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भगवान जगन्नाथ हुए स्वस्थ, काशी के लोगों ने लगाए हर-हर महादेव के नारे - द्वारिकाधीश मंदिर

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी के अस्सी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान बुधवार को स्वस्थ हुये. शुभ समाचार के इंतजार में भोर से ही भक्तों की कतार लग गई. जिसके बाद जयकारों से अस्सी स्थित मंदिर परिसर गूंज उठा.

भगवान जगन्नाथ
भगवान जगन्नाथ
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Published : Jun 29, 2022, 10:03 PM IST

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी के अस्सी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान बुधवार को स्वस्थ हुये. आयुर्वेदिक काढ़े की तासीर आखिर रंग लाई. सुबह नाड़ी परीक्षण के बाद भइया बलभद्र व बहन सुभद्रा समेत प्रभु जगन्नाथ के पूर्ण स्वस्थ होने की घोषणा की गई. शुभ समाचार के इंतजार में भोर से ही भक्तों की कतार लग गई. जिसके बाद जयकारों से अस्सी स्थित मंदिर परिसर गूंज उठा.

बनारस जेठ पूर्णिमा आज भी सदियों से निभाता चला आ रहा है. शास्त्रों के अनुसार गर्मी और शीलता के लिए भगवान को स्नान कराया जाता है. उसके बाद भगवान बीमार पड़ जाते हैं. 15 दिन बाद ठीक हो जाने के बाद वो यात्रा पर निकलते हैं, तब जाकर बारिश होती है. इस रीति को भक्त हरि के चरणों में अपनी उपस्थिति बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ दर्ज कराते हैं. आज 15 दिन पूर्ण हो गया और भगवान पूरी तरह स्वस्थ हो गये हैं.

अस्सी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर


राधेश्याम पांडेय ने बताया आज सुबह भगवान स्वस्थ होकर प्रकट हुए हैं. मंगला आरती हुई है. उसके बाद परवल और अन्य औषधियों के काढ़ा का भोग लगाया गया है. दोपहर में भगवान को मालपुआ छप्पन भोग लगाया गया. शाम को भगवान पालकी में विराजमान होकर शहर का भ्रमण करेंगे. अस्सी चौराहा, दुर्गाकुंड, नवाबगंज होते हुए कश्मीरी गंज राम मंदिर और वाराणसी के प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में रुकेंगे. उसके बाद राम मंदिर में भगवान विश्राम करेंगे. सुबह भगवान को विराजमान किया जाएगा. मंगला आरती होगी.
ये भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय समेत इन कॉलेजों में 30 जून तक होंगे आवेदन, चूके तो लटक सकता है एडमिशन
अनुपमा जायसवाल ने बताया कि बहुत दिनों से भगवान के दर्शन नहीं हो रहे थे. आज भगवान के दर्शन हुये. मन प्रसन्न हो गया. मान्यता है जो भी मनोकामना भगवान से मांगी जाती है वह पूरी होती है.
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वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी के अस्सी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान बुधवार को स्वस्थ हुये. आयुर्वेदिक काढ़े की तासीर आखिर रंग लाई. सुबह नाड़ी परीक्षण के बाद भइया बलभद्र व बहन सुभद्रा समेत प्रभु जगन्नाथ के पूर्ण स्वस्थ होने की घोषणा की गई. शुभ समाचार के इंतजार में भोर से ही भक्तों की कतार लग गई. जिसके बाद जयकारों से अस्सी स्थित मंदिर परिसर गूंज उठा.

बनारस जेठ पूर्णिमा आज भी सदियों से निभाता चला आ रहा है. शास्त्रों के अनुसार गर्मी और शीलता के लिए भगवान को स्नान कराया जाता है. उसके बाद भगवान बीमार पड़ जाते हैं. 15 दिन बाद ठीक हो जाने के बाद वो यात्रा पर निकलते हैं, तब जाकर बारिश होती है. इस रीति को भक्त हरि के चरणों में अपनी उपस्थिति बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ दर्ज कराते हैं. आज 15 दिन पूर्ण हो गया और भगवान पूरी तरह स्वस्थ हो गये हैं.

अस्सी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर


राधेश्याम पांडेय ने बताया आज सुबह भगवान स्वस्थ होकर प्रकट हुए हैं. मंगला आरती हुई है. उसके बाद परवल और अन्य औषधियों के काढ़ा का भोग लगाया गया है. दोपहर में भगवान को मालपुआ छप्पन भोग लगाया गया. शाम को भगवान पालकी में विराजमान होकर शहर का भ्रमण करेंगे. अस्सी चौराहा, दुर्गाकुंड, नवाबगंज होते हुए कश्मीरी गंज राम मंदिर और वाराणसी के प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में रुकेंगे. उसके बाद राम मंदिर में भगवान विश्राम करेंगे. सुबह भगवान को विराजमान किया जाएगा. मंगला आरती होगी.
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अनुपमा जायसवाल ने बताया कि बहुत दिनों से भगवान के दर्शन नहीं हो रहे थे. आज भगवान के दर्शन हुये. मन प्रसन्न हो गया. मान्यता है जो भी मनोकामना भगवान से मांगी जाती है वह पूरी होती है.
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