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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन करेगी राजस्व विभाग टीम, शासन को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसके चलते वाराणसी के कई हिस्से में बाढ़ का कहर जारी है. लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काफी नुकसान भी देखने को मिल रहा है.

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Published : Aug 29, 2022, 12:42 PM IST

वाराणसी: गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. अभी भी गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण नदी का पानी अब सड़क तक पहुंच गया है. सोमवार सुबह 8 बजे तक जारी आंकड़ों पर यदि गौर करें तो वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.01 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो खतरे के निशान 72.26 मीटर से 75 सेंटीमीटर ज्यादा है. बाढ़ से लोगों के पलायन का सिलसिला भी लगातार जारी है. वहीं, इससे हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अब राजस्व की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी. तटवर्ती इलाकों से लेकर वरुणा नदी से सटे तमाम इलाकों में नुकसान का आकलन करके इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के साथ ही अन्य अधिकारी सोमवार सुबह से ही अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं. वहीं, राजस्व की टीम भी अब शहर के उन इलाकों में पहुंचेगी जहां पर लगातार बाढ़ का असर बना हुआ है. राहत सामग्री के साथ-साथ अन्य जरूरी चीजों के वितरण का सिलसिला भी जारी है. स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते साल भी कमोवेश बाढ़ की यही स्थिति थी. किसानों की फसल के नुकसान और मकान आदि गिरने के मामले में शासन ने पांच करोड़ रुपये के आसपास का मुआवजा पिछले साल वितरित किया था.

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लोगों के घरों में घुसा बाढ़ का पानी.

ये भी पढ़ेंः बाढ़ पीड़ित लोग चिकित्सकीय सेवाओं के लिए न हो परेशान, इन मेडिकल कैम्पों पर करें सम्पर्क

प्रशासन का अनुमान है कि इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही होगा. हालांकि, प्रशासन द्वारा इस बार धान को लेकर 10 फीसदी से कम नुकसान होने का आकलन लगाया जा रहा है. जबकि, हरी सब्जियों की फसल बर्बाद हुई है. वरुणा नदी के साथ ही चौबेपुर के क्षेत्र में गोमती के किनारे के लगभग 55 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इन गांवों के अधिकतर लोग बाढ़ राहत कैंपों में शरण लिए हुए हैं. जबकि, 160 हेक्टेयर से अधिक की फसल जलमग्न होने का अंदाजा भी लगाया गया है. इन सभी बिंदुओं को देखते हुए राजस्व की टीम सोमवार को वाराणसी के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए नुकसान का आकलन करेगी और शासन को रिपोर्ट प्रेषित करेगी.

ये भी पढ़ेंः बलिया में भी गंगा ने दिखाया रौद्र रूप, राहत शिविरों में जाने को ग्रामीण मजबूर

वाराणसी: गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. अभी भी गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण नदी का पानी अब सड़क तक पहुंच गया है. सोमवार सुबह 8 बजे तक जारी आंकड़ों पर यदि गौर करें तो वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.01 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो खतरे के निशान 72.26 मीटर से 75 सेंटीमीटर ज्यादा है. बाढ़ से लोगों के पलायन का सिलसिला भी लगातार जारी है. वहीं, इससे हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अब राजस्व की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी. तटवर्ती इलाकों से लेकर वरुणा नदी से सटे तमाम इलाकों में नुकसान का आकलन करके इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के साथ ही अन्य अधिकारी सोमवार सुबह से ही अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं. वहीं, राजस्व की टीम भी अब शहर के उन इलाकों में पहुंचेगी जहां पर लगातार बाढ़ का असर बना हुआ है. राहत सामग्री के साथ-साथ अन्य जरूरी चीजों के वितरण का सिलसिला भी जारी है. स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते साल भी कमोवेश बाढ़ की यही स्थिति थी. किसानों की फसल के नुकसान और मकान आदि गिरने के मामले में शासन ने पांच करोड़ रुपये के आसपास का मुआवजा पिछले साल वितरित किया था.

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लोगों के घरों में घुसा बाढ़ का पानी.

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प्रशासन का अनुमान है कि इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही होगा. हालांकि, प्रशासन द्वारा इस बार धान को लेकर 10 फीसदी से कम नुकसान होने का आकलन लगाया जा रहा है. जबकि, हरी सब्जियों की फसल बर्बाद हुई है. वरुणा नदी के साथ ही चौबेपुर के क्षेत्र में गोमती के किनारे के लगभग 55 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इन गांवों के अधिकतर लोग बाढ़ राहत कैंपों में शरण लिए हुए हैं. जबकि, 160 हेक्टेयर से अधिक की फसल जलमग्न होने का अंदाजा भी लगाया गया है. इन सभी बिंदुओं को देखते हुए राजस्व की टीम सोमवार को वाराणसी के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए नुकसान का आकलन करेगी और शासन को रिपोर्ट प्रेषित करेगी.

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