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बीएचयू कैंपस में लगा विवादित पोस्टर, समर्थन में उतरे छात्र

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक विवादित पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर में छात्र हितों के 5 मुद्दे लिखे गये हैं. हालांकि छात्रों ने एक स्वर में पोस्टर का समर्थन किया है.

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बीएचयू कैंपस में लगा विवादित पोस्टर
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Published : Feb 2, 2022, 7:18 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 11:08 PM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तमाम संस्थाओं और सार्वजनिक स्थलों पर एक विवादित पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है 'योगी जी तुम से बैर नहीं, धर्मेंद्र प्रधान तेरी खैर नहीं' छात्र हितों के 5 मुद्दों को लिखा गया है. सावरकर विद्यार्थी मंच (Savarkar Vidyarthi Manch) काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा यह पोस्टर लगाया गया है. सोशल मीडिया से लेकर विश्वविद्यालय में यह पोस्टर चर्चा का विषय बना है. हालांकि छात्रों ने इस पोस्टर का समर्थन भी किया है. विश्वविद्यालय में इस तरह पोस्टर लगने से एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है. हालांकि छात्रों ने एक स्वर में पोस्टर का समर्थन किया है.


इसे भी पढ़ेंः बीएचयू: संस्कृत विभाग के छात्रों ने चुनाव के बारे में क्या कहा, देखें वीडियो

शोध छात्र अधोक्षक पांडेय ने बताया सावरकर विद्यार्थी मंच की ओर से यह पोस्टर लगाया गया है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्र के नाते देखे तो पोस्टर के माध्यम से बहुत ही अच्छा विषय उठाया गया है. उसमें जो मांग लिखी गई है, वह सही है. स्कॉलरशिप बढ़ाया जाए, वे बात भी बिल्कुल सही है. 4 महीने से हम लोगों की स्कॉलरशिप नहीं मिली है. वह सब बातें बिल्कुल सही लिखी गई है और यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय का छात्र ही लिख सकता है, क्योंकि महामना नहीं कहा था. सरकार को विचार करना चाहिए. विश्वविद्यालय प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

बीएचयू कैंपस में लगा विवादित पोस्टर
आशीर्वाद दुबे ने बताया इस पोस्टर का हम स्वागत करते हैं. क्योंकि इसमें छात्र हितों की बात कही गई है, जिसने यह पोस्टर लगाया है उसका स्वागत और धन्यवाद देते हैं. ऐसे वातावरण में उसमें लिखा जा रहा है. योगी तुझसे बैर नहीं शिक्षा मंत्री तेरी खैर नहीं यह बहुत ही अच्छी बात है. जब से मोदी सरकार आई है बहुत से स्कॉलरशिप बंद कर दिए गए. हम सभी छात्रों की यह मांग है कि स्कॉलरशिप बढ़ानी चाहिए. कही भी नियुक्ति के लिए हिंदी भाषी छात्रों को वरीयता नहीं दीजाती है. इन सब बातों को उसमें दर्शाया गया है. यह बिल्कुल सही है.

पोस्टर में मुख्य रुप से लिखा है

नॉन नेट शोधवृत्ति 25000 प्रतिमा की जाए.

बीएचयू की रुकी हुई शोधवृत्ति यूजीसी द्वारा तत्काल जारी हो.

शोधवृत्ति प्रत्येक माह शोध छात्रों के खाते में भेजी जाए.

यूजीसी पीडीएफ तत्काल प्रारंभ की जाए.

नियुक्तियों में हिंदीभाषी छात्रों के साथ भेदभाव बंद हो.

योगी जी तुम से बैर नहीं धर्मेंद्र प्रधान तेरी खैर नहीं.




ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तमाम संस्थाओं और सार्वजनिक स्थलों पर एक विवादित पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है 'योगी जी तुम से बैर नहीं, धर्मेंद्र प्रधान तेरी खैर नहीं' छात्र हितों के 5 मुद्दों को लिखा गया है. सावरकर विद्यार्थी मंच (Savarkar Vidyarthi Manch) काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा यह पोस्टर लगाया गया है. सोशल मीडिया से लेकर विश्वविद्यालय में यह पोस्टर चर्चा का विषय बना है. हालांकि छात्रों ने इस पोस्टर का समर्थन भी किया है. विश्वविद्यालय में इस तरह पोस्टर लगने से एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है. हालांकि छात्रों ने एक स्वर में पोस्टर का समर्थन किया है.


इसे भी पढ़ेंः बीएचयू: संस्कृत विभाग के छात्रों ने चुनाव के बारे में क्या कहा, देखें वीडियो

शोध छात्र अधोक्षक पांडेय ने बताया सावरकर विद्यार्थी मंच की ओर से यह पोस्टर लगाया गया है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्र के नाते देखे तो पोस्टर के माध्यम से बहुत ही अच्छा विषय उठाया गया है. उसमें जो मांग लिखी गई है, वह सही है. स्कॉलरशिप बढ़ाया जाए, वे बात भी बिल्कुल सही है. 4 महीने से हम लोगों की स्कॉलरशिप नहीं मिली है. वह सब बातें बिल्कुल सही लिखी गई है और यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय का छात्र ही लिख सकता है, क्योंकि महामना नहीं कहा था. सरकार को विचार करना चाहिए. विश्वविद्यालय प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

बीएचयू कैंपस में लगा विवादित पोस्टर
आशीर्वाद दुबे ने बताया इस पोस्टर का हम स्वागत करते हैं. क्योंकि इसमें छात्र हितों की बात कही गई है, जिसने यह पोस्टर लगाया है उसका स्वागत और धन्यवाद देते हैं. ऐसे वातावरण में उसमें लिखा जा रहा है. योगी तुझसे बैर नहीं शिक्षा मंत्री तेरी खैर नहीं यह बहुत ही अच्छी बात है. जब से मोदी सरकार आई है बहुत से स्कॉलरशिप बंद कर दिए गए. हम सभी छात्रों की यह मांग है कि स्कॉलरशिप बढ़ानी चाहिए. कही भी नियुक्ति के लिए हिंदी भाषी छात्रों को वरीयता नहीं दीजाती है. इन सब बातों को उसमें दर्शाया गया है. यह बिल्कुल सही है.

पोस्टर में मुख्य रुप से लिखा है

नॉन नेट शोधवृत्ति 25000 प्रतिमा की जाए.

बीएचयू की रुकी हुई शोधवृत्ति यूजीसी द्वारा तत्काल जारी हो.

शोधवृत्ति प्रत्येक माह शोध छात्रों के खाते में भेजी जाए.

यूजीसी पीडीएफ तत्काल प्रारंभ की जाए.

नियुक्तियों में हिंदीभाषी छात्रों के साथ भेदभाव बंद हो.

योगी जी तुम से बैर नहीं धर्मेंद्र प्रधान तेरी खैर नहीं.




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Last Updated : Feb 2, 2022, 11:08 PM IST
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