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पिता का शूटर बेटी के लिए डेडिकेशन, प्रैक्टिस के लिए खरीद लिया फ्लैट

समृद्धि के इस काम में उसकी मदद कर रहे हैं उसके पिता. कक्षा आठ में पढ़ने वाली काशी की इस बिटिया ने कैसे अपने शूटिंग के सपने को पूरा करने की ओर पहला कदम बढ़ाया है और उसके पिता ने किस तरह अपना सब कुछ उसके लिए दांव पर लगा दिया यह बहुत ही रोचक पर मिसाल बनने वाली कहानी है.

प्रैक्टिस के लिए पिता ने खरीद लिया फ्लैट.
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Published : Mar 27, 2019, 8:02 PM IST

वाराणसी: काशी की बेटियां पूरे देश में नाम कमा रही हैं, लेकिन यह तभी मुमकिन है जब उनको उनके अपनों का भरपूर साथ मिल रहा है. ऐसी ही एक वाराणसी की बेटी है, जिसने अभी-अभी खेल की दुनिया में कदम रखा है. जहां से वह अपना नाम और अपने देश का नाम बुलंदियों पर लेकर जाना चाहती है.

वाराणसी की रहने वाली समृद्धि केसरी 10 मीटर एयर पिस्टल स्पोर्ट्स इवेंट में अपना नाम बनाना चाहती है और इसके लिए उन्होंने शुरुआत भी कर दी है. 13 साल की समृद्धि 9 साल की उम्र से इस गेम को खेल रही है और उनको पहला गोल्ड मैडल भी मिल चुका है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन नार्थ क्लस्टर में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाली समृद्धि इस गेम से पूरी दुनिया में अपना नाम बनाना चाहती है.

प्रैक्टिस के लिए पिता ने खरीद लिया फ्लैट.

अपनी बेटी के इस सपने में उसका साथ दे रहे हैं उसके पिता. समृद्धि के पिता ने वाराणसी में इंडोर शूटिंग रेंज न होने के चलते एक फ्लैट खरीद कर उसको शूटिंग रेंज में बदल दिया है. समृद्धि रोज इस फ्लैट में आकर 4 से 6 घंटे शूटिंग की प्रैक्टिस कर अपने खेल को निखारती है. सिर्फ शूटिंग ही नहीं समृद्धि और भी खेल में आगे रहती है. खेलों से उसका जुड़ाव काफी पहले से है और वो अपने स्कूल में रेस ओर एथलेटिक इवेंट्स में भी भाग लेती रहती है.

वाराणसी: काशी की बेटियां पूरे देश में नाम कमा रही हैं, लेकिन यह तभी मुमकिन है जब उनको उनके अपनों का भरपूर साथ मिल रहा है. ऐसी ही एक वाराणसी की बेटी है, जिसने अभी-अभी खेल की दुनिया में कदम रखा है. जहां से वह अपना नाम और अपने देश का नाम बुलंदियों पर लेकर जाना चाहती है.

वाराणसी की रहने वाली समृद्धि केसरी 10 मीटर एयर पिस्टल स्पोर्ट्स इवेंट में अपना नाम बनाना चाहती है और इसके लिए उन्होंने शुरुआत भी कर दी है. 13 साल की समृद्धि 9 साल की उम्र से इस गेम को खेल रही है और उनको पहला गोल्ड मैडल भी मिल चुका है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन नार्थ क्लस्टर में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाली समृद्धि इस गेम से पूरी दुनिया में अपना नाम बनाना चाहती है.

प्रैक्टिस के लिए पिता ने खरीद लिया फ्लैट.

अपनी बेटी के इस सपने में उसका साथ दे रहे हैं उसके पिता. समृद्धि के पिता ने वाराणसी में इंडोर शूटिंग रेंज न होने के चलते एक फ्लैट खरीद कर उसको शूटिंग रेंज में बदल दिया है. समृद्धि रोज इस फ्लैट में आकर 4 से 6 घंटे शूटिंग की प्रैक्टिस कर अपने खेल को निखारती है. सिर्फ शूटिंग ही नहीं समृद्धि और भी खेल में आगे रहती है. खेलों से उसका जुड़ाव काफी पहले से है और वो अपने स्कूल में रेस ओर एथलेटिक इवेंट्स में भी भाग लेती रहती है.

Intro:वाराणसी। काशी की बेटियां पूरे देश में नाम कमा रही है लेकिन यह तभी मुमकिन है जब उनको उनके अपनों का भरपूर साथ मिल रहा है। ऐसी ही एक वाराणसी की बेटी है जिसने अभी अभी खेल की दुनिया में कदम रखा है। जहां से वह अपना नाम और अपने देश का नाम बुलंदियों पर लेकर जाना चाहती है। इस काम में उसकी मदद कर रहे हैं उसके पिता। कक्षा आठ में पढ़ने वाली काशी की इस बिटिया ने कैसे अपने शूटिंग के सपने को पूरा करने की ओर पहला कदम बढ़ाया है और उसके पिता ने किस तरह अपना सब कुछ उसके लिए दांव पर लगा दिया यह बहुत ही रोचक पर मिसाल बनने वाली कहानी है।


Body:VO1: वाराणसी की रहने वाली समृद्धि केसरी 10 मीटर एयर पिस्टल स्पोर्ट्स इवेंट में अपना नाम बनाना चाहती है और इसके लिए उन्होंने शुरुआत भी कर दी है 13 साल की समृद्धि 9 साल से इस गेम को खेल रही है और उनको पहला गोल्ड मैडल भी मिल चुका है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेक दरी एजुकेशन ले नार्थ क्लस्टर में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाली समृद्धि इस गेम से पूरी दुनिया मे अपना नाम बनाना चाहती हैं। अपनी बेटी के इस सपने में उसका बहरूप साथ दे रहे हैं उसके पिता। समृद्धि के पिता ने न सिर्फ अपनी बेटी की ट्रेनिंग की ज़िम्मेदारी ली है बल्कि वाराणसी में इंडोर शूटिंग रेंज न होने के चलते उसको तकलीफ न हो इसलिए एक फ्लैट खरीद कर उसको शूटिंग रेंज में बदल दिया है। समृद्धि रोज़ 4 से 6 घंटे सगूटिंग की प्रैक्टिस करती हैं और अपने इस गेम को निखार रही हैं। बाइट: समृद्धि केसरी, शूटर और उनके पिता


Conclusion:VO2: सिर्फ शूटिंग ही नही समृद्धि और भी खेल में आगे रहती हैं। खेलों से उनका जुड़ाव काफी पहले से है और वो अपने स्कूल में रेस ओर एथलेटिक इवेंट्स में भी भाग लेती रहती हैं। समृद्धि की माँ का कहना है कि सिर्फ खेल कूद पर ही बच्ची का ध्यान न रह जाए इसके लिए उन्होंने समृद्धि के लिए एक प्रॉपर शेड्यूल तैयार किया है जिसका पर वो पूरी तरह धायण देती हैं और अपनी बेटी को भी फॉलो करवाती हैं। समृद्धि धीरे धीरे अपने सपने के करीब पहुंच रही हैं लेकिन बनारस में इंडोर शूटिंग रेंज न होना थोड़ी मुश्किल पैदा करता है। हालांकि, इस नन्ही शूटर की ज़िंदगी मे अनुशासन को पूरी तरह उतारने के लिए इसका परिवार चाहता है कि अगर समृद्धि को खुद देश की आर्मी से ट्रेनिंग मिल जाए तो वो अपने जीवन काफी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। Regards Arnima Dwivedi Varanasi 7523863236
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