वाराणसी: पावन पर्व मासिक शिवरात्रि आज है. भाद्रपद मास की मासिक शिवरात्रि पर शिवरात्रि पूजन के साथ ही रात्रि जागरण और शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन भगवान शिव के आगे घी का दीपक जलाकर उन्हें दूध अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
मासिक शिवरात्रि का महत्व: इस बारे में पंडित ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि भगवान शिव के पूजन के लिए यह दिन सबसे उत्तम दिन माना जाता है. जिस तरह से प्रदोष व्रत के बाद भगवान शिव का पूजन किया जाता है. वैसे मासिक शिवरात्रि अपने आप में हिंदू यानी सनातन पंचांग में विशेष महत्व रखने वाला दिन माना जाता है. शिवरात्रि पर बाबा भोलेनाथ के चार अलग-अलग समय चार अलग-अलग तरह के पूजन किए जाते हैं.
मासिक शिवरात्रि पूजा और व्रत विधि (Masik Shivratri Vrat Puja Vidhi): चार पहर की पूजा से जीवन के 4 तरह के कष्टों का नाश होता है. सबसे पहली पूजा सुबह दूसरी दोपहर तीसरी पूजा शाम के वक्त और चतुर्थी पूजन रात्रि में जागरण के साथ होता है. चार पहर की 4 पूजा में शिवलिंग पर दूध जल अर्पित करने के साथ ही पंचामृत स्नान करवाया जाता है, यदि शिव का कोई मंत्र आपको नहीं आता तो सिर्फ ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए भगवान शिव को दूध याद जल अर्पित करें, क्योंकि ओम नमः शिवाय एक ऐसा मंत्र है जो सभी मंत्रों पर सर्वोपरि माना गया है.
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द्विवेदी का कहना है की आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर को रात में 2:30 मिनट पर हो गई है. वहीं इस तिथि का समापन 25 सितंबर दिन रविवार को रात में 3:12 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, आश्विन शिवरात्रि 24 सितंबर को मनाई जाएगी. अगर आप व्रत रख रहे हैं तो 25 सितंबर को रात में 3:12 मिनट पर व्रता पारण कर सकते हैं.
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