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सहारनपुर के खूनी हाईवे की दर्दनाक कहानी, जानिए कितने राहगीरों के खून से लाल हो रहे नेशनल और स्टेट हाईवे

पिछले 8 सालों में सहारनपुर जिले में दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे और दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे पर हुई दुर्घटनाओं में करीब 1400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. पिछले एक साल की बात करें तो 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

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Published : Aug 24, 2022, 10:35 AM IST

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सहारनपुर के खूनी हाइवे

सहारनपुर: इन दिनों जिले के नेशनल और स्टेट हाईवे राहगीरों के खून से लाल हो रहे हैं. कई बार बड़े सड़क हादसों में एक ही परिवार के कई सदस्यों की मौत हो रही है. लगातार हो रहे हादसों के पीछे बड़ी वजह हाईवे के नियमों से अंजान होना बताया जा रहा है. अकेले सहारनपुर जिले में पिछले एक साल में 200 से ज्यादा लोग नेशनल और स्टेट हाईवे की चपेट चढ़ गए हैं. बावजूद इसके यातायात और हाईवे के नियमों से अंजान चालक वाहनों को सरपट दौड़ा रहे हैं. एक ओर जहां ट्रेक्टर ट्रॉली में ओवरलोड भार ढोया जा रहा है, वहीं महिलाओं और बच्चों को भरकर भी हाईवे पर गाड़िया दौड़ाई जा रही हैं. इसके चलते सड़क हादसे हो रहे हैं.

बता दें कि जितनी तेजी से केंद्रीय परिवहन मंत्री हाईवे की सौगात दे रहे हैं. उससे ज्यादा तेजी से वाहनों की रफ्तार सड़क हादसों को दावत दे रही है. यानी सड़कों और हाईवों का चौड़ीकरण भले ही किया जा रहा हो, लेकिन लोग आज भी पुरानी ढर्रे पर वाहन दौड़ा रहे हैं. वाहन चालक जहां खुद की जान जोखिम में डालकर चलते हैं. वहीं, परिजनों अन्य यात्रियों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. पिछले 8 सालों की बात करे तो जिला सहारनपुर में दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे और दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे पर हुई दुर्घटनाओं में करीब 1400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. पिछले एक साल की करें तो 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

सोमवार को दिल्ली यमुनोत्री हाईवे पर ट्रक और वैन की टक्कर में एक ही परिवार की 4 महिलाओं समेत 6 लोगों की मौत हुई है. वहीं, दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे पर थाना देवबंद इलाके में कार और ट्रेक्टर ट्रॉली की भिंड़त में 4 लोग अकाल ही मौत में समा गए. वहीं, मंगलवार को भी अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की जान चली गई है.

इसे भी पढे़-श्रद्धालुओं से भरे लोडर में ट्रक ने पीछे से मारी टक्कर, 20 घायल

सहारनपुर के दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर 21 अगस्त 2022 की रात को ट्रक और वैन की भीषण टक्कर हो गई. इसमें चार महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई. मृतक में एक महिला गर्भवती थी. जांच में सामने आया कि ट्रक चालक गलत साइड आ रहा था और तेजी में था. इस कारण आमने सामने टक्कर हो गई. ट्रक चालक कट मारकर दूसरी ओर जाना चाहता था. हादसे में आदिल, उसकी गर्भवती पत्नी आसमा, आदिल की मां सुल्ताना, मामी रिहाना, मामा मशकूर और उसकी पत्नी रुखसार की भी मौत हो गई. वहीं, थाना देवबंद इलाके के दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे-59 पर 22 अगस्त 2022 की देर शाम को कार और ट्रैक्टर-ट्रॉली की भिड़त हो गई. इसमें चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. ट्रैक्टर-ट्रॉली सवार शिवानी, कार चालक रोहन, सार्थक व ज्ञानवती की मौत हो गई.

बीते एक साल की बात करें तो इन हाइवों पर 200 से ज्यादा लोग मौत के आघोष में समा चुके हैं. जानकारों की माने तो हाइवे पर हो रहे हादसों का मुख्य कारण वाहन चालकों का यातायात और हाइवे के नियम से अंजान होना है. यही वजह है कि, चालक अपने वाहन को कभी रॉन्ग साइड चलाते है तो कभी शराब पीकर दौड़ाते हैं. 5 सीटर कार में आधा दर्जन से ज्यादा सवारियां भर लेते है, तो कई बार ट्रेक्टर ट्रॉलियों में सैकड़ो महिलाओं और पृरुषों को भरकर तेज रफ्तार से दौड़ाते है. इसके चलते आये दिन ऐसे वाहन हाइवे पर हादसों का शिकार हो रहे है.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के दोनों हाइवों पर बीते एक साल में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा अन्य मार्गो पर भी आये दिन हो रहे हादसों में सैकड़ो लोग अकाल की मौत में समा चुके हैं. अगर आठ वर्षों की बात करें तो यही हाइवे 1400 से ज्यादा लोगों की जान निगल चुके हैं.

