलाजुला है लेकिन यह तब है जब अब तक विपक्ष का कोई चेहरा सामने नहीं आया है सिर्फ बीजेपी ने बतौर लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर पीएम मोदी को डिक्लेअर किया है अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी के अगेंस्ट विपक्ष से कौन ताल ठोक ता है तब जाकर बनारसी यह डिसाइड कर पाएंगे कि आखिर करना क्या है.

बाईट- पीयूष त्रिपाठी, स्थनीय नागरिक
बाईट- विशाल मेहरोत्रा, स्थनीय नागरिक
बाईट- विक्की द्रविड़, स्थनीय नागरिक
बाईट- आशुतोष त्रिपाठी, स्थनीय नागरिक
बाईट- स्थनीय व्यापारी

गोपाल मिश्र

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