यह भी पढ़े-अमेठी में भीषण सड़क हादसा, 12 घायल, 4 की हालत गंभीर

सहारनपुर: इन दिनों जिले के नेशनल और स्टेट हाईवे राहगीरों के खून से लाल हो रहे हैं. कई बार बड़े सड़क हादसों में एक ही परिवार के कई सदस्यों की मौत हो रही है. लगातार हो रहे हादसों के पीछे बड़ी वजह हाईवे के नियमों से अंजान होना बताया जा रहा है. अकेले सहारनपुर जिले में पिछले एक साल में 200 से ज्यादा लोग नेशनल और स्टेट हाईवे की चपेट चढ़ गए हैं. बावजूद इसके यातायात और हाईवे के नियमों से अंजान चालक वाहनों को सरपट दौड़ा रहे हैं. एक ओर जहां ट्रेक्टर ट्रॉली में ओवरलोड भार ढोया जा रहा है, वहीं महिलाओं और बच्चों को भरकर भी हाईवे पर गाड़िया दौड़ाई जा रही हैं. इसके चलते सड़क हादसे हो रहे हैं.

बता दें कि जितनी तेजी से केंद्रीय परिवहन मंत्री हाईवे की सौगात दे रहे हैं. उससे ज्यादा तेजी से वाहनों की रफ्तार सड़क हादसों को दावत दे रही है. यानी सड़कों और हाईवों का चौड़ीकरण भले ही किया जा रहा हो, लेकिन लोग आज भी पुरानी ढर्रे पर वाहन दौड़ा रहे हैं. वाहन चालक जहां खुद की जान जोखिम में डालकर चलते हैं. वहीं, परिजनों अन्य यात्रियों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. पिछले 8 सालों की बात करे तो जिला सहारनपुर में दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे और दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे पर हुई दुर्घटनाओं में करीब 1400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. पिछले एक साल की करें तो 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

सोमवार को दिल्ली यमुनोत्री हाईवे पर ट्रक और वैन की टक्कर में एक ही परिवार की 4 महिलाओं समेत 6 लोगों की मौत हुई है. वहीं, दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे पर थाना देवबंद इलाके में कार और ट्रेक्टर ट्रॉली की भिंड़त में 4 लोग अकाल ही मौत में समा गए. वहीं, मंगलवार को भी अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की जान चली गई है.

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सहारनपुर के दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर 21 अगस्त 2022 की रात को ट्रक और वैन की भीषण टक्कर हो गई. इसमें चार महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई. मृतक में एक महिला गर्भवती थी. जांच में सामने आया कि ट्रक चालक गलत साइड आ रहा था और तेजी में था. इस कारण आमने सामने टक्कर हो गई. ट्रक चालक कट मारकर दूसरी ओर जाना चाहता था. हादसे में आदिल, उसकी गर्भवती पत्नी आसमा, आदिल की मां सुल्ताना, मामी रिहाना, मामा मशकूर और उसकी पत्नी रुखसार की भी मौत हो गई. वहीं, थाना देवबंद इलाके के दिल्ली देहरादून स्टेट हाईवे-59 पर 22 अगस्त 2022 की देर शाम को कार और ट्रैक्टर-ट्रॉली की भिड़त हो गई. इसमें चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. ट्रैक्टर-ट्रॉली सवार शिवानी, कार चालक रोहन, सार्थक व ज्ञानवती की मौत हो गई.

बीते एक साल की बात करें तो इन हाइवों पर 200 से ज्यादा लोग मौत के आघोष में समा चुके हैं. जानकारों की माने तो हाइवे पर हो रहे हादसों का मुख्य कारण वाहन चालकों का यातायात और हाइवे के नियम से अंजान होना है. यही वजह है कि, चालक अपने वाहन को कभी रॉन्ग साइड चलाते है तो कभी शराब पीकर दौड़ाते हैं. 5 सीटर कार में आधा दर्जन से ज्यादा सवारियां भर लेते है, तो कई बार ट्रेक्टर ट्रॉलियों में सैकड़ो महिलाओं और पृरुषों को भरकर तेज रफ्तार से दौड़ाते है. इसके चलते आये दिन ऐसे वाहन हाइवे पर हादसों का शिकार हो रहे है.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के दोनों हाइवों पर बीते एक साल में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा अन्य मार्गो पर भी आये दिन हो रहे हादसों में सैकड़ो लोग अकाल की मौत में समा चुके हैं. अगर आठ वर्षों की बात करें तो यही हाइवे 1400 से ज्यादा लोगों की जान निगल चुके हैं.

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